कांग्रेस का मतदाता सूची पर हल्ला लेकिन तैयारी अधूरी: मप्र में अब तक नहीं बने बूथ एजेंट, 8 नवंबर तक डेडलाइन

मध्यप्रदेश में 4 नवंबर से SIR का काम शुरू होगा। इसे लेकर कांग्रेस की तैयारी धीमी है। पार्टी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाई है। लेकिन, राज्य में कांग्रेस बूथ लेवल एजेंट (BLA) भी नहीं बना पाई।

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Ramanand Tiwari
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BHOPAL.मध्यप्रदेश में SIR का काम 4 नवंबर से शुरू हो रहा है, लेकिन कांग्रेस की तैयारी बेहद धीमी है। पार्टी ने एक तरफ भले ही मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर देशभर में आवाज उठाई हो। वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश में कांग्रेस अपने बूथ लेवल एजेंट (BLA) तक नहीं बना पाई है।

230 में से सिर्फ 37 विधानसभा में बने BLA

राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस केवल 37 विधानसभा क्षेत्रों में ही बीएलए नियुक्त कर सकी है। बाकी 193 क्षेत्रों में अभी कोई एजेंट नियुक्त नहीं हुआ है। अब संगठन ने 8 नवंबर की अंतिम तिथि तय की है ताकि एजेंटों की सूची बनाकर चुनाव आयोग को भेजी जा सके।

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4 नवंबर से घर-घर जाकर होगी मतदाता जांच

स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) हर घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटाएंगे। प्रत्येक बीएलओ पर लगभग 1200 मतदाताओं की जिम्मेदारी होगी।

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वोट चोरी का आरोप लेकिन संगठन में गंभीरता नहीं

कांग्रेस ने हाल ही में बिहार और महाराष्ट्र में मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किए थे। राहुल गांधी ने ‘वोट चोर–गद्दी छोड़’ जैसे नारे देकर आंदोलन को हवा दी, लेकिन प्रदेश संगठन अब भी सुस्त है। राहुल गांधी के निर्देशों के बावजूद मध्यप्रदेश कांग्रेस जमीनी तैयारी में पिछड़ी हुई दिख रही है।

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प्रदेश कांग्रेस को 8 नवंबर तक अल्टीमेटम

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के निर्देश पर अब प्रदेश कांग्रेस ने सभी जिला प्रभारियों से कहा है कि 8 नवंबर तक हर हाल में बीएलए की नियुक्ति पूरी करें। ताकि इन एजेंटों को प्रशिक्षण देकर मतदाता सूची संशोधन कार्य में लगाया जा सके। वहीं, भाजपा ने पहले ही अधिकांश बूथों पर अपने एजेंट नियुक्त कर सूची आयोग को भेज दी है।

सिर्फ प्रदर्शन तक सीमित रह गया अभियान

कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। बिहार में एसआईआर शुरू होने पर पार्टी ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन भी किया। लेकिन जब मैदानी स्तर पर बीएलए की नियुक्ति की बात आई, तो संगठन कागजों से आगे नहीं बढ़ पाया। तीन माह से संगठन महामंत्री संजय कामले इस पर निर्देश जारी कर रहे हैं, मगर काम अधूरा है।

अब जिला प्रभारियों को कड़ा निर्देश

प्रदेश कांग्रेस ने पचमढ़ी में जिला अध्यक्षों का प्रशिक्षण शिविर शुरू किया है, जो 10 दिन चलेगा। वर्चुअल बैठक में सभी जिला प्रभारियों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि 8 नवंबर तक बीएलए की सूची तैयार कर फोटो सहित आयोग को भेजें। इस बार निर्वाचन आयोग ने बीएलए की फोटो भी अनिवार्य की है ताकि उनकी पहचान पक्की की जा सके।

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प्रदेश अध्यक्ष के गृह जिले में भी अधूरा काम

चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के गृह जिले में भी बीएलए की नियुक्ति अधूरी है। राजधानी भोपाल में भी सिर्फ मध्य क्षेत्र की सूची प्राप्त हुई है, जबकि बाकी क्षेत्रों में प्रक्रिया जारी है। वहीं छिंदवाड़ा, ग्वालियर, खरगोन, छतरपुर और नर्मदापुरम जिले में यह काम पूरा हो चुका है।

तैयारी कमजोर साबित हुई

कांग्रेस ने भले ही मतदाता सूची में गड़बड़ी के खिलाफ राजनीतिक मोर्चा खोला हो, लेकिन जब संगठनात्मक जिम्मेदारी निभाने की बात आई, तो तैयारी कमजोर साबित हुई। अगर बीएलए की नियुक्ति समय पर नहीं हुई, तो मप्र में मतदाता सूची सुधार अभियान कांग्रेस के लिए सिर्फ कागजी कवायद बनकर रह जाएगा।

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