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भोपाल में पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया को आखिरकार जमानत मिल गई। इसके साथ ही कुलदीप सिंगोरिया को गिरफ्तार करने वाले कटारा हिल्स पुलिस थाने के थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया गया है। इससे पहले सोमवार की देर रात टीआई ने पत्रकार कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया था। इस गिरफ्तारी के खिलाफ भोपाल के मीडियाकर्मियों ने थाने में धरना-प्रदर्शन भी किया था। पत्रकारों का आरोप था कि पुलिस ने बिना किसी ठोस जांच के कुलदीप के खिलाफ एक्सीडेंट के मामले में अड़ीबाजी की गंभीर धारा लगा दी। पत्रकारों ने थाने में टीआई के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई की मांग की थी। इसके साथ ही यह धरना प्रदर्शन तब तक जारी रखने की चेतावनी दी थी जब तक पुलिस प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई नहीं करता। इधर पुलिस ने सिंगोरिया को दोपहर बाद जेल भेज दिया। सिंगोरिया की ओर से जमानत के लिए कोर्ट में जरूरी कागजी कार्यवाही की जा रही है।
सिंगोरिया को भेजा जेल
पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया को 'झूठी' FIR के मामले में जेल भेज दिया गया था। इसके बाद उन्होंने डिस्ट्रिक्ट जज की कोर्ट में अपील की थी, जहां से उन्हें जमानत मिल गई है। इस विवाद में डीजीपी कैलाश मकवाना ने Add. CP अवदेश गोस्वामी को मामले का जांच अधिकारी नियुक्त किया है। अब यह जांच अवदेश गोस्वामी के नेतृत्व में की जाएगी।
सीएम बोले- मामला की जानकारी है
वहीं इस मामले में सीएम मोहन यादव का बयान सामने आया है। आप भी सुने सीएम ने क्या है...
आधी रात पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया गिरफ्तार, भेजे गए जेल। जानिए इस मामले पर CM मोहन यादव ने क्या कहा#MohanYadav #CMMadhyaPradesh #bhopal #KuldeepSingoria #FIR #journalists #bhopal #MadhyaPradesh #MPNews #TheSootr | @DrMohanYadav51 @CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/10o6kYTN3u
— TheSootr (@TheSootr) March 25, 2025
अड़ीबाजी की झूठी FIR और बेमतलब गिरफ्तारी का आरोप
धरने पर बैठे पत्रकारों का आरोप है कि कुलदीप सिंगोरिया को सोमवार को आधी रात में गिरफ्तार किया गया, जबकि जिस गाड़ी के साथ एक्सीडेंट का आरोप लगाया गया है, वह न तो कुलदीप की है और ना ही उसमें कुलदीप मौजूद था। इतना ही नहीं, फरियादी ने आरोप लगाया कि उसने फेसबुक के आधार पर FIR में कुलदीप का नाम लिखा, बिना किसी ठोस जांच के।
जानकारी के अनुसार पुलिस ने कुलदीप से गिरफ्तारी के वक्त उसका फोन छीन लिया और न तो परिवार के लोगों को और न ही दोस्तों को कोई जानकारी दी। एक्सीडेंट के मामले में मोबाइल जब्त करने का कोई स्पष्ट आधार भी सामने नहीं आया है।
क्यों संदिग्ध है FIR, इन 5 प्वाइंट्स से समझिए
1. गाड़ी का मालिकाना हक:
FIR में दावा किया गया कि एक्सीडेंट में कुलदीप सिंगोरिया की गाड़ी शामिल थी, लेकिन यह गाड़ी कुलदीप की नहीं थी, न ही वह सफेद बोलेरो में बैठा था।
2. अड़ीबाजी की गंभीर धारा का आरोप:
एक्सीडेंट जैसे मामूली मामले में गैरजमानती अड़ीबाजी की धारा लगाना अनवांछित और असामान्य है, जो इस मामले को संदिग्ध बनाता है।
3. FIR में नाम का आधार:
फरियादी ने कुलदीप को व्यक्तिगत रूप से नहीं पहचाना और फेसबुक के आधार पर FIR में नाम दर्ज किया गया, जो बिना जांच के किया गया था।
4. मोबाइल जब्ती का आधार:
एक्सीडेंट मामले में कुलदीप से उसका फोन जब्त किया गया, लेकिन इसके लिए कोई स्पष्ट आधार नहीं दिखाया गया।
5. परिजनों को मिलने की अनुमति न देना:
गिरफ्तारी के बाद कुलदीप के परिजनों को उससे मिलने नहीं दिया गया, जो पुलिस के व्यवहार पर सवाल उठाता है।
इन बिंदुओं से यह मामला झूठा और संदिग्ध प्रतीत होता है।
मीडियाकर्मियों का समर्थन
पत्रकारों का कहना है कि इस मामले में कई बिंदु हैं जो इसे झूठा साबित करते हैं। इधर पत्रकारों के समर्थन में भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल भी कटारा हिल्स थाने पहुंचे और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से तत्काल कार्रवाई की बात की। उन्होंने इस मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया और थाना प्रभारी के निलंबन की मांग की।
जानें- इस मामले में की गई है FIR
फरियादी शेख अकील (33 वर्ष) ने कटारा हिल्स पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। 20 मार्च 2025 को शेख अकील और उसके दोस्त फैजान ने एम्स अस्पताल से बागसेवनिया की ओर जाने के दौरान एक्सीडेंट का सामना किया। शेख अकील अपनी एक्सिस गाड़ी (क्रमांक एमपी04-जल-0519) में था, और फैजान एक्टिवा पर था। जैसे ही वे विवेकानंद कालोनी के पास पहुंचे, एक सफेद बुलेरो गाड़ी ने तेज गति और लापरवाही से उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी। टक्कर से शेख अकील गाड़ी सहित गिर गया और उसके दाहिने हाथ में चोट आई।
गाड़ी रोकने के बाद बुलेरो में सवार 5-6 लोग बाहर निकले और शेख अकील को गालियां देने लगे। उन्होंने शेख अकील से मारपीट की और 50,000 रुपए की मांग की, यह कहते हुए कि गाड़ी में जो नुकसान हुआ है, उसका भुगतान करना होगा। शेख अकील के दोस्त फैजान ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन वह लोग नहीं माने। शेख अकील को जान से मारने की धमकी दी गई और उसे धमकाकर उसकी गाड़ी को रोकने की कोशिश की गई। शेख अकील किसी तरह से फैजान के साथ वहां से बचकर निकलने में सफल रहा। शेख अकील ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई और कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने इस मामले में पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया के खिलाफ FIR दर्ज कर देर रात उनको गिरफ्तार कर लिया था।
कलेक्टर सोनिया मीणा संग विवादों में रह चुके हैं कुलदीप
कुछ महीने पहले भोपाल के पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया ने नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीणा पर कई आरोप लगाए थे। दरअसल, पत्रकार सिंगोरिया ने जिले में खाद के लिए परेशान किसानों पर लाठीचार्ज की खबर चलाई थी। आरोप है कि इससे कलेक्टर सोनिया मीणा नाराज हो गईं। उन्होंने पत्रकार के बारे में जानकारी जुटाई। पता चला कि पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया की बहन ज्योति नर्मदापुरम जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। पत्रकार ने आरोप लगाया था कि उनकी बहन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योति बरदिया को जांच और नोटिस के जरिए प्रताड़ित किया जा रहा है। वहीं कुलदीप ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से अपील की थी कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएं और तब तक के लिए कलेक्टर सोनिया मीणा को इस मामले से अलग रखा जाए।
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