कमलेश सारडा, NEEMUCH. मालवा-निमाड़ के बड़े शराब व्यवसायी और धार्मिक-सामाजिक गतिविधियों में आगे रहने वाले अशोक अरोरा की हत्या की साजिश का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। अरोरा पर फायरिंग के बाद शहर में दहशत का माहौल बन गया था। इस वारदात को अंजाम देने और सहयोगी की भूमिका निभाने वाले 8 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि 2 फरार आरोपियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
4 फरवरी को हुई थी कारोबारी की हत्या
4 फरवरी की शाम शराब व्यवसायी अशोक अरोरा अपनी कार से घर की ओर सीआरपीएफ रोड पर जा रहे थे। उनके पीछे निजी सुरक्षा गार्ड्स एक वाहन में सवार थे, तभी सामने से एक क्रेटा कार आई और उसमें सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। अशोक अरोरा इस फायरिंग में बचते हुए तेजी से अपनी कार निकाल ले गए। तब तक उनके चौकस सुरक्षा गार्ड्स ने मोर्चा संभाला और जवाबी फायर किए। आमने-सामने की फायरिंग में बाबू फकीर नाम का कुख्यात सुपारी किलर ढेर हो गया। 4 हमलावर फरार हो गए थे।
8 आरोपी गिरफ्तार, 2 की तलाश जारी
एसपी अमित तोलानी और टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की। इस वारदात को ट्रेस करने के लिए एसपी ने 4 टीमें बनाईं, जिन्होंने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी बाबू सिंधी को पहले गिरफ्तार किया। इसके बाद अरोरा के सगे भाई राकेश अरोरा को गिरफ्तार किया गया। इनसे पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने शूटर और अन्य सहयोगी समेत कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही वारदात में उपयोग की गई 5 कार, 3 बाइक, 2 बंदूक, 4 देशी पिस्टल और 22 कारतूस सहित सुपारी की राशि में 80 हजार रुपए जब्त किए।
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क्यों रची कारोबारी की हत्या की साजिश ?
एसपी अमित तोलानी ने वारदात का खुलासा करते हुए बताया कि बाबू सिंधी मादक पदार्थों का कुख्यात तस्कर था, जो जमानत पर बाहर आया था। वो अपना वर्चस्व कायम करना चाहता था, जबकि अशोक अरोरा का सगे भाई राकेश से संपत्ति विवाद था, इसलिए वो भी षड्यंत्र में शामिल हो गया। षड्यंत्र रचने वाला तीसरा आरोपी अशोक अरोरा से उधार लिए 90 लाख रुपए नहीं लौटा पा रहा था, इस कारण वो भी प्लान में शामिल हो गया। अशोक अरोरा की हत्या की साजिश बाबू सिंधी ने जेल में बंद रहने के दौरान वहां मिले बाबू फकीर के साथ रची थी। बाबू के साथ शूटर्स सहित मददगार के रूप में 6 से ज्यादा लोग इस वारदात को अंजाम देने के लिए शामिल हुए थे।