सीएम मोहन यादव बने टीचर, समझाया भारतीय टाइम कैलकुलेशन का साइंस

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने डोंगला स्थित वराहमिहिर खगोलीय वेधशाला में शंकु यंत्र से सूर्य परिचालन का रहस्य समझाया और भारतीय समय ज्ञान के विज्ञान पर प्रकाश डाला। 21 जून को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डोंगला वेधशाला में एक अद्भुत खगोलीय घटना का निरीक्षण किया।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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21 जून को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने उज्जैन के डोंगला स्थित वराहमिहिर खगोलीय वेधशाला में खगोलीय घटना का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने शंकु यंत्र का उपयोग कर सूर्य के परिचालन से जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने सूर्य के उत्तरायण और दक्षिणायण से संबंधित काल गणना और समय परिवर्तन की प्रक्रिया को समझाया।

शंकु यंत्र और सूर्य परिचालन

शंकु यंत्र एक विशेष प्रकार का यंत्र है जिसे समय और खगोलीय घटनाओं का अध्ययन करने के लिए उपयोग किया जाता है। यंत्र में एक शंकु के आकार का स्तंभ होता है, और इसका उपयोग सूर्य की परछाई के द्वारा समय गणना करने के लिए किया जाता है। यह यंत्र सूर्य के विभिन्न भौगोलिक अवस्थाओं (जैसे उत्तरायण और दक्षिणायण) के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

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सूर्य के उत्तरायण और दक्षिणायण के कालक्रम को समझने में शंकु यंत्र का महत्व है, क्योंकि यह यंत्र सूर्य की स्थिति का वास्तविक समय में निर्धारण करने में मदद करता है। डोंगला में जब सूर्य उत्तरायण के अंतिम बिंदु पर होता है, तब शंकु यंत्र पर सूर्य की छाया गायब हो जाती है, और यह घटना हर वर्ष एक खास समय पर होती है। इस दिन को "राजून" कहा जाता है, जब दिन का समय सबसे लंबा होता है।

सीएम ने समझाई सूर्य के उत्तरायण और दक्षिणायण की प्रक्रिया

कार्यक्रम के दौरान शिक्षक बने सीएम डाॅ. मोहन यादव ने बताया कि उत्तरायण और दक्षिणायण सूर्य के गमन का एक प्राकृतिक परिणाम है, जो पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण होता है। जब सूर्य उत्तरायण के अंतिम बिंदु पर होता है, तो दिन का समय सबसे बड़ा होता है और इसके बाद सूर्य दक्षिणायण की ओर बढ़ने लगता है।

दक्षिणायण के समय, जब सूर्य मकर रेखा पर होता है, तब दिन का समय सबसे छोटा होता है। इसके बाद, सूर्य फिर उत्तरायण की ओर लौटता है और दिन के समय में वृद्धि होती है। यह प्राकृतिक खगोलीय घटनाएं भारतीय समय ज्ञान के अनुसार महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, और इन्हें सही ढंग से समझने के लिए शंकु यंत्र एक अहम उपकरण साबित होता है। 

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सरकार इस दिशा में कर रही है काम 

सीएम मोहन यादव ने कहा कि इस खगोलीय घटना और भारतीय समय ज्ञान को जनसाधारण तक पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए, सरकार इस दिशा में काम कर रही है। इस अवसर पर विभिन्न गणमान्य लोग और विद्यार्थी उपस्थित थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम से खगोलीय विज्ञान के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की।

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