अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरज मंडलोई का स्मार्ट प्लान : फास्ट रिएक्शन देगा CMO, हर विधानसभा में VC की सुविधा शुरू होगी

कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री के दौरे और प्रशासनिक कार्यों के बेहतर प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय ने नई प्रक्रिया लागू की है। इसमें दौरे की तैयारी, घोषणाओं का पंजीकरण, स्वेच्छानुदान और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी कई सुविधाओं का समावेश है।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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BHOPAL. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने कलेक्टर-कमिश्नर कान्फ्रेंस के दूसरे दिन मुख्यमंत्री के दौरों और संबंधित प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर प्रजेंटेशन दिया। CMO से होने वाले कामों को नए सिरे धार मिलेगी और ज्यादा तेज गति से काम होंगे।

कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के दौरान आईएएस नीरज मंडलोई ने बताया कि प्रजेंटेशन का उद्देश्य मुख्यमंत्री के दौरों की तैयारी, घोषणाओं का प्रबंधन, स्वेच्छानुदान वितरण और अन्य प्रशासनिक प्राथमिकताओं के बारे में स्पष्ट निर्देश देना था। 

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आइए, हम इस प्रजेंटेशन को सरल और सहज भाषा में विस्तार से समझते हैं-

1. मुख्यमंत्री के दौरे की तैयारी 

सीएम मोहन यादव के दौरे की सफलता के लिए अब दो हिस्सों में बांटा काम होगा-

प्रारंभिक योजना: जब किसी कार्यक्रम का प्रस्ताव आएगा तो संबंधित जिले को उस पर तुरंत प्रतिक्रिया देना आवश्यक होगा। जिले के कलेक्टर का अंतिम निर्णय कार्यक्रम स्थल, समय और आयोजन को लेकर होगा।

मुख्य कार्यक्रम: सीएम का कार्यक्रम स्थानीय लोगों की पहल, सर्किट हाउस ब्रीफिंग, दुर्घटना प्रभावित परिवारों से मुलाकात, जिला विकास समिति की बैठक और संस्थागत दौरे (जैसे अस्पताल, स्कूल) के रूप में हो सकता है।

अतिरिक्त कार्यक्रम: अधिकारी अपनी ओर से अतिरिक्त कार्यक्रमों का प्रस्ताव भी दे सकते हैं।

स्थल प्रबंधन और लॉजिस्टिक्स: अधिकारियों को आयोजन स्थल का चयन और वहां की सुविधाओं का आकलन जरूरी कर दिया गया है। जैसे यातायात व्यवस्था, पार्किंग, शौचालय, पानी की व्यवस्था आदि की गंभीरता से पहले ही समीक्षा करना होगी। सभी जनप्रतिनिधियों को निमंत्रण भेजना और स्थल का पहले से निरीक्षण करना भी इस काम शामिल किया गया है।

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2. दौरे से पहले हर तैयारी की योजना जरूरी 

मुख्यमंत्री के दौरे से पहले जिला स्तर पर एक बैठक आयोजित की जाती है जिसमें कलेक्टर, एसपी, सीईओ और अन्य अधिकारी शामिल होते हैं। इस बैठक में दौरे से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी, जैसे कार्यक्रम का विवरण, सुरक्षा उपाय, और मुख्यमंत्री के भाषण के लिए इनपुट, साझा किए जाते हैं। यह सुनिश्चित किया जाता है कि हर एक पहलू के लिए विस्तृत योजना और दस्तावेज तैयार हों।

3. घोषणाओं का पंजीकरण और प्रबंधन

किसी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का सही तरीके से पंजीकरण और प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए एक स्पष्ट प्रक्रिया तैयार की गई है-

घोषणाओं के लिए अग्रिम तैयारी: संभावित घोषणाओं को पहले ही एकट्ठा कर सीएम कार्यालय के साथ साझा करना आवश्यक है। घोषणाओं में केवल महत्वपूर्ण कार्यों को शामिल किया जाएगा और नीतिगत मुद्दों या तकनीकी पहलुओं को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा।

घोषणाओं की प्रक्रिया: सभी घोषणाओं को मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुमोदित किया जाएगा और उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। घोषणाओं में किसी भी प्रकार की सामान्य जानकारी, जैसे पुल बनाना या सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी।

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4. मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान: प्रक्रिया और अपेक्षाएं

मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के तहत तेज और पारदर्शी तरीके से लाभार्थियों को सहायता दी जाती है। इसके लिए कुछ प्रमुख अपेक्षाएं निर्धारित की गई हैं-

त्वरित भुगतान: स्वीकृति प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाता है।

समस्या समाधान: यदि किसी को ऑनलाइन भुगतान में कोई समस्या आती है, तो उसे शीघ्र हल किया जाता है।

5. प्रमुख प्रशासनिक प्राथमिकताएं

मुख्यमंत्री के कार्यालय ने कुछ प्रमुख प्रशासनिक प्राथमिकताएं तय की हैं-

विजन डॉक्यूमेंट का क्रियान्वयन: विधानसभा के लिए तैयार किए गए विजन डॉक्यूमेंट को क्रियान्वित करना।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रणाली की स्थापना: सभी विधानसभा क्षेत्रों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए हर विधानसभा को पांच लाख का बजट निर्धारित किया गया है।

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6. मुख्यमंत्री कार्यालय के दौरे समन्वयक की जिम्मेदारी भी तय

मुख्यमंत्री के दौरे के समन्वय के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में विभिन्न अधिकारियों को विशिष्ट जिम्मेदारियां दी गई हैं-

  • आलोक सिंह (सचिव): समग्र समन्वय
  • सीएस वालिम्बे (अतिरिक्त सचिव): टूर कार्यक्रम में अनुमोदन/परिवर्तन
  • अरविंद दुबे (अतिरिक्त सचिव): घोषणाओं का प्रबंधन
  • संदीप अस्थाना (उप सचिव): भाषण का समन्वय
  • समीर यादव (एसपी सीएम सुरक्षा): सुरक्षा व्यवस्थाएं
  • महेश चौधरी (ओएसडी): राजनीतिक समन्वय

इस तरह, मुख्यमंत्री के दौरे और घोषणाओं के प्रबंधन से लेकर स्वेच्छानुदान और अन्य प्रशासनिक प्राथमिकताओं तक, सभी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से लागू किया जा रहा है।

कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस सीएम मोहन यादव आईएएस नीरज मंडलोई मुख्यमंत्री कार्यालय मध्यप्रदेश
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