संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी डॉ. अक्षय कांति बम की खुलेआम लूट हो जाने के बाद अब कांग्रेस ( Congress ) ने अपनी अगली रणनीति का खुलासा कर दिया है। प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि वह इंदौर में किसी निर्दलीय को समर्थन नहीं दे रहे हैं। यह लोकतंत्र की हत्या है और हम अपील करेंगे की नोटा पर अधिक से अधिक वोट करें। पटवारी ने कहा कि बीजेपी ने बड़ा पाप किया है। 'द सूत्र' ने मंगलवार सुबह ही यह खबर ब्रेक कर दी थी कि कांग्रेस नोटा को वोट देने की अपील की रणनीति बना रही है।
पहला मुद्दा नोटा पर डलवाएं वोट, करें बहिष्कार
कांग्रेस में यह विचार सोमवार को आया था कि नोटा को सपोर्ट किया जाए। गांधीभवन में बंद कमरे में यही आईडिया दिया गया। इसके बाद पटवारी ने इंदौर में बाकी बचे प्रत्याशियों की लिस्ट ली और उच्च स्तर पर भी चर्चा कर फैसला लेने की बात कही। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित अन्य नेताओं से बात की गई तो सभी जगह से यही विचार आया कि नोटा पर जाया जाए और बीजेपी ने क्या किया है इसका प्रचार करें। इसके बाद मंगलवार को उन्होंने इसकी घोषणा कर दी।
खुद की जिमेदारी और इस्तीफे से कन्नी काट गए पटवारी
पटवारी की प्रेस कांफ्रेंस में उनकी जिम्मेदारियों को लेकर तीखे सवाल हुए। क्या लोकसभा में हार होती है तो वह जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देंगे, प्रत्याशी उनका चला गया तो कैसा है उनका सूचना तंत्र, कांग्रेस से लगातार नेता जा रहे हैं? लेकिन पटवारी ने हमेशा की तरह उनसे जुड़े सवालों से कन्नी काट ली और बातों को घुमा दिया और कहा कि सौ गलतियां हो सकती है लेकिन कुछ तो हुआ होगा जो प्रत्याशी चला गया। बीजेपी को सबक सिखाना है।
देश में राजनीतिक माफिया, लोकतंत्र खतरे में
जीतू पटवारी बोले पहले बूथ कैप्चर होते थे। अब प्रत्याशी ही कैप्चर हो रहा है। बीजेपी फिर चलन लेकर आई विधायकों को लेना और दल बदलना, बीजेपी इसका उत्सव जैसा मनाने लगी। लोकतंत्र खतरे में हैं। पूरे देश में चर्चा है कि लोकतंत्र की हत्या में इंदौर अव्वल है। सोमवार का घटनाक्रम इंदौर को कलंकित करने वाला है। मैं रात भर सो नहीं पाया। हमारे विधायक हारे पर हमने तो कोई गलत कदम नहीं उठाया। देश में राजनीतिक माफिया पनप रहा है।
चुनाव का बहिष्कार नहीं, नोटा को सपोर्ट
यह लड़ाई बीजेपी कांग्रेस की नही है। कांग्रेस अब चुनाव नही लड़ रही है। उसका चुनाव चिन्ह ही निकल गया। पर ये लड़ाई अब न्याय की है। अब इंदौर की राजनीतिक अस्मिता की लड़ाई है। चुनाव का बहिष्कार हम नही करेंगे लेकिन हमारे पास नोटा का विकल्प है। पटवारी ने नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को लेकर कहा कि वह इस तरह का कृत्य करते हुए गर्व महसूस कर रहे हैं। अब सभी वर्ग को जागने की जरूरत है।
सुमित्रा महाजन भी क्या इसमें शामिल थी
पटवारी ने कहा कि सुमित्रा महाजन भी यहां से सांसद रही है और शुचिता की राजनीति की है। हमसे यही पूछा जा रहा है कि क्या वह इस कृत्य में भी शामिल थी, उन्होंने तो कभी ऐसी राजनीति नहीं की। यहां बीजेपी ऐसा कैसे कर सकती है।
निर्दलीय प्रत्याशियों को हमने बीजेपी से बचाया
जीतू पटवारी ने निर्दलीय प्रत्याशियों को लेकर कहा कि उन्हें हमने बीजेपी से बचाया। जिला निर्वाचन कार्यालय में हुए घटनाक्रम पर कहा कि समय तीन बजे का था लेकिन चार बजे तक चीजें चलती रही। कांग्रेस पार्टी किसी को समर्थन नहीं देगी। इस दौरान पूर्व विधायक सज्जन सिंह वर्मा, अस्विन जोशी के साथ ही शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और शोभा ओझा व अन्य नेता उपस्थित थे।
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खजुराहो की तरह अन्य को समर्थन क्यों नहीं
खजुराहो में गठबंधन प्रत्याशी का नामाकंन खारिज होने के बाद कांग्रेस वहां अन्य को समर्थन दे रही है, लेकिन यहां यह रणनीति नहीं अपनाई गई। इसकी खास वजय यह है कि कांग्रेस पहले से ही यहां मुकाबले में नहीं है, बीते चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के पास 97 फीसदी वोट गए थे, बाकी सभी प्रत्याशियों के पास मात्र 3 फीसदी वोट थे जो 50 हजार से भी कम थे। ऐसे में किसी भी सपोर्ट भी करेंगे तो भी आशंका है कि बुरी तरह फजीहत होगी और 2019 जैसा ही हाल रहा तो कांग्रेस बुरी तरह पिटेगी। कांग्रेस प्रत्याशी नहीं होने के बाद भी हार कांग्रेस की ही कही जाएगी। वहीं नोटा की अपील करेंगे तो यहां कम से कम नोटा को सर्वाधिक वोट मिलने का रिकार्ड बनाकर यह दिखा सकते हैं कि लोकतंत्र की हत्या हुई और बीजेपी की जीत सही जीत नहीं है।
बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी को छोड़ बाकी यह है 13 प्रत्याशी...
- संजय सोलंकी- बसपा
- अजीत सिंह- सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया कम्युनिस्ट
- पवन कुमार- अखिल भारतीय परिवार पार्टी
- बसंत गेहलोत- जनसंघ पार्टी
- अभय जैन- जनहित पार्टी, निर्दलीय
- अजाय अली- निर्दलीय
- इंजीनियर अर्जुन परिहार- निर्दलीय
- अंकित गुप्ता- निर्दलीय
- परमानंद तोलानी- निर्दलीय
- पंकज गुप्ते- निर्दलीय
- मुदित चौरसिया- निर्दलीय
- रवि सिरवैया- निर्दलीय
- दिलीप खंडेलवाल- निर्दलीय