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Photograph: (thesootr)
MP Weather update : मध्यप्रदेश में मानसून ट्रफ (Monsoon Trough) और लो प्रेशर एरिया (Low Pressure Area) के सक्रिय होने से प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी है। कई जिलों में तेज तो कुछ में हल्की बारिश हो रही है। रविवार-सोमवार की दरमियानी रात को भी 15 जिलों में बारिश की खबर है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए राज्य में यलो अलर्ट जारी किया है, इससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है।
बड़वानी और खरगोन में फसलें खराब
बड़वानी जिले में भारी बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। तलवाड़ा बुजुर्ग गांव के एक किसान ने बताया कि उन्होंने 3 हेक्टेयर में भिंडी और मक्का की फसलें लगाई थीं, जो अब बर्बाद हो चुकी हैं। बारिश के कारण इन फसलों में भारी नुकसान हुआ है, जिससे उन्हें करीब 80 हजार रुपए का नुकसान हुआ है।
वहीं, खरगोन में कपास की फसलें भी प्रभावित हुई हैं। नमी के कारण कपास की गुणवत्ता पर असर पड़ा है, जिससे मंडी में नीलामी एक सप्ताह के लिए रोक दी गई है। किसानों को अपने कपास को सुखाने के लिए घरों और फैक्ट्रियों में रखना पड़ रहा है।
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दशहरे पर बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने 1 अक्टूबर से एक नया सिस्टम सक्रिय होने की सूचना दी है, जिससे 2 अक्टूबर को दशहरे के दिन भी बारिश हो सकती है। यह किसानों के लिए एक और चुनौती हो सकती है, क्योंकि इस दिन खासतौर पर खेतों से फसलों की कटाई होती है।
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6 अक्टूबर तक मानसून की विदाई
इस बार मध्यप्रदेश में मानसून 16 जून को आया था और अब तक 45 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य 37.2 इंच से ज्यादा है। हालांकि, कई जिलों में मानसून विदा हो चुका है, जैसे ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, और भिंड, लेकिन अब तक मानसून के अंतिम चरण का वक्त चल रहा है। प्रदेश में 6 अक्टूबर तक मानसून विदा हो जाएगा, लेकिन वर्तमान मौसम प्रणाली के कारण यह तारीख बढ़ भी सकती है।
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गुना में बारिश से फसल पर संकट
गुना जिले में मानसून के दौरान सबसे अधिक 65.5 इंच बारिश हुई है। इसके कारण कृषि उत्पादन में भारी गिरावट आई है। इसके अलावा मंडला, रायसेन, और श्योपुर में भी 60 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इस भारी बारिश के कारण किसानों को काफी नुकसान हो सकता है।
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राज्य के अन्य हिस्सों में भी असर
इसके अलावा, अन्य जिलों जैसे बैतूल, नर्मदापुरम, इंदौर, और छिंदवाड़ा में भी भारी बारिश हो रही है। इन क्षेत्रों में किसान फसलों की देखभाल करने में मुश्किल महसूस कर रहे हैं। बारिश के कारण न केवल फसलों का नुकसान हुआ है, बल्कि कृषि कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।