INDORE. बीजेपी सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट से जुड़े कन्फेक्शनरी कारोबारी संजय जैसवानी के खिलाफ एसोसिएशन आफ इंडस्ट्री (AIMP) के साथ जाकर उद्योगपतियों ने पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता से शिकायत की है। औपचारिक तौर पर एक नई कई पीड़ित सामने आए हैं और उन्होंने कहा कि इस व्यक्ति (जैसवानी) ने कई कारोबारियों, उद्योगपतियों को बर्बाद कर दिया है। साथ ही उद्योगपतियों ने जैसवानी को कॉर्पोरेट माफिया की संज्ञा दी। कमिश्नर ने मामले की जांच आईपीएस अधिकारी से कराने की बात कही है। वहीं डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा से भी प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात कर जानकारी दी।
यह की गई शिकायत
रशियन नागरिकता प्राप्त गौरव अहलावत, जिन्हें बंधक बनाकर जैसवानी ने पीटा और उसके साथ लूट की, फैक्टरी भी हड़प ली, उनके साथ ही कारोबारी राजेंद्र गुप्ता जिसके ढाई करोड़ रुपए नहीं चुकाए थे और उलटे दो महीने आरोप लगाकर जेल पहुंचा दिया के साथ ही एकाउंटेंट व अन्य पीड़ित भी पुलिस कमिश्नर गुप्ता के साथ मिलने पहुंचे थे। उनके साथ एसोसिएशन आफ इंडस्ट्री के अध्यक्ष योगेश मेहता, सचिव तरूण व्यास, पूर्व अध्यक्ष प्रमोद डाफरिया, सतीश मित्तल, जेपी नागपाल व अन्य उद्योगपति मौजूद थे। सभी ने कहा कि जैसवानी से पीड़ित एक नहीं 30-40 लोग तो सामने ही है। इनकी राशि नहीं लौटाई और जब कारोबारियों ने राशि मांगी तो उन्हें आरोप लगाकर केस दर्ज करा दिया गया और सीए जैसे ही कई लोगों को बंधक बनाकर मारा-पीटा गया है।
ये खबर भी पढ़ें...
लसूडिया थाने को लेकर सीधी शिकायत
पुलिस कमिश्नर को उद्योगपतियों ने साफ कहा कि लसूडिया थाना पूरी तरह से आरोपी जैसवानी के लिए काम करता है। वहां हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अहलावत ने कहा कि मेरे साथ लूट, डकैती हुई, मेरे मोबाइल, लैपटॉप सभी लूट कर ले गए, लेकिन शिकायत के बाद भी केस दर्ज नहीं किया गया। कमिश्नर गुप्ता ने कहा कि पूरी जांच होगी और सीसीटीवी फुटेज सभी देखे जाएंगे और कार्रवाई होगी।
ये खबर भी पढ़ें...
मंत्री सिलावट के साथ कारोबारी तरीके से लिंक, संजय जैसवानी का यह है 10 हजार करोड़ का गेम प्लान
एक कर्मचारी कर चुका सुसाइड, दूसरे ने नस काटी
उद्योगपतियों ने बताया कि एक कर्मचारी ने जैसवानी के दबाव के चलते सुसाइड करना पड़ा। उनके घर वाले आज तक डरे हुए हैं। वहीं एक कर्मचारी ने तो अभी हाल ही में हाथ की नस काटकर सुसाइड करने की कोशिश की। क्योंकि इन्हें भी परेशान किया गया और इतनी प्रताड़ना दी कि कर्मचारी दबाव में आ गए। वहीं एचआर विभाग के एक कर्मचारी को बिना वेतन दिए ही भगा दिया गया। इसके पहले सीए निशिथ नाहर और उसके मित्र रोहित को बंधक बनाकर जैसवानी ने पीटा था, इसमें सीए एसोसिएशन के विरोध के बाद जैसवानी पर केस दर्ज हो गया, लेकिन इसके आगे लसूडिया पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक