कॉलेज संचालक अक्षय तिवारी और सदानंद के बीच जातिसूचक शब्द बोलने पर विवाद, बाद में समझौता

इंदौर में दो कॉलेज संचालकों के बीच बच्चों के एडमिशन और कर्मचारियों को तोड़ने को लेकर विवाद। जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया। मामला मप्र राज्य सफाई कर्मचारी आयोग और पुलिस तक पहुंचा। अंततः विधायक की उपस्थिति में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया

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Sanjay gupta
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INDORE. इंदौर में दो कॉलेज संचालकों के बीच बच्चों के एडमिशन और कर्मचारियों को तोड़ने का विवाद इतना गहरा गया कि बात जाति सूचक शब्दों तक चली गई। इसके बाद मामला मप्र राज्य सफाई कर्मचारी आयोग तक पहुंचा और फिर पुलिस को भी शिकायत हुई। लेकिन इसके पहले कोई एक्शन होती दोनों ओर से डैमेज कंट्रोल का काम चला और एक विधायक की उपस्थिति में दोनों पक्षों के बीच समझौता करा दिया गया।

इस बात पर इतना बड़ा विवाद

स्काय विजन कॉलेज सांवेर रोड के संचालक सदानंद भेरवे ने आक्सफोर्ड इंटरनेशनल, इंदौर इंटरनेशनल जैसे कॉलेज और अक्षय एकेडमी स्कूल के संचालक अक्षय तिवारी के खिलाफ यह शिकायत की। इनकी शिकायत है कि अक्षय तिवारी ने उन्हें जातिसूचक शब्द कहे और चाकू मारने की धमकी दी। साथ ही उनकी टीम के अन्य को भी धमकाया। वह खुद ब्राह्मण है और मैं अनुसूचित जाति से हूं, मेरे कॉलेज की कामयाबी वह सहन नहीं कर पा रहे हैं इसलिए मुझे धमकी दी जा रही है। 

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डीसीपी आनंद यादव के नाम से धमका रहे

शिकायत में यह भी लिखा कि वह मुझ पर झूठे बयान कराकर केस कराने, जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। वह बोल रहे हैं कि मेरे डीसीपी आनंद यादव से संबंध हैं, मैं केस करा दूंगा। 

जिसे धमकाया उसने किया कॉल रिकॉर्ड

अक्षय तिवारी द्वारा एक कर्मचारी को फोन किया गया जिसे उसने दूसरे फोन से रिकॉर्ड कर लिया। इन चार-पांच रिकॉर्डिंग में अक्षय तिवारी जाति सूचक शब्द के साथ कह रहे हैं कि उन्हें छोड़ूंगा नहीं, मेरे मना करने पर भी उसने मेरा कर्मचारी जो मेरे लिए काम करता है विष्णु उसे अपने पास रख लिया। पहले वह अक्षय बम के पास गया उसने मना कर दिया लेकिन इसने रख लिया। मैं सबक सिखाउंगा, इसे जेल में डलवा दूंगा। इंदौर को मैसेज दूंगा नहीं तो बाद में कई दलाल खड़े हो जाएंगे तोड़फोड़ के लिए। मैं इसे इतना परेशान कर दूंगा कि आत्मा जानेगी। पूरे शहर में बदनाम कर दूंगा कोई इसे बच्चे नहीं देगा।

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अब बोल रहे मेरे बड़े भाई, समझौता हो गया

इस मामले में जब सदानंद से बात की तो उन्होंने द सूत्र से कहा कि मामला खत्म हो गया है, हमारा समझौता हो चुका है और वह (अक्षय तिवारी) मेरे लिए बड़े भाई जैसे हैं। सूत्रों के अनुसार बात तूल पकड़ गई थी, इसमें सफाई कर्मचारी आयोग के प्रताप करोसिया की इंट्री होने से मामला तूल पकड़ गया। लेकिन इसी बीच बीजेपी विधायक की इंट्री हुई और उनके समझौता बैठक के बाद मामले को ठंडा किया गया। इसके बाद सदानंद की भाषा समझौते की हो गई है।

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