सीएम मोहन यादव से शिवराज सिंह चौहान ने क्यों मांगी मदद, जानें मामला

मध्यप्रदेश के विदिशा से सांसद शिवराज सिंह चौहान अपने संसदीय क्षेत्र में एक समस्या को लेकर परेशान हैं। इसी परेशानी के चलते  पूर्व मुख्यमंत्री ने वर्तमान सीएम मोहन यादव को पत्र लिखकर समस्या को जल्द हल करने का निवेदन किया है...

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Jitendra Shrivastava
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BHOPAL. मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में आदमखोर बाघ वन विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। पिछले दिनों इस बाघ ने एक ग्रामीण का भी शिकार कर लिया था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संसदीय क्षेत्र में बाघ के आतंक से परेशान आमजन ने बाघ को जल्द पकड़ने की मांग की। इसके बाद शिवराज सिंह ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखकर रायसेन क्षेत्र में विचरण कर रहे बाघ को आदमखोर बताया है और उसे जल्द पकड़कर अन्य स्थान पर छोड़ने की बात कही है।

वन विभाग बाघ को नहीं मान रहा आदमखोर 

जहां ग्रामीण और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस बाघ को आदमखोर मान रहे हैं, वहीं वन विभाग इसे आदमखोर नहीं मान रहा है। हालांकि, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद रायसेन क्षेत्र में 130 वन कर्मचारी, पांच हाथी और पांच डॉक्टर तैनात कर दिए गए हैं। जो बाघ की तलाश कर रहे हैं। बता दें कि रायसेन जिले में आने वाले नीमखेड़ा क्षेत्र में बाघ ने एक ग्रामीण पर हमला कर उसे मार दिया था। ग्रामीण जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गया था कि तभी बाघ ने उसपर हमला कर दिया था। 

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शव पर मिले निशान के आधार पर बाघ का शिकार माना

नीमखेड़ा निवासी मनीराम जाटव का 15 मई को जंगल में शव मिला था। वन विभाग ने किसी बड़े जंगली जानवर द्वारा शिकार की आशंका जताई थी। हालांकि, विभाग ने स्पष्ट रूप से किसी जानवर का नाम नहीं बताया था। गुरुवार, 16 मई को मनीराम का जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत देशमुख भी मौजूद रहे। पोस्टमार्टम के बाद उन्होंने शव पर मिले निशान के आधार पर इस बात की पुष्टि की है कि मनीराम बाघ का शिकार बना है। वहीं वन विभाग ने वन अधिनियम के तहत मनीराम के बेटे दीपक जाटव को आठ लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी है और नीमखेड़ा सहित उसके आसपास के क्षेत्र में तेंदूपत्ता तोड़ने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। मु़नादी कराकर लोगों से अकेले जंगल में बहुत अधिक अंदर न जाने की हिदायत दी गई है। मनीराम के अकेले होने पर यह दुर्घटना हुई है।

एक ग्रामीण का शिकार करने से बाघ आदमखोर नहीं हो जाता

वहीं मध्यप्रदेश वन विभाग में वन्य प्राणी अभिरक्षक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि केवल एक ग्रामीण का शिकार कर लेने से बाघ आदमखोर नहीं हो जाता। इस घटना के बाद बाघ ने किसी अन्य व्यक्ति पर हमला नहीं किया है। हम बाघ की तलाश कर रहे हैं। 130 वन कर्मियों की टीम, पांच हाथी और पांच डाक्टर बाघ की तलाश में जुटे हैं। मैं स्वयं इसकी प्रतिदिन मानिटरिंग कर रहा हूं।

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