जुड़वां बहनों ने एक ही मार्कशीट से 18 साल तक की नौकरी, फिर कर दी ऐसी चूक कि पकड़ी गईं

दमोह में 19 फर्जी शिक्षक पकड़े गए है। इनमें दमोह जिले के जुड़वां बहनों ने एक ही अंकसूची पर 18 साल तक नौकरी की। विभाग ने सिर्फ 3 को बर्खास्त किया है, बाकी 16 अभी भी पढ़ा रहे हैं।

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Kaushiki
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दमोह शिक्षक घोटाला
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दमोह जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी स्कूलों में नौकरी करने का एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। शिक्षा विभाग की जांच में कुल 19 ऐसे शिक्षक सामने आए जिनकी शैक्षणिक योग्यताओं में गंभीर गड़बड़ी पाई गई। हैरानी की बात यह है कि अभी तक सिर्फ 3 को ही बर्खास्त किया गया, बाकी 16 अभी भी पढ़ा रहे हैं।

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जुड़वां बहनों को लेकर बड़ा खुलासा

बता दें कि, सबसे बड़ा खुलासा एक जुड़वां बहनों (Twin Sisters) के जोड़े को लेकर हुआ। दोनों ने बीए फाइनल (BA Final) की एक ही मार्कशीट और एक ही नाम का यूज कर सरकारी नौकरी पा ली।

18-18 वर्षों तक अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाया और 1.6 करोड़ से ज्यादा वेतन उठा लिया। मामला तब पकड़ा गया जब दोनों ने एक ही स्कूल में ट्रांसफर के लिए आवेदन दिया।

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केस 1: एक नाम, एक मार्कशीट, दो बहनें

रश्मि पति दीपेंद्र सोनी: मिडिल स्कूल, कुमेरिया, दमोह
रश्मि पति विजय सोनी: प्राइमरी स्कूल, खैराई, सागर

दोनों बहनों ने एक जैसे नाम और एक ही अंकसूची से 18 साल तक सरकारी स्कूलों में पढ़ाया। जैसे ही पोस्टिंग के लिए एक ही स्कूल में आवेदन किया, घोटाला सामने आया। एक फरार है और दूसरी ने नोटिस का जवाब नहीं दिया।

केस 2: फर्जी डीएड, फिर भी बहाल

नीलम तिवारी और आशा मिश्रा, जो जुड़वां बहनें हैं और देवरानी-जेठानी भी हैं और डीएड (D.Ed) की मार्कशीट्स फेक फॉर्गेड डाक्यूमेंट्स (Fake Job Scam) से 18 साल तक सरकारी स्कूलों में पढ़ाया।

दोनों दमोह के मैनवार और गढ़ोला खीड़े स्कूलों में पोस्टेड थीं। सिर्फ सस्पेंशन की कार्रवाई हुई और कुछ समय बाद बहाल भी कर दिया गया।

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हाई कोर्ट की कार्रवाई

इन मामलों में हाई कोर्ट (High Court) के आदेश के बावजूद विभाग ने तेजी नहीं दिखाई। दमोह के जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer)  एसके नेमा का कहना है, “कुछ मामलों की जांच जारी है, एक माह में पूरी कर रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी जाएगी।”

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