मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बड़ा ऐलान, अब स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई जाएगी रानी दुर्गावती की कहानी

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर जबलपुर में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में एक अहम घोषणा की। उन्होंने बताया कि रानी दुर्गावती के जीवन और बलिदान को स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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जबलपुर. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर एक ऐतिहासिक घोषणा की है। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि रानी दुर्गावती के जीवन और बलिदान की कहानी को राज्य के स्कूल-कॉलेज  के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी उनके साहस और संघर्ष से प्रेरणा ले सके। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में रानी दुर्गावती की युद्ध कला, प्रशासनिक क्षमता और जल संरक्षण के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती पूरे राज्य में धूमधाम से मनाई जाएगी।

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रानी दुर्गावती की वीरता: 52 युद्धों में 51 जीत

CM डॉ. मोहन यादव ने रानी दुर्गावती की वीरता को उजागर करते हुए कहा, "रानी दुर्गावती का साहस और बलिदान हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कुल 52 युद्ध लड़े, जिनमें से 51 में विजय प्राप्त की। मुगलों के सेनापति आसफ खां को तीन बार हराने वाली यह वीरांगना गोंडवाना साम्राज्य की गौरवमयी शासिका थीं, जिन्होंने 15 वर्षों तक 23,000 से अधिक गांवों का सफलतापूर्वक संचालन किया।"

जबलपुर में विशेष कैबिनेट बैठक

मुख्यमंत्री ने बताया कि रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती का आयोजन राज्य स्तर पर बड़े पैमाने पर किया जाएगा, और इसके लिए जबलपुर में विशेष कैबिनेट बैठक भी आयोजित की गई है। साथ ही, रानी दुर्गावती के नाम पर एक नई योजना – 'रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना' भी शुरू की गई है। इस योजना के तहत मिलेट्स की फसलों के समर्थन मूल्य में 1000 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर इसे 4000 रुपये कर दिया गया है।

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जल संरक्षण की दिशा में रानी दुर्गावती के योगदान को मान्यता

रानी दुर्गावती के जल संरक्षण के प्रयासों की भी मुख्यमंत्री ने सराहना की। उन्होंने कहा, "रानी ताल, आधार ताल और संग्राम ताल जैसी जल संरचनाएं आज भी उनके पर्यावरणीय दृष्टिकोण का प्रमाण हैं। राज्य सरकार ने इन तालाबों को संरक्षित करने और उनके नाम से जोड़ने का काम शुरू कर दिया है।"

यह कार्यक्रम केवल एक श्रद्धांजलि नहीं है, बल्कि यह हमारी परंपरा, संस्कृति और नारी सम्मान का उत्सव है। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वे रानी दुर्गावती के बलिदान को जीवन की प्रेरणा बनाएं और उनके आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुंचाएं।

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रानी दुर्गावती: गोंडवाना साम्राज्य की महान शासिका

रानी दुर्गावती का जन्म 1524 में चंदेल राजवंश में हुआ था। वे गोंडवाना साम्राज्य की शासिका बनीं और 15 वर्षों तक गोंडवाना का सफलतापूर्वक प्रशासन किया। रानी दुर्गावती न केवल एक महान योद्धा थीं, बल्कि एक दूरदर्शी प्रशासक भी थीं। उन्होंने कुल 52 युद्ध लड़े और इनमें से 51 में विजय प्राप्त की। रानी दुर्गावती ने मुगलों के सेनापति आसफ खां को तीन बार हराया और गोंडवाना साम्राज्य की रक्षा के लिए अद्वितीय योगदान दिया।

24 जून 1564 को मुगलों से युद्ध करते हुए वीरगति प्राप्त करने से पहले रानी दुर्गावती ने भारतीय नारी शक्ति का गौरव बढ़ाया। उनकी वीरता और बलिदान हमेशा इतिहास में अमर रहेंगे।

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FAQ

रानी दुर्गावती का योगदान क्या था?
रानी दुर्गावती ने गोंडवाना साम्राज्य की शासिका के रूप में 15 वर्षों तक शासन किया और 52 युद्धों में 51 में विजय प्राप्त की। वे एक कुशल योद्धा और प्रशासक थीं। उन्होंने मुगलों के सेनापति आसफ खां को तीन बार हराया और जल संरक्षण के लिए तालाबों का निर्माण किया।
रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती कैसे मनाई जाएगी?
रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती पूरे राज्य में धूमधाम से मनाई जाएगी। इस अवसर पर रानी दुर्गावती के जीवन और बलिदान को पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की गई है। इसके अलावा, रानी दुर्गावती के नाम पर 'रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना' शुरू की गई है।
रानी दुर्गावती के जल संरक्षण के प्रयासों का क्या महत्व था?
रानी दुर्गावती ने जल संरक्षण के लिए तालाबों का निर्माण किया था, जिनमें रानी ताल, आधार ताल और संग्राम ताल प्रमुख हैं। इन जल स्रोतों का संरक्षण आज भी उनके पर्यावरणीय दृष्टिकोण का प्रमाण है।




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