दमोह फर्जी डॉक्टर मामले में हुई सीएम योगी की एंट्री, एक ट्वीट से हुआ नया खुलासा

दमोह में सात मौतों के आरोपी फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन जॉन कैम का इतिहास धोखाधड़ी से भरा है। तेलंगाना में उसने दो बार अस्पतालों को टेकओवर किया, लेकिन कर्मचारियों को वेतन नहीं देने पर मामला पुलिस तक पहुंच गया।

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Rohit Sahu
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दमोह में सात मौतों के आरोपी फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन जॉन कैम को लेकर एक और खुलासा हुआ है। वह तेलंगाना में भी गिरफ्तार हो चुका है। उसकी पोल तब खुली जब उसने फ्रांस में भड़के दंगों को शांत करने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजने की मांग करते हुए एक ट्वीट किया। यह उस समय खूब वायरल हुआ और लोगों ने उसे इंग्लैंड का प्रसिद्ध डॉक्टर समझ लिया। लेकिन असली डॉ. जॉन कैम की टीम ने सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर इसका भंडाफोड़ किया कि वह व्यक्ति फर्जी है।

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तेलंगाना में दो अस्पताल टेकओवर कर चुका है फर्जी डॉक्टर

पुलिस जांच में सामने आया कि नरेंद्र यादव ने पहले भी धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम दिया है। 2019 में उसने अपनी पत्नी दिव्या रावत के साथ मिलकर तेलंगाना में ब्राउनवॉल्ड नाम से कंपनी बनाकर दो अस्पताल टेकओवर किए थे। उसने वहां 100 से ज्यादा कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया और जब उन्होंने विरोध किया तो उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी देकर फरार हो गया। हैदराबाद के कुशाईगुड़ा थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ था।

चेन्नई से हुई थी गिरफ्तारी, फिर मिली जमानत

तेलंगाना पुलिस ने मई 2019 में नरेंद्र यादव को चेन्नई के पास से गिरफ्तार किया और न्यायिक हिरासत में भेजा। पूछताछ में उसने बताया कि उसने एलबी नगर स्थित हिमबंदु अस्पताल को भी टेकओवर किया था। हालांकि बाद में उसे जमानत मिल गई और वह बाहर आ गया। इसके बाद उसने फिर से फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया।

योगी को लेकर किया था ट्वीट

फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ फोटो मॉर्फ्ड भी किए हैं। दरअसल फ्रांस में 27 जून 2023 को एक 17 वर्षीय अल्जीरियाई लड़के की गोली मारकर हत्या के आरोप के बाद दंगे भड़क उठे थे। इस पर डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने ट्वीट किया कि भारत को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फ्रांस भेजना चाहिए, जो 24 घंटे में दंगे नियंत्रित कर देंगे। योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी थी। 

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ब्रिटेन में बनाई फर्जी कंपनी

ब्रिटेन में उसने ब्राउनवॉल्ड लाइफकेयर लिमिटेड नाम से कंपनी रजिस्टर कराई और अपनी पत्नी को वाइस प्रेसिडेंट बनाया। 2019 में उसने अपना नाम बदलकर नरेंद्र जॉन कैम कर लिया और कंपनी का नाम बदलकर 'जॉन कैम हेल्थ केयर लिमिटेड' रख दिया। मार्च 2023 में ब्रिटेन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रोहिन फ्रांसिस ने ट्विटर पर उसका पर्दाफाश किया कि यूके की कई बंद हो चुकी कंपनियों में उसे फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट और निदेशक के तौर पर दिखाया गया है।

पुलिस को दिए गलत डॉक्यूमेंट

9 अप्रैल 2025 को दमोह पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में नरेंद्र यादव ने खुद को कुंआरा बताया। लेकिन पहले से मौजूद उसके कई बायोडाटा में उसने खुद को विवाहित और एक बच्चे का पिता बताया है। पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि वह वास्तव में अविवाहित है या शादीशुदा है।

सीएम योगी के साथ 

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