मध्य प्रदेश में आज 6 सितंबर 2024, शुक्रवार को कई महत्वपूर्ण घटनाएं होने वाली हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ( cm mohan yadav ) भोपाल में वाणिज्य कर और खनिज विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण निर्णयों पर चर्चा होगी। यह बैठक वाणिज्य कर और खनिज से जुड़े मामलों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिनका राज्य की अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
सीएम के कार्यक्रम कुछ इस तरह...
- 8:45 बजे सीएम डॉक्टर मोहन यादव उज्जैन से भोपाल के लिए रवाना होंगे।
- 11 बजे सीएम मंत्रालय पहुंचेंगे और वाणिज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक लेंगे।
- 12:15 बजे सीएम खनिज साधन विभाग की समीक्षा बैठक लेंगे।
- 2 बजे सीएम पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विमुक्त घुमंतू और अर्धघुमंतु कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक लेंगे।
जीतू पटवारी की प्रेस वार्ता
इसके अलावा, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ( jitu patwari ) भी आज एक प्रेस वार्ता करेंगे, जिसमें वह किसानों से जुड़े मुद्दों को उठाएंगे। राज्य में किसानों की समस्याओं और उनके समाधान के बारे में सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े किए जा सकते हैं। पटवारी की यह प्रेस वार्ता कृषि क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों और आवश्यक नीतियों पर केंद्रित होगी।
नगरीय निकायों के CMO सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे
आज राज्य के 413 नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे। यह हड़ताल नगरीय निकायों में अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ बढ़ती मारपीट और हिंसा की घटनाओं के विरोध में की जा रही है। सीएमओ कल्याण संघ द्वारा इस हड़ताल का आह्वान किया गया है, जिसमें अधिकारियों ने नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के आयुक्त को ज्ञापन सौंपा है। साथ ही, राज्य के विभिन्न जिलों में कलेक्टर और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी इस संबंध में जानकारी दी गई है।
अधिकारियों पर हमलों के विरोध में प्रशासनिक कामकाज ठप
हड़ताल की प्रमुख वजह यह है कि नगरीय निकायों में कार्यरत मुख्य नगर पालिका अधिकारियों और कर्मचारियों पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। संगठन के अध्यक्ष नीलेश दुबे ने बताया कि सीमित संसाधनों के बावजूद निकायों के अधिकारी नागरिक सेवाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन उन पर हो रहे अत्याचारों के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
इस सांकेतिक हड़ताल के दौरान सभी सीएमओ अपने कार्यों से दूर रहेंगे, जिससे नगरीय निकायों का प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो सकता है। हड़ताल का उद्देश्य प्रशासन को इन घटनाओं के प्रति जागरूक करना है ताकि अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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