मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) आज दिल्ली दौरे पर हैं। सीएम यहां गेहूं और सोयाबीन के एमएसपी पर केंद्र के साथ बैठक करेंगे।
बता दें, मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में 10 सितंबर को कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक सरकार के सभी कैबिनेट मंत्री शामिल हुए थे। मोहन कैबिनेट ने बैठक में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगाई है। बैठक में लिए गए फैसलों पर राज्य सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी देते हुए बताया था कि वह सोयाबीन पर MSP बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार से बात करेगी।
गर्भकाल …मोहन यादव सरकार के नौ माह और आपका आंकलन…
कैसी रही सरकार की दशा और दिशा…
आप भी बताएं मोहन कौन सी तान बजाएं….
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मध्य प्रदेश में एमएसपी पर नहीं खरीदते सोयाबीन
सरकार ने आगामी खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4 हजार 892 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, पर मंडियों में कीमतें 3500 से 4000 रुपए तक ही हैं। सबसे निराशाजनक बात तो यह है कि देश के कई राज्यों में सरकार एमएसपी पर सोयाबीन खरीदती है, पर मध्यप्रदेश में ऐसा नहीं है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों ने समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी की मांग की थी। उन्हें सोयाबीन खरीदी की अनुमति दी गई है।
मध्यप्रदेश किस तरह बना सोया स्टेट
मध्यप्रदेश में सत्तर के दशक में सोयाबीन की खेती की शुरुआत हुई थी। धीरे धीरे रकबा बढ़ता गया और अब मध्यप्रदेश पूरे देश में सबसे ज्यादा सोयाबीन उगाता है। हाल ही में मध्यप्रदेश को सोया स्टेट का ताज मिला है।
देखिए किस तरह घटता जा रहा रकबा
वर्ष सोयाबीन का रकबा
- 2020 59 लाख हैक्टेयर
- 2021 55 लाख हैक्टेयर
- 2022 57 लाख हैक्टेयर
- 2023 54 लाख हैक्टेयर
- 2024 53 लाख हैक्टेयर
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