संजय गुप्ता. INDORE. सूरत में ऑपरेशन लोटस के चलते कांग्रेस के प्रत्याशी के नामांकन रद्द होने से चुनाव के पहली ही हुई हार के बाद कांग्रेस ( Congress ) ने डमी प्रत्याशी ( dummy candidate ) उतारने के आदेश दे दिए हैं। हर जगह पर कांग्रेस के औपचारिक घोषित प्रत्याशी के साथ ही एक और कहीं-कहीं दो प्रत्याशियों से और फार्म भरवाए गए हैं। ताकि किसी कारण से एक का नामांकन रद्द हो तो दूसरे को मुकाबले में खड़ा किया जा सके। खजुराहो में भी इंडिया गठबंधन के साथ यही हुआ वहां सपा के प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने से बीजेपी को फ्री फील्ड मिल गई है।
रतलाम से विक्रांत भूरिया ने भरा पिता के साथ फार्म
डमी फार्म का लिए मालवा-निमाड़ की सीटों पर कांग्रेस ने डमी प्रत्याशी उतारे हैं। इसमें चर्चित नाम में रतलाम से कांग्रेस के औपचारिक प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के साथ उनके बेटे व विधायक विक्रांत भूरिया ने भी डमी फार्म भर दिया है। इसी तरह इंदौर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अक्षय कांति बम के साथ डमी प्रत्याशी के तौर पर मोती सिंह पटेल ने नामांकन दाखिल किया है।
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इन सीटों पर यह डमी प्रत्याशी
देवास- औपचारिक प्रत्याशी राजेंद्र मालवीय- डमी में बने सिंह अस्त्या (इन्होंने कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय भी फार्म भरा है)
धार- यहां से राधेश्याम मुवैल प्रत्याशी है, लेकिन इनके साथ कैलाश ठाकुर और शुभंगाना राजे जामिनिया से भी फार्म भरवाया गया है
रतलाम- यहां से कांतिलाल भूरिया प्रत्याशी है लेकिन उनके साथ ही उनके विधायक बेटे विक्रांत ने डमी फार्म भरा है।
मंदसौर- यहां से कांग्रेस के दिलीप गुर्जर प्रत्याशी है लेकिन डमी के तौर पर नंदकिशोर पटेल ने फार्म भरा है।
उज्जैन- यहां से महेश परमार प्रत्याशी है लेकिन उनके साथ दीपिक मरमट से भी कांग्रेस ने फार्म भरवाया है।
इंदौर- यहां से डॉ. अक्षय बम प्रत्याशी है लेकिन उनके साथ मोती सिंह ने भी डमी प्रत्याशी के तौर पर फार्म भर दिया है।
26 अप्रैल को फार्म की जांच होगी
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए नामांकन दाखिल करने का समय 18 से 25 अप्रैल था। इसी में मप्र का अंतिम चुनावी दौर है, जिसमें मालवा-निमाड़ की आठों सीट शामिल है। इसके लिए फार्म की जांच स्क्रूटनी 26 अप्रैल को होगी, जिसमें सही नहीं पाए जाने पर फार्म रिजेक्ट होंगे। वहीं नाम वापसी 29 अप्रैल को होगी। इन सभी के फार्म जांच में सही पाए जाने पर डमी प्रत्याशी 29 अप्रैल को अपने नाम वापस उठा लेंगे। यदि किसी कारण से मूल प्रत्याशी का रिजेक्ट होता है तो डमी प्रत्याशी मूल प्रत्याशी की तरह फिर चुनाव में उतरेगा।
सूरत और खजुराहे में क्या हुआ
सूरत में कांग्रेस यह नहीं कर पाई थी उनके प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी का पर्चा रद्द होने और निर्दलीय द्वारा फार्म वापस लिए जाने पर बीजेपी के मुकेश दलाल चुनाव के पहले ही सीट जीत गए। और इसी तरह खजुराहो में इंडिया गठबंधन के तहत सपा को मिली सीट पर मीरा यादव का फार्म सही नहीं भरने के चलते रिजेक्ट हो चुका है। मजबूरी में खजुराहो में ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक पार्टी के प्रत्याशी रिटायर आईएएस राजा भैया प्रजापति को गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर मान्यता देते हुए समर्थन देना पड़ा।