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INDORE. इंदौर में सीतलामाता बाजार में मुस्लिम कर्मचारियों को बाहर करने से शुरू हुई राजनीतिक लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे अपने ही राष्ट्रीय नेताओं को खुली चेतावनी दे रहे हैं, उधर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, न ही हिंदरक्षक के प्रमुख और विधायक मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य गौड़ रुक रहे हैं। अब इसी बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अब एक पत्र इंदौर के नाम लिखा है।
जीतू पटवारी बोले इंदौर में धर्म की आड़ में अधर्म का खेल
जीतू पटवारी ने सुबह एक पत्र इंदौर के नाम लिखा और कहा कि - इंदौर में मैंने अपना बचपन जिया, यहां की गलियों, परंपराओं और संस्कारों ने मुझे गढ़ा! बचपन से देखा कि यह शहर विविधताओं में एकता का प्रतीक है।… लेकिन संकीर्ण सोच और सत्ता की भूख, नफरत और वैमनस्य के रास्ते पर धकेल रही है! समाज को योजनापूर्वक बांटने का प्रयास किया जा रहा है! पीड़ा तब और बढ़ जाती है, जब जनता की रक्षा और न्याय का सबसे बड़ा माध्यम पुलिस/प्रशासन भी ऐसी सोच के इशारों पर झुकता/रेंगता दिखाई देता है! …
भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी से जन-जीवन असुरक्षित हो गया है!...समाज में डर और अविश्वास का वातावरण है, इतिहास के नाम पर वैमनस्य पैदा किया जा रहा है, धर्म की आड़ में अधर्म का खेल खेला जा रहा है, भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी से जन-जीवन असुरक्षित हो गया है!...
शहर का बेटा होने के नाते आप सभी से कहना चाहता हूं कि चुप रहना हमारी सबसे बड़ी कमजोरी होगी! अगर हमने आज अपने शहर की मोहब्बत, भाईचारे और उसकी असली पहचान को बचाने का संकल्प नहीं लिया, तो आने वाली पीढ़ियाँ हमें माफ नहीं करेंगी!
आइए, मिलकर अपने शहर की पहचान को बचाएं, उसकी परंपराओं को सुरक्षित रखें और ऐसी ताकतों को हराएं जो हमें आपस में बांटकर राज करना चाहती हैं। फिर से वही शहर बनाएंगे, जहां हर धर्म, हर समाज और हर वर्ग गर्व से कह सके यह मेरा इंदौर है। आपका बेटा, जीतू पटवारी
एक पत्र,
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) October 2, 2025
मेरे अपने शहर,
मेरे इंदौरवासियों के नाम! pic.twitter.com/68gdIsAxLA
एकलव्य गौड़ ने अब दशहरे में डाला संदेश
इंदौर जाग चुका है - अब समय है कि संपूर्ण भारत भी जागे... हमारी बेटियां और बहनें सुरक्षित, सशक्त और जागरूक रहें - यह हम सभी की साझा ज़िम्मेदारी है। हाल के वर्षों में यह देखने को मिला है कि लव जिहादियों द्वारा लगातार सनातनी लड़कियों को झूठी पहचान और धोखे से प्रेम संबंधों में फंसाया जा रहा है।
इस प्रकार की किसी भी धोखाधड़ी से हमारी बेटियां सुरक्षित रहें, इसके लिए हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य से, हिन्द-रक्षक संगठन द्वारा इंदौर के विभिन्न गरबा स्थलों पर जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है, जहां पर्चों और संवाद के माध्यम से लड़कियों को सजग और समाज को सतर्क किया जा रहा है।
आइए, हम सभी मिलकर एक ऐसा समाज बनाएं जहां कोई बहन धोखे का शिकार न हो, वह स्वतंत्र, सुरक्षित और सम्मानित जीवन जी सके।
इंदौर जाग चुका है — अब समय है कि संपूर्ण भारत भी जागे...
— Aklavya Laxman Singh Gaur (@aklavyagaur) October 1, 2025
हमारी बेटियाँ और बहनें सुरक्षित, सशक्त और जागरूक रहें — यह हम सभी की साझा ज़िम्मेदारी है।
हाल के वर्षों में यह देखने को मिला है कि लव जिहादीयों द्वारा लगातार सनातनी ल़डकियों को झूठी पहचान और धोखे से प्रेम संबंधों में… pic.twitter.com/CuHgBAtsTw
दिग्गी बोले विधायक पुत्र पर FIR नहीं हुई तो कोर्ट जाएंगे
वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि- दुख इस बात का है कि एमपी पुलिस उनकी FIR दर्ज करने के बजाय अपराधियों को संरक्षण दे रही है। 15 सितंबर 2025 को प्रभावित कारीगरों और दुकानदारों ने व जिला कांग्रेस अध्यक्ष इंदौर ने पुलिस कमिश्नर इंदौर @CP_INDORE को @BJP4India विधायक जी के पुत्र पर FIR दर्ज करने का प्रतिवेदन दिया। लेकिन आज तक FIR दर्ज नहीं की गई है।
मैंने स्वयं 27 सितंबर को संबंधित थाने पर जाकर पता लगाया। स्थानीय Adl Commissioner ने मुझे बताया कि पुलिस कमिश्नर कार्यालय से वह प्रतिवेदन 21 सितंबर को ही सराफा थाने में आया है। यानि कि इंदौर में आज के तकनीकी युग में इस प्रकार के संवेदनशील प्रकरण को थाने तक पहुंचाने में एक सप्ताह लगा। अब Adl Commissioner साहब FIR दर्ज करने के लिए दो हफ्ते का समय चाहते हैं। यह है इस प्रकार के संवेदनशील प्रकरण में एमपी पुलिस का रवैया। फिर भी हम 5 अक्टूबर तक इंतजार कर देखते हैं FIR दर्ज होती है या नहीं। नहीं होती है तो अदालत में जाएंगे।
धन्यवाद @saltbylutyens आपने उन परिवारों के हित में आवाज़ उठाई है। @BJP4India का यह कदम केवल असंवैधानिक ही नहीं है पर क़ानून अपराध भी है। दुख इस बात का है कि एमपी पुलिस उनकी FIR दर्ज करने के बजाय अपराधियों को संरक्षण दे रही है। 15 सितंबर 2025 को प्रभावित कारीगरों और दुकानदारों ने… https://t.co/jmhm4U3abe
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) October 1, 2025
इधर चिंटू के बयान से वरिष्ठ नेता नाराज
उधर मप्र विधानसभा में सबसे ज्यादा वोट से हार का रिकॉर्ड बनाने वाले चिंटू चौकसे (1.07 लाख वोट से इंदौर विधानसभा दो) के समन्वय समिति में बिना नाम लिए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर की टिप्पणी ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस में कई वरिष्ठ नेताओं को चिंटू की नसीहत खल रही है, जिसमें उन्होंने साफ कहा कि कोई भी राष्ट्रीय नेता हो, बिना पूछे कुछ भी नहीं करें। यही नहीं इस नसीहत का और बंद कमरे की बैठक का खुद ही वीडियो अपने फेसबुक पर डाला, जिससे सभी नेताओं को नसीहत मिल जाए।
चिंटू के खिलाफ कार्रवाई की मांग
इस मामले को लेकर लोकसभा प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी को पत्र लिखा गया है। पूर्व महासचिव राकेश यादव द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि- मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह जी, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव जी सहित सभी वरिष्ठ एवं सम्मानित नेताओं के संदर्भ में मर्यादित भाषा और सम्मानजनक प्रोटोकॉल का पालन किया जाना अत्यंत अनिवार्य है।
इंदौर शहर कांग्रेस कार्यालय में प्रभारी संजय दत्त जी की मौजूदगी में शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे जी द्वारा दिया गया अमर्यादित उद्बोधन अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। और भी गंभीर स्थिति यह है कि समन्वय समिति में मौजूद नेताओं ने वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह जी पर संकेत करते हुए दिए गए इस अशोभनीय वक्तव्य का विरोध करने के बजाय ताली बजाकर समर्थन जैसा आचरण किया, जो आश्चर्यजनक एवं निंदनीय है।
इस प्रकरण में शामिल समस्त नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। अन्यथा कार्यकर्ताओं एवं जनता के बीच कांग्रेस के अनुशासन और सिद्धांतों को लेकर गलत संदेश जाएगा। जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा अभिव्यक्ति का दुर्भाग्यपूर्ण एवं अपमानजनक इस्तेमाल घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष का अमर्यादित व्यवहार कांग्रेस को कमजोर करके बीजेपी को मजबूत करने का प्रयास प्रतीक होता है।
पूर्व मंत्री बोले जब चिंटू जेल में थे तब भी दिग्गी गए थे
उधर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा इस घटना से बेहद नाराज हैं। उन्होंने कहा कि जब चिंटू चौकसे को बीजेपी सरकार ने जेल भेजा था, तब भी दिग्गी उनसे मिलने जेल गए थे, उन्हें सभी जगह जाने का हक है, दुनिया की कोई ताकत उन्हें नहीं रोक सकती।
कांग्रेस के संगठन प्रभारी संजय कामले ने कहा- बयान को लेकर किसी ने आधिकारिक तौर पर कोई शिकायत नहीं की? यदि शिकायत आती तो आगे फिर कार्रवाई करेंगे। बड़े नेताओं के दौरों के को-ऑर्डिनेशन की पूरी जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष की होती है। बड़े नेताओं के कार्यक्रम पहले से जारी होते ही हैं। जिलाध्यक्ष का ही प्रोटोकॉल है कि वे उनको रिसीव करें। कार्यक्रमों में उनके साथ जाएं, भाग लें।
लेकिन जैसा द सूत्र ने पहले बताया था कि चिंटू को कार्यक्रम की जानकारी होने के बाद भी वह इससे दूर रहे और दिग्विजय सिंह के साथ नहीं गए।
खुद वीडियो डालने वाले चिंटू बोले बात बाहर नहीं आनी थी
इधर, समन्वय समिति की बैठक में दिए गए बयान के बाद अब शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने कहा कि अब वो विषय समाप्त हो गया है। वह तो समन्वय समिति की बात थी। वह बात तो बाहर आनी ही नहीं थी। लेकिन खुद ही उन्होंने यह भड़ास निकालने वाला वीडियो डाला था।
समन्वय बैठक के वीडियो में यह बोल रहे हैं चिंटू चौकसे
इंदौर शहर में कोई राष्ट्रीय नेता आए, बड़ा नेता आए, छोटा नेता आए, इंदौर के किसी इश्यू को लेकर यदि कोई चर्चा करना है, किस मूवमेंट में हमें क्या एक्शन लेना है, किस जगह लेना है, किस तरह से लेना है यह पहले तय होना चाहिए। (इसी बीच सज्जन सिंह वर्मा भी इसे जरूरी बताते हैं)।
फिर चिंटू कहते हैं- यह बहुत आवश्यक है कि इंदौर की क्या स्थिति है, कोई भी नेता आए और कहे कि यहां चलना, वहां चलना, यह करूंगा वह करूंगा। पहले शहर कांग्रेस से संबंधित विधानसभा प्रभारी से हम चर्चा करेंगे और इसके बाद ही उसे आगे बढ़ाएंगे। ना कि मेरी इच्छा हुई कि मुझे राजबाड़ा जाना है, मुझे परदेशीपुरा जाना है, तो मैं जाउंगा। हमें लोकल स्थिति समझना होगी, इस पर विचार होना चाहिए, यह गंभीर विषय है इस पर विचार होना चाहिए।
वीडियो के साथ यह संदेश भी चिंटू ने सीधे लिखा
संगठन के लिए आवश्यक है कि बड़े नेता हो या छोटे नेता या कार्यकर्ता अगर किसी विषय/मुद्दे पर कोई भी स्टैंड लेना है तो संगठन की सहमति लेना जरूरी है। संगठन आवश्यक है संगठन को मजबूत करने के लिए यही हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस पटवारी और चिंटू दोनों की दिग्गी से दूरी
चिंटू को शहर अध्यक्ष बनवाने में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की अहम भूमिका रही है। अब इस पूरे विवाद में पटवारी और चिंटू की राह दिग्गी से पूरी अलग दिख रही है और दूरी भी। दिग्विजय सिंह के सीतलामाता बाजार जाने के कार्यक्रम की भनक लगते ही पटवारी और सज्जन सिंह वर्मा एक दिन पहले ही शुक्रवार शाम को संभागायुक्त से मिल आए और यह मुद्दा उठाते हुए एकलव्य गौड़ पर केस दर्ज करने की मांग की।
इसके बाद कोई भी नेता शनिवार को दिग्विजय सिंह के साथ नहीं गया। उधर चिंटू अपने करीबी मित्र राजू भदौरिया को डांट पड़ने से भी दिग्विजय सिंह से नाराज है और उन्होंने यह तल्खी बिना उनका नाम लिए ही पहले शनिवार को कार्यक्रम से दूरी बनाकर और फिर रविवार को बैठक में खुलकर बोलकर दिखा दी।
इधर अरुण यादव ने किया ट्वीट, दिग्गी का रिट्वीट
उधर इस मामले में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने भी बिना किसी का नाम लिए हुए प्रदेश कांग्रेस को नसीहत दे दी है। इसमें इंदौर कांग्रेस ही पर्दे के पीछे निशाना रही। उन्होंने जो ट्वीट किया उसे बाद में दिग्गी ने भी रिट्वीट किया।
यादव ने कहा कि- पार्टी एवं पार्टी की विचारधारा के लिए वैचारिक और सतही संघर्ष आज समय की मांग है, सिर्फ भाषणों एवं बयानों से जहरीली विचारधाराओं से संघर्ष कर पाना नामुमकिन है, सभी को साथ रख कर अपनी विचारधारा को लेकर समन्वय और एकजुटता से हम संघर्ष करेंगे, तभी प्रदेश में हमारी सरकार बनाने का सपना साकार होगा। जिस साहस और ईमानदारी के साथ हमारे नेता श्री राहुल गांधी जी संघर्ष कर रहे हैं उसका एक प्रतिशत भी मप्र में हम अंगीकार कर लें तो संघर्ष की राह आसान हो जाएगी।