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Raipur. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सीनियर आब्जर्वर (Senior Observer) नियुक्त किया है। कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें बिहार में पार्टी के चुनावी अभियान को संभालने और रणनीति तय करने की जिम्मेदारी दी है। हालांकि, उनकी इस नियुक्ति पर भाजपा सांसद संतोष पांडेय ने तीखा व्यंग्य किया है और उन्हें “कांग्रेस का एटीएम” और “पेटीएम” तक कह डाला।
कांग्रेस ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
कांग्रेस ने 4 अक्टूबर को जारी आदेश में भूपेश बघेल को बिहार विधानसभा चुनाव का सीनियर आब्जर्वर बनाया। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, उन्हें उम्मीदवार चयन, प्रचार प्रबंधन और स्थानीय संगठन से तालमेल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। माना जा रहा है कि भूपेश बघेल अपने संगठनात्मक अनुभव और चुनावी रणनीति के आधार पर बिहार में कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश करेंगे।
संतोष पांडेय का तंज: अब एटीएम नहीं,पेटीएम बन गए
भूपेश बघेल की इस नियुक्ति पर भाजपा सांसद और मुख्य प्रदेश प्रवक्ता संतोष पांडेय ने कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा- “कांग्रेस की सोच है कि समय रहते अपने एटीएम का पूरा उपयोग कर लिया जाए। भूपेश बघेल ‘एटीएम’ यानी ‘Always Transfer Money’ थे, अब ऑनलाइन युग में वे ‘पेटीएम’ यानी ‘Please Transfer Money’ बन गए हैं।”
सांसद ने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल अब कांग्रेस के “अघोषित कोषाध्यक्ष” की भूमिका निभा रहे हैं और पार्टी जहां भी उन्हें भेजती है, वहां चुनाव में कांग्रेस की हार तय हो जाती है।
जहां भूपेश बघेल जाते,वहां पार्टी हार जाती
संतोष पांडेय ने कहा कि कांग्रेस ने जिन राज्यों में भूपेश बघेल को प्रभारी बनाकर भेजा, वहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा- “असम, पंजाब और उत्तराखंड में बघेल के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस को करारी हार मिली थी। अब बिहार में भी वही नतीजा दोहराया जाएगा।”
उन्होंने सवाल उठाया कि “भूपेश बघेल बिहार में जाकर क्या बताएंगे – कोयला घोटाले के 250 करोड़, शराब घोटाले के 2000 करोड़ या सट्टा घोटाले की कहानी?”
छत्तीसगढ़ के भ्रष्टाचार का पैसा चुनाव में इस्तेमाल हो रहा
भाजपा सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस देशभर के चुनावों में छत्तीसगढ़ में हुए भ्रष्टाचार के पैसों का उपयोग करती है। उन्होंने कहा — “जब भी कोई चुनाव आता है, कांग्रेस के शीर्ष नेता भूपेश बघेल का नाम सामने लाते हैं, ताकि छत्तीसगढ़ में हुए घोटालों से जुटाए गए पैसे से चुनावी अभियान चलाया जा सके।”
बिहार चुनाव 2025: ऐसे समझें पूरा मामला
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कांग्रेस की रणनीति क्या है?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस ने भूपेश बघेल को इसलिए बिहार भेजा है ताकि वे ग्रामीण इलाकों में संगठन को सक्रिय कर सकें और पार्टी के लिए निचले स्तर पर जनसंपर्क अभियान को गति दे सकें। भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में किसान, गांव और सामाजिक न्याय पर केंद्रित राजनीति के लिए जाने जाते हैं, जो बिहार की राजनीति में भी अहम भूमिका निभा सकती है।
बिहार में चुनावी तैयारियां तेज
बिहार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। कांग्रेस, राजद और वामपंथी दल महागठबंधन (Mahagathbandhan) के तहत मिलकर मैदान में उतरेंगे। वहीं, भाजपा और जदयू गठबंधन भी अपनी रणनीति मजबूत करने में जुटे हैं। ऐसे में भूपेश बघेल की भूमिका कांग्रेस के लिए निर्णायक साबित हो सकती है या नहीं, यह चुनाव परिणाम तय करेगा।