मध्यप्रदेश को 4 हजार 588 प्रस्तावित इलेक्ट्रिक बसों में से 472 पीएम ई-बसों की केंद्र मंजूरी मिल गई है। ये बसें कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेस लिमिटेड (CESL) के जरिए राज्य सरकार को उपलब्ध कराई जाएंगी और नगरीय निकायों को सौंपकर संचालित की जाएंगी।
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बसों के लिए टेंडर प्रक्रिया हुई पूरी
इन बसों की मंजूरी के लिए CESL ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है और इसकी जानकारी राज्य सरकार को दी गई है। मंजूरी मिलने के बाद अब राज्य सरकार बसों को बुलाकर नगरीय निकायों को संचालन की जिम्मेदारी सौंपेगी। CESL के प्रबंध निदेशक और पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल कपूर ने नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है।
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ग्रीन सेल मोबिलिटी को मिली बिड की मंजूरी
मध्यप्रदेश में ग्रीन सेल मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को ई-बसों की आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह कंपनी 9 मीटर की स्टैंडर्ड फ्लोर एसी बसें उपलब्ध कराएगी। इसके लिए 14 मार्च 2024 को बसों की आपूर्ति, संचालन और मेंटेनेंस के लिए टेंडर जारी किया गया था, जिसे 2 जनवरी 2025 को मंजूरी दी गई। बसों का संचालन 58.14 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से किया जाएगा।
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कैबिनेट ने पहले ही दे दी थी मंजूरी
फरवरी 2024 में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक में प्रदेश के 6 बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला लिया था। इनमें यह शहर शामिल हैं:
- भोपाल
- इंदौर
- ग्वालियर
- जबलपुर
- उज्जैन
- सागर
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री ई-बस योजना के तहत इन बसों को उपलब्ध कराएगी और 12 साल तक ऑपरेशन और मेंटेनेंस का खर्च भी उठाएगी।
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