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Photograph: (THESOOTR)
सोनम वांगचुक ( Sonam Wangchuk ), लद्दाख के प्रमुख जलवायु कार्यकर्ता और प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, को 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। इस गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने इस कदम पर विरोध जताया और इसे गलत बताया।
सोनम वांगचुक का आरोप था कि उन्हें लद्दाख की आवाज उठाने के कारण गिरफ्तार किया जा रहा है। उनका कहना था कि यह कदम उनकी छवि को धूमिल करने और उनकी आवाज को दबाने की साजिश है। वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने X पर पोस्ट की है। इसमें उन्होंने वांगचुक को समर्थन देने की बात कही है।
सोनम वांगचुक और लद्दाख की राज्य मांग
वांगचुक कई वर्षों से लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची के तहत वहां की जनजातियों को विशेष सुरक्षा देने की मांग कर रहे हैं।
2019 में लद्दाख को जम्मू और कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था, जिसके बाद वांगचुक और उनके समर्थकों ने इसे राज्य का दर्जा देने की मांग तेज कर दी थी। उनका उद्देश्य यह था कि लद्दाख की संस्कृति और पर्यावरण को संरक्षण मिले और वहां की स्थानीय जनजातियों को विशेष अधिकार प्राप्त हों।
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24 सितंबर को लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन
लद्दाख में 24 सितंबर को एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था, जिसमें प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और 80 से ज्यादा लोग घायल हुए।
पुलिस का आरोप था कि वांगचुक के भड़काऊ भाषणों ने प्रदर्शनकारियों को उकसाया और हिंसा को बढ़ावा दिया। इसके बाद सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, वांगचुक ने इन आरोपों का खंडन किया और इसे एक साजिश करार दिया।
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दिग्विजय का समर्थन और कांग्रेस का विरोध
कांग्रेस पार्टी ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का विरोध किया है। दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने ट्वीट कर कहा कि सोनम वांगचुक के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत मुकदमा चलाना "घोर आपत्तिजनक" है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी वांगचुक के साथ खड़ी है।
राहुल गांधी ने भी पहले ही उनके समर्थन में ट्वीट किया था, और उनके खिलाफ उठाए गए कदमों की कड़ी आलोचना की थी। कांग्रेस ने मांग की है कि सोनम वांगचुक को जल्द से जल्द रिहा किया जाए।
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सोनम वांगचुक के भूख हड़ताल की भूमिका
9 सितंबर को सोनम वांगचुक ने लद्दाख में 15 दिनों की भूख हड़ताल शुरू की थी। इस भूख हड़ताल का उद्देश्य लद्दाख की राज्य की मांग को राष्ट्रीय स्तर पर लाना था। वांगचुक ने नेपाल के युवा आंदोलनों और अरब स्प्रिंग जैसे ऐतिहासिक आंदोलनों का उल्लेख किया था। हालांकि, 24 सितंबर को प्रदर्शन उग्र हो गए, और इसके बाद हिंसा भड़क गई, जिससे उनकी गिरफ्तारी का कारण बना।
लद्दाख में हो रहे बदलाव पर प्रतिक्रिया
लद्दाख के समाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर सोनम वांगचुक लंबे समय से काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि लद्दाख की संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली को बचाने के लिए इसे एक पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। लेकिन सरकार की नीतियां और फैसले इस दिशा में असहमत हैं। वांगचुक की गिरफ्तारी ने इस मुद्दे को और गरम कर दिया है, और अब यह राजनीतिक रूप से भी एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
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कांग्रेस का रणनीतिक कदम
कांग्रेस का यह कदम सोनम वांगचुक के समर्थन में न केवल उनकी गिरफ्तारी के विरोध में है, बल्कि यह पार्टी की आंतरिक रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है। कांग्रेस की मंशा यह प्रतीत होती है कि वह आगामी चुनावों में इस मुद्दे का उपयोग कर सकती है, खासकर उस समय जब लद्दाख की जनजातीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्वायत्तता के मुद्दे पर राष्ट्रीय बहस चल रही हो।
निष्कर्ष
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ लिया है। जहां एक तरफ सरकार ने उन्हें उकसाने वाले बयान देने का दोषी ठहराया, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने उनके समर्थन में खड़ा होकर सरकार की कार्रवाई की आलोचना की है। इस विवाद ने न केवल लद्दाख की राजनीति को प्रभावित किया है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक विरोध के अधिकार पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।