मध्य प्रदेश में इंदौर और भोपाल में मेट्रो लाने का श्रेय किसे है। इसका सवाल तो तभी से उठ रहा है जब तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव 2023 के पहले ट्रायल रन किए थे। लेकिन अब इसमें एक और रोचक सवाल जुड़ गया है, कूनो में चीते लाने का श्रेय किसे है। चीते और मेट्रो दोनों आपस में लिंक कैसे हैं, यह भी चलो हम आपको बताते हैं।
विधानसभा में सभी के जुड़े तार
दरअसल शुक्रवार को मप्र विधानसभा के दौरान सवाल नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल उठाया कि इंदौर और भोपाल में मेट्रो रन कब से होगा। सरकार इसे प्राथमिकता में लाए, हालांकि यह इसे शुरू हमारी सरकार के समय सीएम कमलनाथ ने किया था लेकिन कोई बात नहीं इसका श्रेय आप लीजिए, लेकिन यह बताइए कि चालू कब होगी।
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मंत्री विजयवर्गीय ने बताया ना शिवराज, ना कमलनाथ
इस सवाल पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जो जवाब दिया वह भी चौंकाने वाला था। उन्होंने ना तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान का नाम लिया और ना ही पूर्व सीएम कमलनाथ का। उन्होंने इसका श्रेय खुद को दिया। उन्होंने औपचारिक जवाब देते हुए कहा कि- नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कमलनाथ जी ने उद्घाटन किया। भाई साहब फाइल मैं आपको लगाकर दे दूंगा, सबसे पहले मेरे दिमाग की उपज थी, मैंने उसका प्लान बनाया। मैं उसको केंद्र सरकार से पास करवा कर लाया, मौका उद्घाटन करने का आपको मिला, आपने कर दिया।
फिर चीते की ऐसे उठी बात
इस पर उमंग सिंघार ने हंसते हुए कहा कि- माननीय ऐसे तो चीते की फाइल पर मैंने साइन किए थे, लेकिन मोदी जी ने छोड़े। बता दें कि कांग्रेस सरकार में सिंघार वनमंत्री थे।
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सरकार तो चलती हुई प्रक्रिया
इस पर कैलाश विजयवर्गीय बोले कि इसलिए इसको ऐसा लीजिए कि सरकार चलती हुई प्रक्रिया है। आप जबरदस्ती में श्रेय क्यों लेते हैं। सरकार ने किया है कमलनाथ जी का नाम हम थोड़ी हटा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर 17 सितंबर 2022 को कूनो में नामीबिया से लाए चीते छोड़े थे। सिंघार के दावे से आया है कि इसकी फाइल कांग्रेस सरकार के समय उनके विभाग से चली थी।
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