आज के डिजिटल युग में साइबर अपराधी लगातार नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं ताकि आम लोगों को ठग सकें। भोपाल में रिटायर्ड डीएसपी एल. विश्वैरेया के साथ हुई साइबर ठगी इसी कड़ी का हिस्सा है। पेंशन मिलने के झांसे में उन्हें एक लिंक भेजा गया, जिस पर क्लिक करते ही 45 हजार रुपए उनके खाते से कटने का मैसेज आ गया।
पूरा मामला: कैसे हुई ठगी
रिटायर्ड डीएसपी को तीन दिन पहले WhatsApp पर एक अनजान नंबर से लिंक मिला। उस लिंक पर क्लिक करने के तुरंत बाद, मोबाइल पर इंटरनेट ब्राउज़र खुला और कुछ ही देर में बैंक खाते से 45,000 रुपये कटने का मैसेज प्राप्त हुआ।
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पुलिस से किया संपर्क
जैसे ही डीएसपी को रकम कटने का पता चला, वे तुरंत साइबर क्राइम पुलिस के ऑफिस पहुंचे और ठगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपित के बैंक खाते को होल्ड करा दिया।
30 मिनट में हुई कार्रवाई
साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज की और बैंक को भी सूचना दी। 30 मिनट के भीतर आरोपित का बैंक खाता फ्रीज हो गया और रकम वापस मिलने का रास्ता खुल गया।
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साइबर ठगी की स्थिति में तुरंत ये करें...
1. 1930 पर टोल-फ्री शिकायत करें
यह भारत सरकार का साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर है। जितनी जल्दी कॉल करेंगे, बैंक उतनी जल्दी कार्रवाई करेगा।
2. ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें
वेबसाइट: http://www.cybercrime.gov.in पर जाकर शिकायत करें। शिकायत के बाद टोकन नंबर मिलेगा जिससे ट्रैकिंग हो सकेगी।
3. अपने बैंक को तुरंत सूचना दें
कस्टमर केयर या नजदीकी शाखा में तुरंत ट्रांजैक्शन डिटेल्स, मैसेज, स्क्रीनशॉट आदि दें।
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4. नजदीकी साइबर सेल या थाने में लिखित शिकायत करें
कानूनी कार्रवाई के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन या साइबर सेल पहुंचें।
5. समय की अहमियत
पहले 1-2 घंटे में शिकायत करना सबसे प्रभावी होता है। देर करने पर रकम वापस पाना मुश्किल हो सकता है।
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साइबर ठगी से बचाव के सुझाव...
- अनजान नंबर से आए कॉल या मैसेज पर बैंक या पेंशन से जुड़ी जानकारी न दें।
- कभी भी OTP, CVV, ATM पिन या पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें।
- संदिग्ध लिंक या ऐप डाउनलोड न करें।
- हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट और ऐप का ही प्रयोग करें।
पुलिस शिकायत | धोखाधड़ी
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