मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के पास उपलब्ध अतिरिक्त खाली जमीन पर आईटी पार्क (IT Parks) विकसित करने की योजना बनाई है।
जबलपुर, सागर, उज्जैन, और रीवा में स्थित सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों ( Government Engineering Colleges ) के पास बड़े कैंपस हैं, जिनका उपयोग आईटी पार्क के लिए किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, ग्वालियर, विदिशा, और इंदौर में सरकारी अनुदान पर चल रहे ट्रस्टों के इंजीनियरिंग कॉलेजों और सरकारी यूनिवर्सिटी कॉलेजों के पास भी खाली सरकारी जमीनों पर आईटी पार्क बनाने की संभावनाओं की जांच की जाएगी।
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मुख्यमंत्री के निर्देश और योजनाएं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने शुक्रवार को तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिए। बैठक के दौरान सीएम ने भोपाल में संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क (Ravidas Global Skill Park) के कामकाज की भी समीक्षा की और शेष कार्यों को निर्धारित समयसीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के सभी कॉलेजों में स्किल डेवलपमेंट (Skill Development) कोर्स शुरू करने और रोजगारपरक ( Employment oriented ) पाठ्यक्रमों को जोड़ने की बात की।
इस बैठक में कौशल विकास और रोजगार विभाग के राज्य मंत्री गौतम टेटवाल, मुख्य सचिव वीरा राणा, एसीएस डॉ. राजेश राजौरा समेत कई विभागीय अधिकारी शामिल हुए।
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IT की स्थापना और रोजगार के अवसर
प्रदेश में वर्तमान में 956 आईटीआई (ITI) संचालित हैं। सीएम ने निर्देश दिया कि विभाग को नए आईटीआई खोलते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी विकासखंड बिना आईटीआई के न रहे। उन विकासखंडों में जहां आईटीआई नहीं है, वहां एक आईटीआई जरूर खोली जाए। उन्होंने हॉर्टिकल्चर (Horticulture) क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने की बात की और ट्रेड के अनुसार प्रशिक्षण देने पर जोर दिया।
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स्व-सहायता समूह और टेक्सटाइल उद्योग
सीएम ने स्व-सहायता समूह (Self Help Groups) द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों की जानकारी ली और उन्हें टेक्सटाइल उद्योग (Textile Industry) से जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने उच्च शिक्षा और रोजगार से संबंधित सरकारी योजनाओं पर एक बुकलेट जारी की और जिलों में औद्योगिक क्षेत्रों के अनुसार विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता की बात की।
स्किल डेवलपमेंट का महत्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि कम जमीन से अधिक उपज पैदा करना भी आज के समय में स्किल डेवलपमेंट (Skill Development) का हिस्सा है। प्रदेशवासियों की आमदनी बढ़ाने के लिए स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया गया। दूध उत्पादन (Milk Production) बढ़ाने के लिए पशुधन नस्ल सुधार (Livestock Breeding) और दूध से बने उत्पादों के लिए बेहतर ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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