Ladli Behna Yojanal: मई में इस दिन आएगी लाड़ली बहना की खाते में राशि
हर महीने की 10 तारीख को ट्रांसफर होने वाली लाड़ली बहना योजना की राशि को लेकर इस बार असमंजस की स्थिति बनी हुई है। 10 मई को मिलने वाली लाभार्थियों के खाते में राशि नहीं आई है...
MP News : लाड़ली बहना योजना की मई किस्त को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। सामान्यतः हर माह की 10 तारीख को पात्र महिलाओं के खातों में 1250 की राशि ट्रांसफर कर दी जाती है। इस बार10 मई बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं हुई है, जिससे बहनों के बीच चिंता बढ़ गई है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार इस बार भुगतान की तारीख को 10 से 15 मई के बीच स्थानांतरित कर सकती है। अप्रैल में भी किस्त 10 की बजाय 16 तारीख को भेजी गई थी। हालांकि, त्योहारों और सरकारी कार्यक्रमों के चलते पहले भी तारीखों में बदलाव होता रहा है, लेकिन इस बार देरी को लेकर स्पष्टता नहीं है। सरकार की ओर से कोई बयान न आने के कारण महिलाओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
कब आएगी 24वीं किस्त?
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि लाड़ली बहना योजना बंद नहीं होगी और योजना के तहत दिए जाने वाली राशि 1250 को हर महीने की 10 से 16 तारीख के बीच ट्रांसफर किया जाएगा। यानी की मई महीने की किस्त भी 10-16 तारीख के बीच आने की संभावना है। हालंकि सरकार की तरफ से तारीखों का ऐलान फिलहाल अभी नहीं किया गया है।
अप्रैल में कैलाश विजयवर्गीय ने इस योजना को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी थी, जिसमें कहा गया था कि लाड़ली बहना योजना बंद नहीं होगी। इस योजना की राशि हर महीने की 10 से 16 तारीख के बीच ट्रांसफर की जाएगी, और सरकार अपनी सुविधा के अनुसार इन तारीखों के बीच खातों में राशि ट्रांसफर करेगी।
बीते दिनों रायसेन के सुल्तानपुर में शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि, "मध्य प्रदेश से शुरू हुआ यह महायज्ञ अब पूरे देशभर में फैल चुका है। बहनें अब ताकत बनकर खड़ी हो गई हैं। मुझे अपनी लाड़ली बहनों की आमदनी बढ़ाने की चिंता है, और इसके लिए स्वसहायता समूह काम कर रहे हैं। जो बहनें स्वसहायता समूह में जुड़ती हैं, वे आत्मविश्वास से भर जाती हैं। एक वक्त था जब महिलाएं घूंघट में रहती थीं, लेकिन आज वह अपने परिवार को संजीवनी देने वाली आर्थिक समर्थ बन चुकी हैं।"
लाड़ली बहना योजना ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि आज के समय में महिलाएं अपने स्वसहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही हैं, और कई घरों में महिलाएं ही मुख्य आर्थिक स्रोत के रूप में उभरी हैं। यह योजना राज्य में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई है।