/sootr/media/media_files/2025/10/08/coldrif-cuf-sisat-2025-10-08-08-08-37.jpg)
BHOPAL. मध्यप्रदेश में कफ सिरप से अब तक 19 बच्चों की मौत हो चुकी है। अब पूरे मामले को लेकर राज्य में सता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं। बीते दिन मंगलवार को कांग्रेस नेता और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रेस वार्ता करते हुए मोहन सरकार पर कई सारे आरोप लगाए। इसके बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने भी विपक्ष के लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया।
उमंग सिंघार ने किए कई सारे सवाल
उन्होंने पूछा कि क्या छिंदवाड़ा जिले में यह जांच की गई है कि अभी भी कितने घरों में जहरीला कफ सिरप बचा हुआ है। इसके अलावा, क्या बच्चों की स्वास्थ्य जांच के लिए कोई अभियान चलाया गया है? इस सवाल के दौरान सिंघार के साथ राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी मौजूद थे। राजस्थान में भी इसी तरह के मामलों में बच्चों की मौत हो चुकी है।
सिंघार ने 15 दिनों के भीतर 16 (अब 19) मासूम बच्चों की मौत पर सरकार पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए। मुआवजे को अपर्याप्त बताते हुए उन्होंने तीखे हमले किए। कफ सिरप की सरकारी जांच में खामियां और मुख्यमंत्री पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए उन्होंने कार्रवाई की मांग की।
मासूमों की मौत पर राजनीति कर रही है कांग्रेस- खंडेलवाल
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने छिंदवाड़ा कफ सिरप मामले में बच्चों की मौत पर पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंधार के बयान पर पलटवार किया है। खंडेलवाल ने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली में आयोजित पत्रकार वार्ता असंवेदनशीलता का एक जीता-जागता उदाहरण है। कांग्रेस मासूम बच्चों की मौत की इस हृदयविदारक घटना का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है, जबकि मुख्यमंत्री मोहन यादव और भाजपा सरकार संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है।
ये खबर भी पढ़िए... छत्तीसगढ़ में 2 साल तक के बच्चों के लिए कफ सिरप पर टोटल बैन, डॉक्टरों को सिरप न लिखने के सख्त निर्देश
कफ सिरप मौत मामले में सियासत गर्म वाली खबर पर एक नजर
|
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की
खंडेलवाल ने कहा कि जैसे ही जहरीले सिरप से बच्चों के बीमार होने की जानकारी मिली, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तुरंत जांच के आदेश दिए। राज्य सरकार ने निर्माता कंपनी पर तत्काल प्रतिबंध लगाया, दोषी अधिकारियों और चिकित्सकों पर कार्रवाई शुरू की और सभी दवा दुकानों से संबंधित सिरप जब्त करने के आदेश दिए।
ये खबर भी पढ़िए... सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला, उठ रही यह मांग
सरकारी लापरवाही के कारण 19 की मौत- जीतू पटवारी
इधर पूरे मामले पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने 7 अक्टूबर को सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से कहा- बहुत हैरान हूं, मुख्यमंत्री जी! जब छिंदवाड़ा में सरकारी लापरवाही के कारण 19 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी हो, और 8 बच्चे नागपुर में जिंदगी से जूझ रहे हों, ऐसे संकट के समय आप और आपका प्रशासन भोपाल में कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस करने में व्यस्त हैं! आपने इस बैठक में छिंदवाड़ा के प्रशासनिक प्रमुखों को भी बुला लिया, जबकि उन्हें अभी पीड़ित परिवारों के बीच होना चाहिए था! ये समय शोक का है, लेकिन आपकी सरकार उत्सव में डूबी हुई है! आपकी ये संवेदनहीनता और प्रशासनिक लापरवाही बेगुनाह बच्चों की बेबसी कभी माफ नहीं करेगी!
ये खबर भी पढ़िए... एफडीए ने भोपाल के दवा बाजार में की छापेमारी, प्रतिबंधित कफ सिरप की 80 बॉटल्स जब्त
पटवारी ने एसआईटी जांच की मांग की
जीतू पटवारी ने इस मामले में एसआईटी जांच की मांग की है। भोपाल में 7 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि यह राजनीति का विषय नहीं है, बल्कि इस पर सख्ती से काम होना चाहिए। इस मामले में उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला की लापरवाही रही है। क्योंकि, ड्रग कंट्रोलर का करप्शन मासूम बच्चों की मौत का कारण है, लेकिन अब तक इस मामले में पीएस यादव को हटाया नहीं गया है। जबकि, 50 प्रतिशत से ज्यादा का कमीशन खेल चल रहा है। आज प्रदेश में बिना कमीशन के कोई खेल नहीं हो रहा है। दवाओं में 50 प्रतिशत का खेल हो रहा है। सरकार ने इस मामले में ध्यान भटकाने के लिए डॉक्टर के ऊपर एफआईआर की और कलेक्टर को हटाया गया है।