BHOPAL. मध्यप्रदेश में गलत उपचार और अवैध क्लीनिकों की शिकायतों के बाद स्वास्थ्य अमला हरकत में आ गया है। भोपाल में सीएमएचओ की टीम ने कई क्लीनिकों की जांच की तो उनमें बेतहाशा कमियां पाई गईं। कहीं हकीम यूनानी चिकित्सा पद्धति छोड़कर मरीजों को बॉटल चढ़ाते और इंजेक्शन लगाते मिले तो कहीं होम्योपैथिक चिकित्सकों के पास अंग्रजी दवाओं की भरमार मिली। ऐसे क्लीनिकों को बंद कराया गया है।
ताला लगाकर गायब नीम हकीम
स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियम विरुद्ध चल रहे क्लीनिकों की जांच के निर्देश के बाद सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी की टीम शहर में कई क्षेत्रों में पड़ताल करने पहुंची। इस दौरान अशोका गार्डन और सुंदर नगर में कई क्लीनिकों में चिकित्सक अपनी चिकित्सा पद्धति को छोड़कर एलोपैथिक दवाओं से उपचार करते मिले। अशोका गार्डन में लाइफ केयर क्लिनिक सीएमएचओ कार्यालय में पंजीयन के बिना ही संचालित पाया गया। इसी क्षेत्र में संचालित लाइफ लाइन क्लिनिक टीम के पहुंचने से पहले ही बंद कर दिया गया और वहां ताले लगे मिले।
ये खबरें भी पढ़िए :
अयोध्या राम मंदिर प्रसाद के नाम पर साइबर फ्रॉड, श्रद्धालुओं से 3 करोड़ 85 लाख रुपए ठगे
MP में 50 हजार सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन, कांग्रेस का घोटाले का आरोप
क्लिनिक में भर्ती मिले मरीज
क्लिनिक संचालक युसुफ खान यूनानी चिकित्सक की डिग्री के बावजूद एलोपैथी से इलाज कर रहे थे। कुछ अन्य क्लीनिकों में भी यूनानी, आयुर्वेद और होम्योपैथिक चिकित्सा की डिग्री रखने वाले चिकित्सक अंग्रेजी दवाओं से मरीजों का उपचार करते पाए गए। वहीं कुछ क्लीनिकों में नर्सिंग होम का लाइसेंस न होने पर भी मरीज भर्ती मिले। सीएमएचओ की टीम द्वारा जांच किए जाने की खबर के बाद शहर के कई इलाकों में अनाधिकृत क्लीनिकों के शटर बंद हो गए।
ये खबरें भी पढ़िए :
बेंगलुरु भगदड़ : कर्नाटक सरकार का बड़ा एक्शन, सीएम के सचिव बर्खास्त, इंटेलिजेंस प्रमुख का ट्रांसफर
MP पुलिस के 45 पुलिस अधिकारी-कर्मचारी केएफ रुस्तमजी पुरस्कार से सम्मानित
मेडिकल वेस्ट सर्टिफिकेट भी देखा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की टीम ने निजी क्लीनिकों में सीएमएचओ कार्यालय के पंजीयन, चिकित्सक का रजिस्ट्रेशन, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से जारी बॉयोमेडिकल वेस्ट निष्पादन संबंधी सर्टिफिकेट, उपलब्ध दवाओं की भी पड़ताल की है। वहीं जांच में डिग्रीधारी चिकित्सकों द्वारा दूसरी पद्धति में उपचार करते पाए जाने पर उनके विरुद्ध लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई के लिए अनुशंसा भी की जा रही है।