कांग्रेस की नजरें अब हाई कोर्ट पर, मोती सिंह की अपील- उन्हें माना जाए कांग्रेस का उम्मीदवार

नेता मोती सिंह ने हाईकोर्ट पहुंचकर याचिका दायर कर कांग्रेस का चुनाव चिन्ह उन्हें आवंटित किए जाने की मांग की है। पटेल का कहना है कि अक्षय बम द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद वे ही अधिकृत प्रत्याशी हैं।

Advertisment
author-image
Pratibha ranaa
New Update
MAAM
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में कांग्रेस पर फूटे बम से घायल होने के बाद अब कांग्रेस के नेताओं ने मोती सिंह पर दाव लगाने पर जोर तो शुरू कर दिए है। मोती सिंह ( Moti Singh ) ने हाईकोर्ट में मंगलवार को याचिका लगाई है और अपील की है कि उन्हें कांग्रेस का चुनाव चिन्ह आवंटित कर उम्मीदवार माना जाए। याचिका पर आज दोपहर बाद सुनवाई होने की उम्मीद है Moti Singh High Court। 

इस मुद्दे पर गए पटेल

पटेल के अधिवक्ता विवरंडेलवाल ने बताया कि मोती सिंह ने कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर में अपना नामांकन भरा था, लेकिन अक्षय बम के होने के बाद उनका फॉर्म रिजेक्ट कर दिया गया था। नियम अनुसार यदि फार्म वाले प्रत्याशी का नामांकन वापस हो जाता है तो वह फॉर्म भी दूसरे प्रत्याशी को मिलना चाहिए इसलिए उनका अधिकार बनता है कि वह कांग्रेस के औपचारिक प्रत्याशी माना जाए। इसी आधार पर हमने याचिका लगाई थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है और यह दोपहर बाद बेंच में लिस्टेड होगी।

13 मई को होना है मतदान

इंदौर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए 26 प्रत्याशियों ने नामांकन फार्म जमा किए थे। जांच के बाद कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने तीन उम्मीदवारों सुनील तिवारी (निर्दलीय), रविंद्र लोखंडे (निर्दलीय) तथा मोती सिंह (इंडियन नेशनल कांग्रेस) के नामांकन निरस्त कर दिए थे। इसके बाद 23 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। आपको बता दें कि इंदौर में 13 मई को वोटिंग होना है।

कांग्रेस के बम ने इसलिए नाम लिया वापस

कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नाम वापस लेकर बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी को फ्री फील्ड दे दी। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस पूरे मामले की पटकथा लिखी। भोपाल से प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने हरी झंडी दी और विधायक रमेश मेंदोला ने जमीन मैदान संभाल कर दिया खेला। कांग्रेस ने नारा दिया था बंदे में है दम… लेकिन असल में बंदा निकला बेदम

ये खबर भी पढ़ें...Election Commission को जवाब देने के लिए भाजपा-कांग्रेस ने मांगा समय

अबूझमाड़ में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को घेरा

देश की टॉप कंपनियों में RIL पहले नंबर पर, जानें ये है भारत की दिग्गज टॉप- 10 कंपनियां

कोविशील्ड वैक्सीन से ब्रेन स्ट्रोक और हार्टअटैक का खतरा, शरीर में जम सकता है खून का थक्का

यह तीन दबाव पड़ गए बम पर भारी

1-    सबसे बड़ा दबाव बम पर महिला संबंधी मामले का था। इसमें एक पुरानी शिकायत को हवा दी जा रही थी और इसमें एक गंभीर मामले में केस दर्ज कराने की तैयारी हो गई थी। इस दबाव को बम सहन नहीं कर पाए। यह सबसे बड़ी वजह बनी।

2- खजराना थाने में 17 साल पुराने मामले में हाल ही में गवाह के बयान बाद उन पर मारपीट, जान से मारने की धमकी के बाद गंभीर धारा हत्या के प्रयास 307 को बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। यह भी एक दूसरी वजह बनी।

3- एक तीसरा कारण बीजेपी ने उनके नाम घोषित होने के बाद ही कॉलेज की गड़बड़ियों मे घेरना शुरू कर दिया था। यहां पर फैकल्टी की अनियमतिता है, मरे हुए प्रोफेसर को फैक्ल्टी बताया है। कई फैकल्टी है ही नहीं और उनके नाम कॉलेज में बताए गए हैं। इस तरह कॉलेज की मंजूरी ही खटाई में पड़ जाती।

मोती सिंह मोती सिंह हाईकोर्ट Moti Singh Moti Singh High Court