मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के बाद जब अपने गृहनगर उज्जैन गए और पिता पूनमचंद यादव का आर्शीवाद लिया। पिता से सीएम ने पैसे मांगे तो पिता पूनम चंद ने बेटे को 500 रुपए की गड्डी थमा दी। हालांकि, मोहन ने गड्डी में से सिर्फ एक नोट ही लिया। बाकि पैसे लौटा दिए।
सीएम बेटे को ट्रैक्टर सुधरवाने का बिल थमाया
उज्जैन में एक कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंचे सीएम मोहन यादव अपने घर पहुंचे। जहां उन्होंने बचपन को याद करते हुए पिता पूनमचंद यादव से पैसे की मांग की। तो पिता ने भी 500 रुपए के नोटों की गड्डी निकालकर मोहन के हाथों में रख दी दी। सीएम मोहन यादव ने गड्डी में से सिर्फ एक नोट निकाला और बाकी लौटा दिए। इसी दौरान पिता ने अपने ट्रैक्टर सुधरवाने का बिल थमा दिया। सीएम बेटे ने मैकेनिक को भी बिल अदा करने का आश्वासन दे दिया। पिता पूनमचंद ने अपने बेटे को 4 लाख 85 हजार रुपए कहीं खो जाने और फिर मिल जाने का किस्सा सुनाया।
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सीएम ने पिता को पहनाई जैकेट
अपनी वैवाहिक वर्षगांठ पर सीएम मोहन अपने पिता से आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे। इस दौरान मोहन यादव का पिता पूनमचंद के साथ बैठकर चर्चा करते हुए का एक वीडियो सामने आया है। इसमें पिता-पुत्र का भावुक और अनमोल रिश्ता साफ दिखाई दे रहा है। वीडियो में मोहन पिता को ठंड से बचाने के लिए अपने हाथों से जैकेट पहनाते हुए नजर आ रहे हैं साथ ही उनसे अपना ध्यान रखने की बात भी कह रहे हैं।
मोहन यादव पांच भाई-बहन
मोहन यादव खुद तीन भाई और दो बहन हैं। इनमें सबसे बड़ी बहन ग्यारसी बाई और कलावती हैं। कलावती बाई उज्जैन नगर निगम अध्यक्ष भी हैं। बड़े भाई नंदलाल यादव, नारायण यादव और सबसे छोटे मोहन यादव हैं। मूल काम खेती बाड़ी और प्रॉपर्टी का है। तीनों भाई उज्जैन में ही अलग-अलग रहते हैं।