मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने आयुष विभाग में कार्यरत सरकारी डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का ऐलान किया है। अब आयुष विभाग के डॉक्टर 62 की जगह 65 साल की उम्र में रिटायर होंगे। सीएम मोहन यादव ने कहा कि मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग होम के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं जाना पड़ेगा। आयुष विभाग खुद अनुमति देगा। इसके साथ ही उन्होंने आयुर्वेदिक इलाज की खूब तारीफ की है।
आयुर्वेद हजारों साल पुरानी परंपरा : सीएम
भोपाल के पं. खुशीलाल आयुर्वेद संस्थान में सोमवार को आयुर्वेद महापर्व 2025 का आयोजन किया गया। इसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आयुर्वेद का महत्व बताते हुए कहा कि एक बार जो व्यक्ति आयुर्वेद सीख लेता है, उसे किसी और चीज पर विश्वास नहीं रहता। सीएम यादव ने कहा कि आयुर्वेद हजारों साल पुरानी परंपरा है, लेकिन इसे जानने के लिए पूरी दुनिया उत्सुक है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी योग विधा के ब्रांड एंबेसडर बन गए हैं। उन्होंने योग और आयुर्वेद को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई।
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65 साल की उम्र तक सेवाएं दे सकेंगे आयुर्वेद डॉ.
आयुर्वेद डॉक्टरों को सौगात देते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि अब वे भी 65 साल की उम्र तक अपनी सेवाएं दे सकेंगे। आर्थिक दिक्कतें दूर होंगी और अब वे 62 साल की जगह 65 साल की उम्र तक सेवाएं दे सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग होम के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं जाना पड़ेगा, आयुष विभाग अनुमति देगा।
अंतरराष्ट्रीय वैदिक न्यायालय की होगी स्थापना
इसके साथ ही सीएम मोहन यादव ने कहा कि हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन का विकास किया जाएगा। सम्राट विक्रमादित्य की न्याय परंपरा के आधार पर उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय वैदिक न्यायालय की स्थापना की जाएगी। इसके निर्माण के लिए सरकार की ओर से हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यूनानी चिकित्सा की शिक्षा अब हिंदी भाषा में भी दी जाएगी।
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उज्जैन में अगला आयुर्वेदिक सम्मेलन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अगला आयुर्वेद सम्मेलन उज्जैन में आयोजित करने के प्रयास किए जाएंगे। कुंभ की तैयारियों के मद्देनजर उन्होंने कहा कि हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन का विकास किया जाएगा। जहां हम आयुर्वेद को मानने वाले सभी आचार्य महामंडलेश्वर, सभी अखाड़ों, संतों, प्रवचनकर्ताओं, सभी संस्थाओं को उज्जैन में जमीन उपलब्ध कराएंगे।