मध्य प्रदेश में अब साइबर तहसील 2.0 की शुरुआत, जरूरी दस्तावेजों के लिए नहीं लगाना पड़ेंगे कार्यालय के चक्कर

साइबर तहसील 2.0 स्वचालित प्रणाली है। इससे नागरिकों को तहसील के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। वहीं तहसील स्तर पर काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों की कार्य क्षमता भी बढ़ेगी। 

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश में जमीन के क्रय-विक्रय के बाद नामांतरण की प्रक्रिया में लगने वाला महीनों का समय अब केवल 2 से 3 सप्ताह में बदल गया है। जमीन खरीदने के बाद तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, क्योंकि जरूरी दस्तावेज, खसरा, नक्शा ONLINE SMS इमेल और whats apps पर घर बैठे मिलेंगे। अब आंशिक खसरा क्रय-विक्रय प्रक्रिया भी ऑनलाइन प्रक्रिया से जोड़ दिए गए है। 

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राजस्व आयुक्त ने दी जानकारी

एमपी की प्रमुख राजस्व आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव ( Revenue Commissioner Anubha Srivastava ) ने बताया कि ऐसा साइबर तहसील 2.0 के शुरू होने से संभव हो रहा है कि एक साल में संपूर्ण खसरे के क्रय-विक्रय का नामांतरण हो सकेगा। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन नामांतरण होने से हर साल करीब 10 लाख से अधिक लोग लाभांवित होंगे। 

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जल्द निराकरण की व्यवस्था

साइबर तहसील 2.0 से प्राप्त अविवादित खसरों के क्रय-विक्रय आधारित नामांतरण प्रकरणों में क्षेत्रीय स्तर पर एण्ड-टू-एण्ड ऑनलाइन सिस्टम (End-to-end online system ) के माध्यम से तुरंत निराकरण की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था में नामांतरण (transfer of name ) के बाद नामांतरण आदेश और खसरा नक्शा की अपडेट कॉपी  ONLINE E-MAIL और वॉट्सएप के माध्यम से घर बैठे नागरिकों को मिलेगी।

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नक्शा खसरा साइबर तहसील 2.0 राजस्व आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव