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मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी, अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने हाल ही में आईएएस अधिकारियों को लेकर कड़ी टिप्पणी की, जो प्रदेश की राजनीति में एक नई बहस का कारण बन गई है।
पटवारी का कहना था कि "बहुत मेहनत करने के बाद IAS बनता है। कलेक्टरों को सर्विस बुक दी जाती है और उनके रूल के अनुसार शासन करना होता है, लेकिन देखने में आता है कि 70% आईएएस ( MP IAS Officer) जो जिले में जाते हैं, वह बीजेपी के पक्ष में काम करते हैं और विपक्ष पर यातनाएं करते हैं।
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— TheSootr (@TheSootr) October 8, 2025
जो IAS चड्डी पहन कर घूम रहे हैं, वह अपनी चड्डी का बटन लगाएं
पटवारी ने अपने बयान में कहा कि कलेक्टर की कुर्सी पार्टी या किसी विचारधारा के लिए नहीं होती, बल्कि यह जनता के लिए होती है। उन्होंने कहा, जो IAS चड्डी पहन कर घूम रहे हैं, वह अपनी चड्डी का बटन लगाएं। उनका यह बयान उस समय सामने आया जब राज्य में कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस चल रही है, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री मोहन यादव कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि हर आईएएस अधिकारी को अपनी सेवा पुस्तिका के नियमों का पालन करना चाहिए, और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो समय बदलता है, और वे इसके परिणामों का सामना करेंगे। पटवारी ने अपील की कि सभी आईएएस अधिकारियों को सुधरने की आवश्यकता है, और अब समय आ गया है कि वे जनता की भलाई के लिए काम करें।
बीजेपी का पलटवार, बताया निम्न स्तर का बयान
पटवारी के इस बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। एमपी बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने इसे बहुत ही निम्न स्तर का बयान बताया और कहा कि "ऐसा लग रहा है जैसे कोई बूथ अध्यक्ष बोल रहा हो। प्रदेश अध्यक्ष पद की गरिमा बनाए रखें।" उन्होंने आगे कहा कि IAS अधिकारियों को अश्लील शब्दों से संबोधित करना पूरी तरह से अनुचित है, और कार्यपालिका देश के निर्माण में अहम भूमिका निभाती है। इस प्रकार के बयान से ना केवल अधिकारियों की इज्जत घटेगी, बल्कि पटवारी का खुद का सम्मान भी कम होगा।
राजनीतिक गलियारों में विवाद
यह विवादित बयान राजनीति के गलियारों में सुर्खियां बना गया है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच तनाव बढ़ गया है, और इस मुद्दे पर विचार-विमर्श भी तेज हो गया है। पटवारी के बयान ने न केवल IAS अधिकारियों (mp ias news) के बीच एक नई बहस को जन्म दिया है, बल्कि विपक्षी दलों को भी एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया है।
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बच्चों की मौत पर भी उठाए सवाल
एक और गंभीर आरोप कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बच्चों की मौत (कफ सिरप कांड) के मामले में सरकार पर लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने न तो मृतकों के पोस्टमॉर्टम की व्यवस्था की और न ही बच्चों की मौत के कारणों की जांच की। पटवारी ने कहा, "इतने बच्चों की मौत के बाद भी अगर सरकार नहीं जागती है, तो कब जागेगी?" उन्होंने इसे सरकार की संवेदनहीनता और भ्रष्टाचार से जोड़ते हुए कहा, "यह सरकार पांच बार सत्ता में आई है, इसलिए इसकी चमड़ी अब 'मगरमच्छ की' हो गई है।"
एक भी मंत्री ऐसा नहीं है कि वह भ्रष्ट न हो
जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार के मंत्रियों को भी निशाने पर लिया और आरोप लगाया कि इन सभी मंत्रियों का भ्रष्टाचार में लिप्त होना उनकी पहचान बन चुकी है। उन्होंने कहा, "इस सरकार के एक भी मंत्री के बारे में यह नहीं कहा जा सकता कि वह भ्रष्ट नहीं है।" पटवारी ने यह भी कहा कि अगर सरकार इस भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगाएगी, तो उसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं, जैसा कि बच्चों की मौत से जुड़े मामलों में दिखा है।
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गुजरात और तमिलनाडु की दवाइयों की सप्लाई पर सवाल
दवाइयों की सप्लाई पर भी पटवारी ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश में दवाइयों का व्यापार मुख्य रूप से दो जगहों से होता है—गुजरात और तमिलनाडु।" पटवारी ने आरोप लगाया कि गुजरात की लॉबी दवाइयों की सप्लाई पूरी तरह से नियंत्रित करती है और अपने हिसाब से दवाइयों की आपूर्ति करती है, जिससे जनता को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने राज्य सरकार से यह सवाल पूछा कि क्या वह इस व्यापार में सुधार करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी, ताकि किसी को भी धोखा न मिले और मासूमों की जान की हानि न हो।