कपास बीज के लिए हंगामाः 42 डिग्री तापमान में गश खाकर गिरीं महिलाएं

मध्यप्रदेश के खरगोन में कपास बीज लेने के लिए तीसरे दिन भी हंगामा हुआ। इसका कारण था कि 11 बजे तक टोकन ही नहीं बांटे गए, जबकि सुबह 5 बजे से महिलाएं, बुजुर्ग यहां तक की बच्चे भी लाइन में लगे थे। 42 डिग्री तापमान में टेंट और पानी की व्यवस्था भी नहीं थी...

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Jitendra Shrivastava
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खरगोन जिला उच्च किस्म का कपास उत्पादन करने के लिए प्रदेश और देश में पहचाना जाता है। वहीं दूसरी ओर कपास बीज लेने के लिए किसानों को घंटों मशक्कत करना पड़ रही है। बीटी काटन कपास बीज रासी 659 और आशा नुजिवुड के लिए किसान सुबह 5 बजे से कृषि मंडी में आकर लाइन में लग रहे हैं। शुक्रवार को भी टोकन वितरण नहीं हुआ तो लगातार तीसरे दिन किसानों ने जमकर हंगामा किया।

किसानों ने बीच पर सड़क धरना दे दिया 

कपास बीज लेने आए लोगों ने मंडी के सामने हाइवे भी जाम कर दिया। अधिकारियों के आने के बाद टोकन वितरण शुरू किया तो किसान रास्ते से हटे। शुक्रवार को भी सुबह 5 बजे से किसान कृषि उपज मंडी पहुंचकर लाइन में लग गए, लेकिन सुबह 11 बजे तक न टोकन वितरण शुरू हुआ न ही काउंटर खुला तो वे गुस्सा हो गए। मंडी गेट पर पहुंचे किसानों ने बीच सड़क पर धरना दे दिया। इससे आवाजाही बाधित हुई। 

व्यापारी कर रहे हैं मनमानी

मौके पर पहुंचे एसडीएम भास्कर गाचले, एएसपी टीएस बघेल व डीडीए एमएल चौहान ने किसानों को बीज उपलब्ध करवाने का भरोसा दिया। इसके बाद दोबारा किसान लाइन में लगे। किसान बोंदरसिंह बड़ोले, त्रिलोक खरते का कहना है कि हर साल दोनों किस्म के बीज की मांग रहती है। इसके बावजूद कृषि विभाग ने अब तक कोई ठोस पहल नहीं की है। व्यापारी मनमानी कर रहे हैं।

कंपनी ने जितने पैकेट भेजे हैं उतने बंटवा रहे हैं

वर्तमान समय बुआई का है, यदि समय पर बुआई नहीं हुई तो अगली फसल में पिछड़ जाएंगे। किसान पिछले तीन दिन से 42 डिग्री तापमान में खुले आसमान के नीचे कतार लगा रहे हैं। छाया के साथ ही समय पर टोकन व्यवस्था नहीं होने से कृषि विभाग सहित शासन-प्रशासन के खिलाफ नाराजगी है। मामले में डीडीए का कहना है कि विशेष बीजों की मांग की जा रही है। कंपनी ने जितने बीज पैकेट भेजे हैं उतने वितरित करवाए रहे हैं। कंपनियों से बीज उपलब्धता बढ़ाने के लिए कहा है। जल्द ही समस्या दूर कर ली जाएगी।

खरगोन किसानों ने जमकर हंगामा किया कपास बीज