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चक्रवात मोंथा (Cyclone Motha) का असर आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के तटीय इलाकों में दिखने लगा है। इसकी रफ्तार 90 से 110 किमी प्रति घंटे के बीच है, जो तेजी से आंध्र प्रदेश और ओडिशा (Odisha) के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और आंधी का कारण बन रही है।
यह चक्रवात सोमवार शाम तक विशाखापट्टनम से लगभग 560 किमी दूर था, और यह हर घंटे में 18 किमी की रफ्तार से आगे बढ़ रहा था।
मौसम विभाग के मुताबिक, मोंथा के मंगलवार तक एक भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाने की संभावना है। इससे आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी से अति भारी बारिश का अनुमान है।
इसके प्रभाव से तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में भी तीन दिन तक बारिश हो सकती है। वहीं एमपी के कई हिस्सों में भी इसका असर देखने को मिल सकता है।
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मध्य प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मानसून का आधिकारिक विदाई हो चुका है, लेकिन मोंथा के प्रभाव से राज्य के कई हिस्सों में बारिश का दौर रह सकता है। ग्वालियर में पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश हो रही है। मंगलवार सुबह तक ग्वालियर में दो इंच से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई।
मंगलवार से कई जिलों में तेज बारिश हो सकती है, जबकि भोपाल में हल्की बारिश के आसार हैं। खासकर राजगढ़, आगर मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर और भिंड जैसे जिलों में। 29-30 अक्टूबर के दौरान सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर और सिंगरौली में भी तेज बारिश हो सकती है।
इसके अलावा, रतलाम और भोपाल-इंदौर क्षेत्र में भी बारिश के आसार बने हुए हैं। सोमवार को ग्वालियर, उज्जैन, श्योपुर, दतिया, सीधी, रतलाम और टीकमगढ़ सहित अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
ग्वालियर और आसपास के जिलों में सोमवार को बारिश से आम जनजीवन प्रभावित हुआ। सीधी और रतलाम में आधा इंच से अधिक बारिश हुई, जबकि उज्जैन और छतरपुर में बूंदाबांदी का सिलसिला जारी रहा। भोपाल और इंदौर में बादल बने हुए हैं, लेकिन यहां भारी बारिश की संभावना कम है।
मध्य प्रदेश की ओर बढ़ रहा चक्रवात
मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में एक डिप्रेशन (depression) सिस्टम बन चुका है, जो मध्य प्रदेश के बीचों-बीच तक ट्रफ (trough) के रूप में फैल रहा है।
इसके अलावा, एक अन्य चक्रवात ( चक्रवाती सर्कुलेशन ) सिस्टम अरब सागर में सक्रिय है, जो मध्य प्रदेश की ओर बढ़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप, राज्य में अगले 4 दिनों तक बारिश, आंधी और गरज-चमक का सिलसिला जारी रहेगा।
29 और 30 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के 18 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में तेज बारिश और आंधी की संभावना है, जो किसानों के लिए संकटपूर्ण हो सकती है।
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कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी
इस संभावित चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गोवा, कोंकण, गुजरात और केरल के तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं की संभावना जताई गई है वहीं मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है
दबाव तेजी से बढ़ रहा पश्चिम की ओर
बंगाल की खाड़ी (बंगाल की खाड़ी में चक्रवात) पर बना दबाव करीब 7 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। यह फिलहाल पोर्ट ब्लेयर से लगभग 460 किमी, चेन्नई से 950 किमी, विशाखापत्तनम से 960 किमी और गोपालपुर से 1030 किमी दूर स्थित है। IMD के अनुसार, यह सिस्टम 26 अक्टूबर तक गहरे दबाव, 27 अक्टूबर की सुबह तक चक्रवाती तूफान और 28 अक्टूबर की सुबह तक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है
मंडी में फसलें हो रही की बर्बाद
भिंड जिले की गोहद कृषि उपज मंडी (Gohad Agricultural Market) में सोमवार को भारी बारिश के कारण 1200 से अधिक ट्रॉलियों में रखा धान भीग गया।
व्यापारियों का कहना है कि बाहरी राज्यों से आए खरीदारों ने बारिश के कारण माल उठाने से इनकार कर दिया, जिससे खरीदारी बंद कर दी गई।
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इस स्थिति को लेकर किसानों में आक्रोश है, और उन्होंने मंडी प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद मंडी परिसर में धान को सुरक्षित रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। किसानों ने प्रशासन से फसल का मूल्यांकन कर मुआवजे की मांग की है।
सेना और एजेंसियां अलर्ट पर
भारतीय नौसेना, भारतीय वायुसेना और तटरक्षक बल को भी सतर्क किया गया है। सभी तटीय ऑपरेशनल यूनिट्स को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। राहत सामग्री, नावें, हैलीकॉप्टर और संचार व्यवस्था की समीक्षा कर ली गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मोंथा इस साल का अब तक का सबसे खतरनाक चक्रवात साबित हो सकता है, जिसका असर दक्षिण-पूर्व से लेकर पश्चिमी तटीय राज्यों तक महसूस किया जा सकता है
आगामी चार दिनों के लिए अलर्ट
मौसम विभाग ने आगामी चार दिनों के लिए मध्य प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने की संभावना जताई है। बारिश के कारण कई जिले जलमग्न हो सकते हैं, और किसानों की फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
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6 नवंबर के बाद से ठंड बढ़ने की संभावना
6 नवंबर के बाद से ठंड बढ़ने की संभावना है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अगले 24 घंटों के दौरान भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत पूरे प्रदेश में आंधी, बारिश और गरज-चमक का यलो अलर्ट जारी किया गया है।
29 अक्टूबर को प्रदेश के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में तेज बारिश हो सकती है। वहीं, 30 अक्टूबर को पूर्वी हिस्से में भी बारिश का अलर्ट रहेगा।
इसके अलावा, एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिम विक्षोभ) देश के उत्तरी हिस्से में एक्टिव है, जिसके चलते बर्फबारी भी हो सकती है। इससे 6 नवंबर के बाद मध्य प्रदेश में भी ठंड का असर बढ़ जाएगा।
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