मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने 'मध्य प्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति 2025' को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही सीएम यादव ने यह भी घोषणा की है कि आने वाले समय में राज्य में ड्रोन स्कूल खोले जाएंगे, जिससे इस उद्योग में नई तकनीकी क्षमताएं विकसित होंगी। आइए मध्य प्रदेश में हो रहे इस बदलाव के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा एमपी
मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश भविष्य में ड्रोन निर्माण का प्रमुख केंद्र बनेगा। राज्य सरकार का लक्ष्य राज्य को ड्रोन निर्माण और तकनीकी नवाचार का केंद्र बनाना है। इसके लिए इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए आवश्यक नीतियां और योजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी।
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ड्रोन स्कूलों का आगाज
मध्य प्रदेश में ड्रोन स्कूल शुरू किए जाएंगे, जिससे आने वाले 5 वर्षों में करीब 370 करोड़ रुपए के निवेश का रास्ता साफ होगा। इन स्कूलों के जरिए ड्रोन तकनीक के बारे में जागरूकता और शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
ड्रोन इको-सिस्टम को मिलेगा बढ़ावा
इस पहल से राज्य में ड्रोन इको-सिस्टम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अत्याधुनिक तकनीक को भी बढ़ावा मिलेगा। ड्रोन तकनीक के विकास से कई उद्योगों में नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी।
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स्मार्ट टाउनशिप का निर्माण
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के विकास के लिए 5 साल का रोडमैप तैयार किया है, जिसके तहत 160 से ज़्यादा औद्योगिक पार्क और एक्सपोर्ट ज़ोन बनाए जाएंगे। इन परियोजनाओं से रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही स्मार्ट औद्योगिक टाउनशिप भी बनाई जाएंगी, जिससे राज्य का औद्योगिक क्षेत्र वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकेगा।