कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत : श्रीसन फार्मा कंपनी बंद, लाइसेंस किया रद्द

श्रीसन फार्मा के बनाए कोल्ड्रिफ कफ सिरप से मध्य प्रदेश में 25 बच्चों की मौत हो गई थी । इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने कंपनी बंद कर मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द कर दिया। ED ने कंपनी के सात ठिकानों पर छापेमारी की।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (thesootr)

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BHOPAL. श्रीसन फार्मा (Shrisan Pharma) के कोल्ड्रिफ कफ सिरप (Coldiff Cough Syrup) के कारण मध्यप्रदेश में 25 बच्चों की मौत हो गई थी। कफ सिरप कांड की इस घटना से पूरे देश में हड़कंप मच गया था। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को रद्द कर दिया और श्रीसन फार्मा को बंद कर दिया है।

श्रीसन फार्मा का लाइसेंस रद्द 

तमिलनाडु फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (TNFDA) द्वारा की गई जांच में श्रीसन फार्मा की फैक्ट्री में 350 से अधिक गड़बड़ियां पाई गईं। फैक्ट्री में उत्पादन के लिए जरूरी गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन हुआ था। इसके बाद, तमिलनाडु सरकार ने कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द कर दिया।

कोल्ड्रिफ कफ सिरप (Coldrif Cough Syrup) में मिली मिलावट की जांच में पाया गया कि इसमें डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) का उपयोग किया गया था, जो बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हुआ।

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बच्चों की मौत पर प्रशासनिक कार्रवाई

कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला गर्माने के बाद राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाया और श्रीसन फार्मा को बंद कर दिया। कोल्ड्रिफ सिरप के बैच नंबर SR-13 को बैन कर दिया गया और साथ ही नेक्स्ट्रो-डीएस सिरप के बैच नंबर AQD-2559 को भी बाजार से हटा लिया गया। साथ ही, मध्य प्रदेश सरकार ने भी इस मामले में और कड़ी जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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कोल्ड्रिफ सिरप में DEG की मिलावट 

कांचीपुरम में स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स की फैक्ट्री से कोल्ड्रिफ सिरप के बैच नंबर SR-13 को जब्त किया गया। जांच में पाया गया कि इस सिरप में 48.6% डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) था, जो किडनी को नुकसान पहुंचाने वाला जहरीला पदार्थ है। यह सिरप मानकों के अनुसार "Not of Standard Quality" था।

DEG (Diethylene Glycol) का अत्यधिक मात्रा में सेवन बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है। इस घातक मिलावट के कारण, इस सिरप के सेवन से बच्चों की मौत हुई, जो गंभीर चिकित्सा लापरवाही का प्रतीक है।

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ED और पुलिस की छापेमारी 

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने श्रीसन फार्मा के सात ठिकानों पर छापेमारी की। इसके साथ ही तमिलनाडु के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (TNFDA) के डायरेक्टर इन-चार्ज पी यू कार्तिकेयन को गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई है। इसके पहले मध्य प्रदेश पुलिस ने श्रीसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को 9 अक्टूबर को चेन्नई के कोडम्बक्कम स्थित उसके अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 11 अक्टूबर को छिंदवाड़ा कोर्ट में पेश किया जहां से उसे 10 दिन की रिमांड पर भेज दिया।  

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श्रीसन फार्मा की लापरवाही 

श्रीसन फार्मा को 2011 में तमिलनाडु फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से लाइसेंस मिला था। इस कंपनी ने अपनी फैक्ट्री में दवाओं की गुणवत्ता मानकों की अवहेलना की। इसके बावजूद कंपनी ने 10 सालों तक बिना किसी रोक-टोक के कारोबार किया। इस दौरान, सिरप में मिलावट और नॉन-फार्माकॉपिया ग्रेड पदार्थों का इस्तेमाल किया गया, जो किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं थे।

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