पानी की बूंद-बूंद बचाने के लिए MP में जल गंगा संवर्धन अभियान, सीएम मोहन क्षिप्रा तट से करेंगे शुरुआत

मध्य प्रदेश में पानी की बूंद-बूंद बचाने के लिए जल गंगा संवर्धन महा अभियान गुड़ी पड़वा से शुरू होगा, सीएम मोहन यादव उज्जैन में क्षिप्रा तट से अभियान का शुभारंभ करेंगे। यह प्रदेशव्यापी अभियान 30 मार्च से 30 जून तक चलेगा।

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Vikram Jain
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CM Mohan Yadav Jal Ganga Conservation Campaign from March 30

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव।

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पीएम मोदी के जल संरक्षण अभियान को मध्य प्रदेश में जन आंदोलन बनाने का संकल्प लिया है। जल गंगा संवर्धन अभियान 30 मार्च से 30 जून 2025 तक चलेगा। यह प्रदेश भर में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक अभियान होगा। अभियान जल संकट से निपटने और जल स्रोतों को बचाने के लिए 12 से अधिक विभागों की सहभागिता से आयोजित किया जाएगा। अभियान के तहत एक लाख जल दूत तैयार किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे जल संरक्षण में सक्रिय भाग लें।

MP में शुरू होगा जल गंगा संवर्धन अभियान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान 30 मार्च से शुरू होने जा रहा है। यह अभियान 3 महीने तक चलेगा और इसका उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ावा देना और प्रदेश के जल संकट को हल करना है। अभियान राज्यभर में जल संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसमें पंचायत, जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, पर्यावरण विभाग, नगरीय विकास, स्कूल शिक्षा, कृषि समेत 12 से अधिक विभागों की सहभागिता होगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इस अभियान को जन आंदोलन बनाएं।

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अभियान को लेकर सीएम मोहन ने की अपील

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से जल संरक्षण के इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान को लेकर प्रदेश में उत्साह लहर है। यह अभियान जल संकट को हल करने और जल स्रोतों को सुरक्षित रखने में मददगार साबित होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि "जल गंगा संवर्धन अभियान" से प्रदेश के जल संकट को दूर करने में एक निर्णायक कदम साबित होगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए जल का संरक्षण सुनिश्चित होगा।

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उज्जैन से होगी अभियान की शुरुआत

इस अभियान की शुरुआत उज्जैन के क्षिप्रा तट से होगी, जहां मुख्यमंत्री गुड़ी पड़वा के दिन जल देवता वरुण का पूजन कर अभियान की शुरूवात करेंगे। अभियान के तहत प्रदेशभर में जल संरचनाओं का लोकार्पण किया जाएगा और मुख्यमंत्री हर दिन एक जल संरचना का उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अभियान से भूजल स्तर में सुधार होगा और जल की बूंद-बूंद बचाने की आवश्यकता महसूस होगी। ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि इस अभियान से जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

भूजल स्तर में होगा सुधार

सीएम मोहन यादव ने बताया कि जल संरक्षण के इस प्रयास से प्रदेश में भूजल स्तर में सुधार होगा। पानी की हर बूंद को बचाना आवश्यक है, तभी हमारी सांसें बचेंगी। मध्य प्रदेश सरकार जन, जल, जंगल, जमीन और वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी का जल संरक्षण अभियान पूरे देश में एक व्यापक जन आंदोलन के रूप में उभरा है। राज्य सरकार 'खेत का पानी खेत में-गांव का पानी गांव में' के सिद्धांत के आधार पर जल संरक्षण के लिए सक्रियता से कार्य कर रही है। पानी की बचत के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं।

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मील का पत्थर साबित होगा अभियान

जल संरक्षण के लिए विभिन्न नीतियां तैयार की गई हैं, जैसे वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों का पुनर्जीवन और जल संरचनाओं की मरम्मत। प्रदेश में बढ़ते जल संकट को देखते हुए यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा। जल संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने पहले ही कई नीतियां तैयार की हैं और इस अभियान के तहत 90 दिनों में 90 लघु और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण करने की योजना बनाई है।

तैयार किए जाएंगे 1 लाख जलदूत

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर में 1 लाख जलदूत तैयार करने का ऐलान किया है, जो प्रत्येक गांव और कस्बे में जल संरक्षण की दिशा में काम करेंगे। ये जलदूत नागरिकों की सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित करेंगे। यह जलदूत गांवों और नगरों में पानी को बचत की दिशा में काम करेंगे, इसके लिए हर ग्राम पंचायत से कुछ लोगों का चयन किया जाएगा। जलदूतों के माध्यम से जल स्रोतों का पुनर्जीवन, तालाबों की मरम्मत और नदियों की जल धाराओं को जीवित रखने का काम किया जाएगा।

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1 हजार तालाबों का निर्माण का रखा लक्ष्य

जल संरक्षण को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सीएम मोहन यादव ने प्रदेश भर में एक हजार नए तालाबों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। साथ ही 50 से ज्यादा नदियों और अन्य जल स्रोतों के वॉटर शेड क्षेत्र में जल संरक्षण कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। नदियों और तालाबों की रक्षा के लिए गेबियन संरचनाओं, ट्रेंच, चेकडेम और पौधारोपण कार्यक्रम भी अभियान का हिस्सा होंगे। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के संरक्षण के लिए पानी चौपाल, जल संरचनाओं के रखरखाव के लिए स्थानीय लोगों को जिम्मेदारी दी जाएगी।

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