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आमीन हुसैन @ : सीएम मोहन यादव का कहना है कि बीमार व्यक्ति को तत्काल उपचार मिलेगा। प्रदेश में एयर एंबुलेंस की सुविधा भी अब मिलने लगी है, लेकिन जमीनी हकीकत की बात करें तो असल में ऐसा नहीं है। रतलाम के जावरा जिले में एक सरकारी अस्पताल है जो सीएम के वादों की पोल खोलता है।
पहली बारिश में हाल बेहाल
जावरा के सरकारी अस्पताल में पहली बारिश में महिला एवं बाल चिकित्सालय भवन की छत से पानी टपकने लग गया। अस्पताल में पानी झरने की तरह बहने लगा। कुछ समय की बारिश ने अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। अस्पताल परिसर की फर्श पर पानी भरने से मरीजों को अस्पताल के बाहर बैठना पड़ा। वहीं नवजात मरीजों के लिए साड़ी का झूला बनाकर अस्पताल के बाहर झूलाना पड़ रहा है।
8 महीने पहले बना था अस्पताल
जावरा का यह अस्पताल 8 महीने पहले ही बना है। 8 महीने पहले महिला एवं बाल चिकित्सालय का लोकापर्ण पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअली किया था। जिसकी लागत 12 करोड़ रुपए है।
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लिफ्ट से गिरने लगा पानी
8 माहीने पहले बने इस अस्पताल में आज 27 जून को आंधी बारिश हुई। 40 मिनट की झमाझम बारिश ने अस्पताल निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की पोल खोल दी। बारिश के चलते नए भवन की छत से लेकर लिफ्ट तक से पानी झरने की तरह बहने लगा है। अस्पताल में मरीजों के बैठने की जगह भी नहीं बची। पुरे अस्पताल में पानी ही पानी भर गया। जिस से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी। कर्मचारियों को वायपर की मदद से पानी बाहर निकालना पड़ा।
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