संजय गुप्ता, INDORE. आईआईटी व इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली JEE मेन्स ( JEE Mains Result ) का रिजल्ट 25 अप्रैल को जारी हुआ है। इसके बाद से ही इंदौर में कोचिंग वार शुरू हो गया है, यह वार रिजल्ट में अपने आप को श्रेष्ठ बताते हुए अधिक से अधिक बच्चों को अपने यहां लाने का है। क्योंकि दाव पर 1-2 करोड़ नहीं, इंदौर में करीब 200 करोड़ का हर साल टर्नओवर है, इन कोचिंग का। इस एंट्रेस एग्जाम की तैयारी के लिए मप्र और अन्य राज्यों से इंदौर में हर साल 25 हजार से ज्यादा बच्चे आते हैं।
आकाश और एलन के बीच अभी यह हुआ
रिजल्ट आने के बाद हर बार इसमें आगे रहने वाला एलन कोचिंग ( ALLEN Coaching ) चूक गया और मेडिकल एंट्रेस एग्जाम में आगे रहने वाला आकाश के बच्चों ने इस बार ज्यादा बेहतर रैंक ली। इसके बाद आकाश ( Aakash Coaching ) के संचालकों ने बच्चों के साथ जीत की रैली निकाली और यह रैली निकली एलन कोचिंग के बाहर से। इसे वहां रोका गया और जमकर नारे लगाए गए- बाप तो बाप होता है, बेटा… बेटा ही रहता है। रैली को उनके दफ्तर के बाहर काफी देर रोक दिया गया, ताकि एलन में आने-जाने वाले और वहां पढ़ने वाले बच्चे इस पूरे माहौल को देख सकें। इसके बाद वहां से फिर रवाना हुई।
कोचिंग संचालकों ने दूसरों के बाहर लगाए अपने होर्डिंग्स
कोचिंग में नए एडमीशन के समय माता-पिता सामान्य तौर पर यह देखते हैं कि कहां पर किसके ज्यादा बच्चे सफल हुए हैं। इसे ही दिखाने के लिए कोचिंग संचालक अपने होर्डिंग्स, पोस्टर लगाने के साथ ही अखबारों में जमकर विज्ञापन देते हैं। रिजल्ट आने के बाद सभी अखबारों के पन्ने कोचिंग की खुद की वाहवाही करने और हमारे बच्चों ने ज्यादा रैंक ली और अधिक सफल हुए ऐसे दावा करने वाले विज्ञापनों से भरे हुए हैं। ऐसा ही एक विवाद एलन और फिजिक्सवाला में भी चल रहा है। एलन दफ्तर के बाहर ढक्कन वाला कुआं पर फिजिक्सवाला का बड़ा होर्डिंग्स लगा है जो अवैध बताया जाता है। इसे लेकर शिकायतें भी हो गई लेकिन यह होर्डिंग्स नहीं हटा है।
इंदौर में इन कोचिंग के बीच चल रही है रेस
इंदौर में राष्ट्रीय स्तर के कई ब्रांड सक्रिय है, क्योंकि सेंट्रल इंडिया में इंदौर एक बड़ा सेंटर है। यहां पर एलन, आकाश के साथ ही फिट्जी, फिजिक्सवाला, कल्पवृक्ष, अनएकेडमी कोचिंग प्रमुख स्तर पर है, वहीं छोटे स्थानीय कोचिंग भी संचालित हो रही है, जिसमें आयाम का नाम है। वहीं दक्षिण भारत का सबसे बड़ा ब्रांड नारायणा भी इंदौर में सक्रिय है। हालांकि अभी वह वैसी पैठ नहीं बना पाया है। इन सभी की कोशिश है कि अपने यहां की रैंक, सफलता प्रतिशत दिखाते हुए अधिक से अधिक विज्ञापन करें और इंदौर आने वाले बच्चों को अपने यहां खींचने में सफलता पाएं। इसी होड़ में कोचिंग वार दिखने लगा है।
सबसे ज्यादा बच्चे एलन में
उत्तर और सेंट्रल इंडिया के सबसे बड़े ब्रांड एलन की इंदौर में भी पकड़ है और यहीं अकेल 13 हजार करीब बच्चे जेईई की तैयारी करते हैं। वहीं कल्पवृक्ष, फिजिक्सवाला और आकाश में मिलकर आठ हजार से ज्यादा बच्चे हैं। वहीं कैटेलाइजर और फिट्जी, अनएकेडमी में भी कुल मिलाकर 5000 करीब बच्चे हैं।
फीस औसतन 80 हजार से एक लाख रुपए तक
इन कोचिंग की फीस प्रति साल की 80 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक है। कुछ कोचिंग कम बच्चे लेकर अधिक फीस लेते हैं। इनकी फीस सवा लाख रुपए करीब होती है। हालांकि बताया जाता है कि पूरा बिजनेस नंबर एक मे होता है। यह नेशनल ब्रांड है, इसलिए फार्म की राशि हो या फीस की सभी लेने-देन चेक और बैंक खातों के माध्यम से ही करते हैं। खासकर जबसे कौटिल्य एकेडमी आयकर और सेंट्रल एक्साइज विभाग के रेड के दायरे में आया है, तब से और कोचिंग संचालक इसमें अलर्ट हो गए हैं।
अभी एडवांस का रिजल्ट आना बाकी
अभी जेईई मेंस का ही रिजल्ट आया है, यह आईआईटी में प्रवेश के लिए काफी नहीं है। इसमें पास हुए ढाई लाख बच्चे अब जेईई एडवांस देंगे, इसमें सफलता पर ही बड़े आईआईटी और अच्छी ब्रांच मिलती है। लेकिन मेंस के रिजल्ट के जरिए अधिक से अधिक बच्चे लाने की कोशिश में कोचिंग जुड़ गई है। देश में 12 लाख करीब बच्चे जेईई देते हैं, इसमें मेंस में सफल फिर एडवांस देते हैं। हालांकि मेंस पास करने पर भी स्तरीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश का रास्ता खुलता है।