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बिहार विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी प्रचार करते हुए नजर आएंगे। हाल ही में वह दिल्ली गए थे, जहां उन्होंने बिहार चुनाव को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत की थी। उम्मीद की जा रही है कि बिहार की यादव बहुल सीटों पर सीएम मोहन यादव सक्रिय रूप से काम करेंगे। इसके अलावा कुछ और सीटों पर भी मोहन यादव की राजनीतिक सक्रियता देखने को मिल सकती है।
17 अक्टूबर को मोहन यादव जाएंगे बिहार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद यह रणनीति बनाई गई है। मोहन यादव 17 अक्टूबर को बिहार जाएंगे, जहां उनका खास फोकस बीजेपी के नेताओं के नामांकन पर होगा।
दिवाली के बाद उनका एक बड़ा जनसंपर्क अभियान भी शुरू होगा। इसमें वे बिहार के अलग-अलग हिस्सों में जाकर लोगों से मिलेंगे और पार्टी के लिए समर्थन जुटाएंगे।
बताया जा रहा है कि कुछ ही दिनों में केंद्रीय नेतृत्व की ओर से डॉ. यादव को पूरा कार्यक्रम सौंपा जाएगा। आपको बता दें कि, 14 सितंबर को डॉ. यादव पटना में यादव समाज के एक बड़े कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं। उसी दौरान यह माना जा रहा था कि वह आने वाले समय में बिहार चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
सीएम मोहन को बड़ी जिम्मेदारी वाली खबर पर एक नजर:सीएम मोहन यादव का बड़ा रोल: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में यादव बहुल क्षेत्र की सीटों पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव सक्रिय रूप से काम करेंगे। वह 17 अक्टूबर को बिहार जाएंगे और नामांकन प्रक्रिया पर ध्यान देंगे। 17 अक्टूबर को बिहार दौरा: मोहन यादव 17 अक्टूबर को बिहार जाएंगे। दिवाली के बाद उनका जनसंपर्क अभियान शुरू होगा, जिसमें वह बिहार के अलग-अलग हिस्सों में जाकर पार्टी के लिए समर्थन जुटाएंगे। बिहार को पांच जोन में बांटा गया: बीजेपी ने बिहार चुनाव के लिए राज्य को पांच जोन में बांटा है - मिथिला-तिरहुत, चंपारण-सारण, मगध-शाहाबाद, भागलपुर-कोशी-पूर्णिया और पटना-मुंगेर-बेगूसराय-नालंदा। एमपी बीजेपी प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह की जिम्मेदारी: मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह को मिथिला-तिरहुत जोन का प्रभारी बनाया गया है। इस जोन में 12 जिले, 10 लोकसभा और 58 विधानसभा सीटें शामिल हैं। अन्य नेताओं को भी जिम्मेदारी: कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, विश्वास सारंग और नरोत्तम मिश्रा को बिहार के अलग-अलग इलाकों में जातिगत समीकरणों के हिसाब से जिम्मेदारियां दी गई हैं। | |
बिहार को पांच जोन में बांटा गया
14 सितंबर को हुई बैठक में बीजेपी ने बिहार चुनाव के प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए पूरे राज्य को पांच जोन में बांट दिया। इन जोन में मिथिला-तिरहुत, चंपारण-सारण, मगध-शाहाबाद, भागलपुर-कोशी-पूर्णिया और पटना-मुंगेर-बेगूसराय-नालंदा शामिल हैं। हर जोन के लिए एक बड़े नेता को प्रभारी बनाया गया है, ताकि चुनावी रणनीति और प्रचार अभियान सही तरीके से चल सके।
इसके अलावा, हर जोन के प्रभारी नेता के साथ संगठन से जुड़े एक और नेता को जोड़ा गया है, जो उस इलाके में पार्टी के काम को और भी प्रभावी बनाने में मदद करेगा। इस रणनीति के तहत बीजेपी की कोशिश है कि हर जोन में पार्टी की ताकत बढ़ाई जाए और चुनावी जीत को पक्का किया जाए।
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एमपी बीजेपी प्रभारी को मिली ये जिम्मेदारी
हर जोन में करीब 50 से 60 सीटें शामिल की गई हैं। मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह को पार्टी ने बिहार के सबसे बड़े जोन, मिथिला और तिरहुत, का प्रभारी बनाया है। इस जोन में कुल 12 जिले हैं, जिसमें 10 लोकसभा सीटें और 58 विधानसभा सीटें शामिल हैं।
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नरोत्तम मिश्रा और विश्वास सारंग को भी बड़ी जिम्मेदारी
इसके अलावा, पार्टी ने बिहार में जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए कुछ और वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारियां दी हैं। बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय और विश्वास सारंग को भी अलग-अलग इलाकों में काम सौंपा गया है। विश्वास सारंग को पटना, मुंगेर, बेगूसराय और नालंदा क्षेत्र में जिम्मेदारी दी गई है, जबकि पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को मुजफ्फरपुर और बोंचहा विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है।
बहुत जल्द मध्य प्रदेश के सांसदों और कुछ विधायकों को भी बिहार में चुनावी कामकाज सौंपा जाएगा, ताकि बीजेपी का प्रचार और रणनीति मजबूत हो सके और पार्टी को चुनाव में सफलता मिल सके।
26 सितंबर को पटना में बिहार चुनाव के प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने प्रवासी कार्यकर्ताओं और नेताओं की अहम बैठक की थी। इस बैठक में बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे, जिनमें मध्य प्रदेश के डॉ. महेंद्र सिंह और विश्वास सारंग भी थे।