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BHOPAL. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार (7 अक्टूबर) को कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश के धार्मिक स्थलों के लिए एक अलग मास्टर प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओंकारेश्वर और चित्रकूट जैसे धार्मिक स्थलों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन उनका अब तक विकास नहीं हो सका है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इन धार्मिक स्थलों का एक विशेष मास्टर प्लान तैयार किया जाए, ताकि इनकी पहचान को बढ़ावा मिल सके और इन्हें भविष्य में पर्यटन के लिहाज से सही दिशा में विकसित किया जा सके। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नर्मदा परिक्रमा मार्ग के विकास को भी महत्वपूर्ण बताया और इसे प्राथमिकता देने की बात कही।
प्रदेश की पूरी आबादी को पक्का घर देने का विजन
मुख्यमंत्री ने 2047 तक प्रदेश की पूरी आबादी को पक्का घर देने के अपने विजन का भी उल्लेख किया। उन्होंने शहरों के लिए एक्शन प्लान बनाने की आवश्यकता जताई, ताकि यह लक्ष्य समय पर पूरा किया जा सके। इसके अलावा, गीता भवनों को आधुनिक टाउन हॉल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव दिया, ताकि वे शहरों की आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य कर सकें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हर शहर की मौजूदा स्थिति का आकलन किया जाए और उनकी कमियों को दूर करने के लिए एक समय-सीमा तय की जाए। शहरी क्षेत्रों में टीडीआर के तहत अधिग्रहण की जाने वाली भूमि पर मुआवजा भी दिया जा रहा है।
फील्ड पर ईमानदारी से काम ही अच्छे नतीजे देंगे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कई मुख्य बातें साझा की। उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी ताकत है और इसे बनाए रखना ही अच्छे शासन का सबसे बड़ा उद्देश्य है। साथ ही, उन्होंने प्रशासन में जवाबदेही, पारदर्शिता और विकेंद्रीकृत व्यवस्था पर ध्यान देने की बात की, ताकि योजनाओं का फायदा जल्दी से जनता तक पहुंचे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि काम को पूरी मेहनत और समर्पण के साथ मिशन मोड में करना चाहिए, ताकि जनता की भलाई के लिए किए गए नए कदम जल्दी से लागू हो सकें। उन्होंने अच्छे शासन के बारे में कहा कि बेहतर प्रशासन और फील्ड पर ईमानदारी से काम ही अच्छे नतीजे देंगे।
राज्य को मिल्क कैपिटल बनाने का लक्ष्य
सीएम मोहन यादव ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश दाल, मसाले और टमाटर उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है, और अनाज उत्पादन में भी आगे है। अब राज्य को मिल्क कैपिटल बनाने का लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए नवाचारों को बढ़ावा दिया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश को शत-प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य हासिल करने की बात की और स्कूलों में सौ फीसदी नामांकन सुनिश्चित करने के लिए काम करने को कहा। साथ ही, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत रोजगारोन्मुखी और मूल्य आधारित गुणवत्ता शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
सभी कलेक्टर को नियमित रूप से फील्ड विजिट करने कहा
सीएम ने सभी कलेक्टर और कमिश्नरों को नियमित रूप से फील्ड विजिट करने, गांवों में रात्रि विश्राम करने, जनसुनवाई में खुद बैठकर जनता की समस्याएं सुनने और स्थानीय मीडिया से संवाद बनाने की सलाह दी। इससे जमीनी हालात पर पकड़ मजबूत होगी। सिंहस्थ 2028 को एक महत्वपूर्ण अवसर मानते हुए, उन्होंने कलेक्टरों से अपने जिलों के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण पर ध्यान देने को कहा, ताकि इसे वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग का मौका मिल सके।
उन्होंने जिलों में किए जाने वाले नवाचारों पर भी जोर दिया, लेकिन कहा कि ये नवाचार सतही न होकर दीर्घकालिक होने चाहिए और उन्हें विभागीय अनुमोदन के बाद ही लागू किया जाना चाहिए। अंत में, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश के विकास के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जाए, जिसमें प्रत्येक जिले की प्राथमिकताएं तय कर, उसी के अनुसार विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाए।
विभिन्न क्षेत्रों में जिलों का प्रदर्शन (बेहतर/कमजोर)
क्षेत्र/विषय | बेहतर प्रदर्शन वाले जिले | कमजोर प्रदर्शन वाले जिले |
मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण | बालाघाट, झाबुआ, मंदसौर, होशंगाबाद, शाजापुर | दमोह, अशोकनगर, सीधी, विदिशा, शिवपुरी |
गैर संचारी रोग पर नियंत्रण | मंदसौर, शाजापुर, छिंदवाड़ा, बैतूल, शहडोल | सागर, छतरपुर, शिवपुरी, सिंगरौली, सीधी |
जमीन का सीमांकन | मंडला, झाबुआ, बैतूल, सिवनी, सिंगरौली | उमरिया, सीधी, अनूपपुर, मऊगंज |
बंटवारा केस | झाबुआ, बालाघाट, सिंगरौली, मंडला, बैतूल | भोपाल, अनूपपुर, पन्ना, सीधी, टीकमगढ़ |
नामांतरण | बैतूल, सिंगरौली, नीमच, हरदा, छिंदवाड़ा | जबलपुर, अनूपपुर, रतलाम, पन्ना |
टीबी उन्मूलन | जबलपुर, मंदसौर, सीहोर, धार, बड़वानी | टीकमगढ़, मुरैना, छतरपुर, अशोकनगर, कटनी |
सिकल सेल | बालाघाट, बैतूल, झाबुआ, बड़वानी, धार | सीधी, आलीराजपुर, डिंडोरी, रतलाम, उमरिया |
गौशाला संचालन | छतरपुर, अशोकनगर, गुना, धार, आगरमालवा | शिवपुरी, उज्जैन, दतिया, सीधी, सतना |