सिविक सेंटर रजिस्ट्री कांड में तत्कालीन नगर निगम आयुक्त सहित 36 लोगों पर केस दर्ज

लोकायुक्त ने रतलाम निवासी तेज इंडिया के पत्रकार एवं समाजसेवी रफीक खान एवं तुषार शर्मा की शिकायत पर प्रारंभिक जांच के बाद तत्कालीन नगर निगम आयुक्त एपीएस गहरवार, उपायुक्त विकास सोलंकी, उप पंजीयक सहित 36 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

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Ravi Singh
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Civic Center Registry Scandal
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आमीन हुसैन, RATLAM : शहर की बहुचर्चित सिविक सेंटर रजिस्ट्री कांड ( Civic Center Registry Scandal ) में लोकायुक्त उज्जैन ( Lokayukta Ujjain ) ने बड़ी कार्रवाई ( big action ) को अंजाम दिया गया है। लोकायुक्त ने रतलाम निवासी तेज इंडिया के पत्रकार एवं समाजसेवी रफीक खान एवं तुषार शर्मा की शिकायत पर प्रारंभिक जांच के बाद तत्कालीन नगर निगम आयुक्त एपीएस गहरवार, उपायुक्त विकास सोलंकी, उप पंजीयक सहित 36 लोगों के खिलाफ धारा 13 (1) (ए), 13(2) भ्र.नि.अधि. 1988 ( संशोधन 2018 ) एवं 409, 420, 120 (बी) भा.दं.वि. में प्रकरण दर्ज किया है।

मिलीभगत से हुई रजिस्ट्री

लोकायुक्त ने बताया कि 7 व 9 मार्च को रतलाम नगर निगम के सम्मेलन में नगर निगम आयुक्त एपीएस गहरवार व उपायुक्त विकास सोलंकी के विरूद्ध पार्षदों द्वारा नाराजगी जताते हुए रजिस्ट्री व नामांकन कराने के गंभीर आरोप लगाए गये। इस प्रकार रतलाम नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर मिलीभगत कर रजिस्ट्री कराई गई तथा शासन को धोखे में रखकर आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया। इस मामले में जब कोई भी आवाज उठाने से डर रहा था तब तेज इंडिया के तेज तर्रार पत्रकार रफीक खान ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और दोषियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया।

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जांच में पाया दोषी 

प्रकरण की जांच उप पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार तालान ने की, तो जांच में पाया गया कि आयुक्त नगर निगम एपीएस गहरवार ने अपने पद व प्रास्थिति का दुरुपयोग किया तथा न तो निगम और न ही एम.आई.सी. से कोई ठहराव कराया और न ही सूचना दी और छल व षड्यंत्र पूर्वक 27 भूखंडों की रजिस्ट्री (लीज पट्टा) पूर्णतः नियम विपरीत करा दी गई।

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नामांतरण भी करवा दिया 

लोकायुक्त ने बताया कि भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले संबंधित अधिकारी द्वारा उक्त भूखण्डों का नामांतरण करवाते हुए बिना निगम/एम.आई.सी. की अनुमति के निजी व्यक्तियों को बेचकर अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त करते हुए अपराध किया। उनके द्वारा किए गए इस कार्य में अन्य अधिकारियों के साथ प्राइवेट व्यक्तियों की भी संलिप्तता पायी गयी है।

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इनके खिलाफ हुआ केस दर्ज 

भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले में लोकायुक्त द्वारा एपीएस गहरवार तत्कालीन आयुक्त, विकास सोलंकी उपायुक्त, प्रसन्ना गुप्ता उप पंजीयक, वाणिज्यिक कर विभाग, कविता वर्मा, प्राची वर्मा निवासी काटजू नगर, निधि वर्मा, अशोक शर्मा निवासी शुभम विहार कस्तूरबा नगर, प्रवीणा वोरा निवासी देवीसिंह कॉलोनी, रवि पिरोदिया निवासी लक्कडपीठा, जीवन लाल पितलिया निवासी चांदनी चौक, बृजेश जैन निवासी चांदनी चौक, विजयाबाई पिरोदिया, निवासी लक्कड़पीठा, शांतिबाई शेखावत, निवासी सज्जनमिल रोड़, चंदू शिवानी निवासी शास्त्री नगर, जितेन्द्र तनवानी राजपूत बोर्डिंग दिलीप चौहान निवासी डोंगरे नगर, मोहनलाल पाटीदार, ग्राम धराड़, सज्जन सिंह निवासी धीरजशाह नगर, अमृतलाल मांडोत निवासी नीमचौक, दिलीप मांडोत, वैभव कटारिया निवासी सायर चबुतरा, सुदर्शन मांडोत निवासी नीमचौक, विमल मांडोत निवासी नीमचौक, अभय मांडोत, रवि कटारिया निवासी सायर चबुतरा, रमेश रखबचंद सुराना, राजेश शिवानी निवासी शास्त्री नगर, विनय राव निवासी निवासी विनोबा नगर, अभय कुमार पिरोदिया निवासी लक्क्डपीठा, प्रदीप ओझा निवासी इंद्रपुरी इंदलोक नगर, प्रवीण निवासी लक्कड़पीठा, बसंत शर्मा निवासी हाठीराम दरवाजा, राजेन्द्र पितलिया निवासी डॉ. राधाकृष्ण नगर, सुषमा देवी पितलिया, विवेक पितलिया, स्वीटी पितलिया एवं अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

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