कई IAS व पूर्व CS के खास राजेंद्र जैन और पप्पू मंत्री के मॉल पर विवाद

इंदौर और भोपाल के कई आईएएस अफसरों और पूर्व मुख्य सचिव के करीबी विजयश्री पैकेजिंग के राजेंद्र जैन की जमीन पर बन रहा आरआर स्पेक्ट्रम नाम का शॉपिंग मॉल विवादों में आ गया है।

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Sanjay gupta
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इंदौर, भोपाल के कई IAS के करीबी और एक पूर्व मुख्य सचिव के करीबी विजयश्री पैकेजिंग वाले राजेंद्र जैन की जमीन पर बन रहा आरआर स्प्रेक्ट्रम नाम का शॉपिंग मॉल विवादों में आ गया है। राजेंद्र जैन की इस जमीन पर लाभम ग्रुप के सत्यनारायण उर्फ पप्पू मंत्री रेशो डील के तहत इस मॉल को बनवा रहे हैं। इस मॉल का काम पप्पू के बेटे और लाभम के डायरेक्टर प्रमुख मंत्री देख रहे हैं।

कौनसा है मॉल और क्यों आया विवाद में?

अन्नपूर्णा मंदिर के आगे और तालाब के पहले तेजपुर गड़बड़ी के सर्वे नंबर 59/5/3 जो 0.421 हेक्टेयर है। यह आरआर स्प्रेक्ट्र्म नाम से मॉल बन रहा है। इसे लेकर दो दिन पहले एमआईसी में भी भारी विवाद हुआ और इसी वार्ड के पार्षद और एमआईसी मेंबर बबलू शर्मा ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मॉल का नक्शा गलत पास हुआ है और इस जमीन का लैडंयूज पीएसपी है, ऐसे में कमर्शियल मॉल बन नहीं सकता है। साथ ही यह भी आरोप लगाए कि निर्माणाधीन इस मॉल की कंपाउंडिंग भी अभी ही नगर निगम के अधिकारियों ने कर डाली। शर्मा ने इस मामले में नगर निगम की बिल्डिंग शाखा, जोनल अधिकारी इन सभी के कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रमुख सचिव को भी लिखित शिकायत की

इतना ही नहीं शर्मा ने औपचारिक तौर पर प्रमुख सचिव मप्र शासन को भी पत्र लिखकर इसकी शिकायत कर दी है। इसमें कहा गया है कि पीएसपी लैंडयूज वाली जमीन पर मल्टीप्लेक्स कॉम शॉपिंग सेंटर की नियम विरुद्ध मंजूरी निगम से हुई है। इंदौर मास्टर प्लान 2021 की सारणी क्रमांक 6.22 पेज क्रमांक 166 पर 29 नंबर पैराग्राफ पर मल्टीप्लेक्स तो स्वीकार्य गतिविधि है, लेकिन मल्टीप्लेक्स कॉम शॉपिंग सेंटर नाम से कोई गतिविधि नहीं है। साथ ही टी एंड सीपी द्वारा दी गई। मंजूरी में प्रीमियम ऑन एफएआर शुल्क जमा करने के निर्देश दिए लेकिन इंदौर नगर निगम ने इसे माफ कर दिया। साथ ही ग्राउंड कवरेज 40 फीसदी दिया है जो पीएसपी लैडंयूज में नहीं दिया जाता है। शर्मा ने इस पत्र की कॉपी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, संभागायुक्त, कलेक्टर, निगमायुक्त और भवन अधिकारी को भी भेजी है। शर्मा ने शिकायत किए जाने की पुष्टि की है। 

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लीज पर दे रहे दुकान

इस मॉल को लेकर राजेंद्र जैन और पप्पू मंत्री के लाभम ग्रुप के बीच में रेशो डील हुई है। इसी के तहत अब इसके सौदे हो रहे हैं। यह मॉल 2022 से बनना शुरू हुआ और दिसंबर 2025 तक इसे शुरू करने की बात कही जा रही है। यहां पर कमर्शियल स्पेस बेचने की जगह लीज वाले कांसेप्ट पर चलाया जा रहा है, यानी यहां पर बड़े ब्रांड को बुलाकर उन्हें एक तय समय पर लीज (रेंट) पर जमीन दी जाएगी। इसके लिए कई ब्रांड से बात हो चुकी है। 

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हम जांच करा रहे हैं

इस मामले में बिल्डिंग शाखा के प्रभारी और आईएएस अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया ने कहा कि हमने शिकायत के बाद फाइल बुलवाई है। इसका परीक्षण किया जा रहा है, सोमवार को मौके पर जांच भी की जाएगी। इसके बाद ही आगे बता सकेंगे। 

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राजेंद्र जैन ने द सूत्र से की बात 

इस मामले में राजेंद्र जैन से द सूत्र ने चर्चा की, उन्होंने भी नियमों का हवाला देते हुए कहा कि कोई कन्फ्यूजन हुआ होगा, जमीन पीएसपी की है लेकिन मल्टीप्लेक्स की जो परिभाषा और नियम है उसी के अनुसार यह मॉल बन रहा है। वहीं कंपाउंडिंग भी नियमानुसार ही कराई गई है, क्योंकि इसके भी जो नियम है उसमें साफ है कि जब भी भवन अधिकारी देखे तो निर्माण अधिक हो रहा है, वह कंपाउंडिंग के लिए प्रक्रिया करेगा, उसी के तहत यह कराई गई है। हम निगम के सभी जवाब देने के लिए तैयार है, क्योंकि पूरा विधिवत नक्शा पास टीएंडसीपी, निगम से पास है और हर प्रक्रिया नियम कायदे से हुई है। 

  • जैन ने कहा की बिल्कुल जमीन लैंडयूज पीएसपी है। उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि मल्टीप्लेक्स को लेकर जो नियम हैं उसके रूल 95 के तहत इसमें जो गतिविधि मान्य है वही यहां पर होंगी। इसके नियम में सब क्लीयर है।
  • मल्टीप्लेक्स के तहत 50 फीसदी तक शॉपिंग एरिया स्वीकृत हो सकता है, जो हमने केवल 47 फीसदी रखा है। नियम के तहत रेस्त्रां, इंटरटेनमेंट व अन्य पर काम होगा।
  • इंदौर मास्टर प्लान की टेबल 6.22 के तहत यहां पर जो यूज स्वीकृत है वहीं हो रहे हैं। हमने भूमि विकास नियम के तहत अधिक एफएआर की पात्रता को छोड़ा है और मास्टर प्लान के तहत कम एफएआर भी लिया हुआ है।
  • कंपाउंडिंग के लिए जो नियम साल 2016 में बने और 2021 में इसे संशोधित किया, इसमें साफ है कि बिल्डिंग अधिकारी जब निर्माण को अधिक देखे तो वह इसे नोटिस में लेकर कंपाउंडिंग प्रक्रिया करें। यह अंडर कंस्ट्रक्शन में ही हो सकता है, इसके बिना फिर हमे सीसी और ओसी तो मिलेगी ही नहीं। कंपाउंडिंग के नियम पूरे साफ है, उसी के तहत हुआ है।
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