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मध्य प्रदेश में कफ सिरप से करीब 26 बच्चों की मौत के मामले में पुलिस ने एक नया खुलासा किया है। एसआईटी (SIT) ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामले में आरोपी डॉक्टर प्रवीण सोनी की पत्नी ज्योति को गिरफ्तार कर लिया है। ज्योति सोनी को सोमवार, 04 नवंबर को छिंदवाड़ा जिले के परसिया से गिरफ्तार किया गया है।
ज्योति सोनी का नाम इस मामले की साजिश में सामने आया है, जो अपने पति प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी के बाद फरार हो गई थी। आरोप है कि वह अपने पति के साथ मिलकर जहरीले कफ सिरप के बिक्री और वितरण में शामिल थी। उसके जरिए संचालित मेडिकल स्टोर पर मामले से जुड़े जरूरी सबूतों से छेड़छाड़ की गई थी।
बच्चों के लिए काल बनी कफ सिरप
गौरतलब है कि बच्चों की मौत कथित तौर पर कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से हुई थी। इस सिरप की जांच में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक रासायनिक तत्व की खतरनाक मात्रा पाई गई थी, जो 46% से भी ज्यादा थी, और यह बहुत जहरीला होता है।
दावा है कि सिरप पीने के बाद बच्चों की किडनी फेल हो गई और उनकी जान चली गई। अब तक इस मामले में आठ से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें फार्मा कंपनी के मालिक गोविंदन रंगनाथन और डॉक्टर प्रवीण सोनी भी शामिल हैं। इन्होंने छिंदवाड़ा के परसिया ब्लॉक में अपने निजी अस्पताल में बच्चों को यह खतरनाक दवा दी थी।
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कार्रवाई की रफ्तार में तेजी
डॉ. प्रवीण सोनी की पत्नी ज्योति सोनी को गिरफ्तार करने के बाद, पुलिस ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। वहीं, अन्य आरोपी, जिनमें फार्मा कंपनी के मालिक भी शामिल हैं, पहले ही न्यायिक हिरासत में हैं। डॉक्टर प्रवीण सोनी परसिया सिविल अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ थे।
वहीं, अब राज्य सरकार ने प्रवीण को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, एक उप औषधि नियंत्रक और दो औषधि निरीक्षकों को लापरवाही के आरोप में निलंबित किया गया है।
कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामले की खबर पर एक नजर...
 
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रद्द हो चुका दवा कंपनी का लाइसेंस
इस मामले की गहन जांच के बाद, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश के औषधि नियंत्रण अधिकारियों ने पुष्टि की कि कफ सिरप में DEG की मिलावट हुई थी। इसके चलते कई राज्यों ने इस सिरप के वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही, अपने औषधि नियंत्रण अधिकारियों को सतर्क किया है। इसके अलावा, तमिलनाडु के अधिकारियों ने श्रेसन फार्मास्युटिकल्स के लाइसेंस को रद्द कर दिया है और कंपनी को बंद कर दिया है।
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नशीली कफ सिरप का बढ़ता कारोबार
आईजी गौरव राजपूत ने नशीली कफ सिरप (codeine cough syrup) के बढ़ते कारोबार पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह सिरप अब केवल शहरी इलाकों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह गांवों, गलियों और मोहल्लों में भी पहुंच चुका है। उन्होंने पुलिसकर्मियों से अपील की कि वे इस खतरे को गंभीरता से लें और अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
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नशीली सिरप पर पुलिस की कार्रवाई
आईजी ने यह भी बताया कि एमपी पुलिस ने हाल ही में नशीली कफ सिरप के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई की है। 7 अक्टूबर 2025 को शहडोल के देवलोंद थाना क्षेत्र में 180 शीशी नशीली सिरप जब्त की गई थी, और तीन लोग गिरफ्तार हुए थे।
इसके बाद 21 अक्टूबर 2025 को रीवा के सोहागी थाना क्षेत्र में 1320 शीशी नशीली सिरप बरामद की गई, जिसकी कीमत करीब 6 लाख रुपए थी। उसी दिन मऊगंज में 4500 शीशी नशीली सिरप जब्त की गई, जो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) लाई जा रही थी।
इसके बाद 26 अक्टूबर 2024 को रीवा में 600 पेटी नशीली सिरप जब्त की गई, जिसकी कीमत 1.22 करोड़ रुपए बताई गई।
क्या है कफ सिरप कांड?
छिंदवाड़ा समेत मध्य प्रदेश के कई जिलों में बीते कुछ महीनों से बच्चों में गंभीर बीमारियों और मौत के पीछे एक संदिग्ध कफ सिरप को जिम्मेदार माना जा रहा है। जांच एजेंसियां सिरप के सैंपल की फॉरेंसिक जांच में जुटी हैं।
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