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सौम्या व्हीकल्स के मालिक और इंदौर के कांग्रेस नेता प्रवेश अग्रवाल का गुरुवार, 24 अक्टूबर को आग में घिरने से मौत हो गई। यह आज सुबह करीब साढ़े पांच बजे उनके पेंटहाउस में लगी थी। इस भयानक हादसे में उन्होंने अपनी जान पर खेलकर पत्नी श्वेता और छोटी बेटी मनाया को बचा लिया था।
इस घटना में गंभीर रूप से घायल बड़ी बेटी सौम्या को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं, सौम्या अब खतरे से बाहर है। घर की फॉरेंसिक जांच में आग लगने की आशंका चौंकाने वाली मानी जा रही है।
उधर शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष निगम और शहराध्यक्ष चिंटू चौकसे, जिलाध्यक्ष विपिन वानखेड़े व अन्य नेता शोक जताने के लिए उनके भाई के निवास पर पहुंचे।
कांग्रेस नेता श्री प्रवेश अग्रवाल जी के निवास पर पहुंचकर शोक-संवेदना व्यक्त की! असहनीय दुख की इस घड़ी ने पूरे कांग्रेस परिवार को शोकमग्न कर दिया है! मित्र व ऊर्जावान साथी के रूप में उनकी कमी हमेशा महसूस होगी!
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) October 24, 2025
|| ओम शांति || pic.twitter.com/hcnjAPa6Bs
चूहों के कारण ऐसे लगी आग
फॉरेंसिक जांच के दौरान घर में कई चूहे भी मृत मिले है। वहीं परिजनों ने पुलिस को बताया कि अखंड ज्योत कुछ दिनों से जल रही थी। आशंका व्यक्त की जा रही है कि चूहों के कारण ही अखंड ज्योत का दिया गिर गया होगा। इससे आग लगी और फिर आग फैल गई। फॉरेंसिक टीम ने घर से जला हुआ सामान, वायरिंग आदि भी जांच में लिया है। हालांकि एक वजह एसी से शॉर्ट सर्किट होने की भी सामने आ रही है।
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इस तरह हुई घटना, बेटी सौम्या को ऐसे बचाया
यह घटना करीब साढ़े चार से पांच बजे के बीच हुई बताई जा रही है। पेंटहाउस के पास ही उसी फ्लोर में रहने वाले उनके गार्ड के बेटे ने करीब पांच से सवा पांच बजे के बीच खिड़की से आग निकलती देखी। इस पर उनके करीबी और सभी काम संभालने वाले राघवेंद्र सिंह को फोन लगाया गया, फिर राघवेंद्र ने उनके मित्र शैलेष गर्ग को फोन किया।
सिंह पांच मिनट में ही मौके पर पहुंच गए। इसी दौरान उन्होंने अंदर जाकर बेटी सौम्या को बचाया और उसे साथ लेकर बाहर निकले। इस दौरान पूरे घर में धुआं था और इससे उनकी हालत भी खराब हुई और उल्टियां होने लगीं। वे जैसे-तैसे सौम्या को लेकर बाहर आ गए और सीधे बॉम्बे अस्पताल पहुंचे। इसी दौरान उन्होंने टीआई लसूडिया तारेश सोनी को फोन किया और एफआरवी भेजी गई।
प्रवेश ने पत्नी, बेटी को निकाला, फिर बड़ी बेटी के लिए गए
शैलेष गर्ग और राघवेंद्र सिंह ने बताया कि प्रवेश ने भाभी श्वेता और छोटी बेटी मनाया को बाहर निकाला था। इसके बाद वे अंदर बड़ी बेटी को बचाने गए थे। साथ ही चाबी भी ढूँढ रहे थे, जिससे अंदर का बड़ा कांच का गेट खुल जाए और सारा धुआँ बाहर निकल सके। वहीं, इसी दौरान धुएँ में घिरने से वे बेहोश हो गए।
सुबह करीब पांच बजकर 58 मिनट पर गार्ड व अन्य लोग प्रवेश को लेकर नीचे आए। यहां उन्हें करीब एक मिनट तक सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की गई, फिर पुलिस की गाड़ी से अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दिवाली के कारण गनमैन छुट्टी पर थे
कांग्रेस नेता प्रवेश अग्रवाल की मौत की घटना किसी और दिन होती तो शायद प्रवेश की जान बच जाती, क्योंकि प्रवेश के पास तीन-चार गार्ड रहते थे, जो उनकी सुरक्षा में 24 घंटे रहते थे। यह सभी उसी फ्लोर पर रहते थे, लेकिन दिवाली के कारण यह सभी छुट्टी पर थे। ऐसे में इस घटना से उन्हें बचाने वाला कोई भी पास में नहीं था। कांग्रेस के साथ ही अन्य दलों के नेताओं, कारोबारियों व अन्य करीबियों के लिए यह घटना बेहद दुखद और चौंकाने वाली रही है।
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कांग्रेस में इन पदों पर थे प्रवेश
प्रवेश अग्रवाल मुख्य रूप से देवास की राजनीति करते थे। वे अगले चुनाव की तैयारियों के लिए फिर सक्रिय हो रहे थे। प्रवेश पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी थे और बाकी नेताओं से भी उनके मधुर संबंध थे। वे नर्मदे युवा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। साथ ही, मप्र कांग्रेस में महासचिव पद पर रह चुके थे। वे इंडियन जर्नलिज्म फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष थे और अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल महासम्मेलन के महासचिव भी थे। समाजसेवा में भी उनकी अलग पहचान थी।
अग्रवाल के निधन पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने जताया शोक
इंदौर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कांग्रेस नेता प्रवेश अग्रवाल के आकस्मिक निधन पर उनके भाई कामेश अग्रवाल के निवास स्थान 54, गोयल ग्रीन, एम.आर. 11 पर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की।
इस अवसर पर इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे, ग्रामीण जिला कांग्रेस अध्यक्ष विपिन वानखेड़े, प्रदेश महामंत्री अरविंद बागड़ी, राजा चौकसे, शैलेश गर्ग, कुणाल सोलंकी, अमित चौरसिया सहित अनेक कांग्रेसजन उपस्थित रहे।
पटवारी ने कहा, प्रवेश अग्रवाल जी के दुःखद निधन से कांग्रेस संगठन को अपूरणीय क्षति हुई है। वे न केवल एक कर्मठ और समर्पित नेता थे, बल्कि वरिष्ठ समाजसेवी एवं उद्योगपति होने के साथ सामाजिक सरोकारों से गहराई से जुड़े हुए व्यक्तित्व थे।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रवेश अग्रवाल जी ने अपने अंतिम क्षणों तक अदम्य साहस का परिचय दिया। घर में लगी आग के दौरान उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना अपनी पत्नी और एक बेटी को सुरक्षित बाहर निकाला, परंतु दूसरी बेटी को बचाने के प्रयास में उनका दुःखद निधन हो गया।
इस दुःखद घटना पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने गहरी संवेदना व्यक्त की।
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