मध्य प्रदेश के दतिया जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है। दतिया से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती के खिलाफ चल रहे धोखाधड़ी के केस में विशेष सत्र न्यायालय ने सुनवाई की। इस दौरान, भारती ने कोर्ट में एक आवेदन दायर करते हुए पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि नरोत्तम मिश्रा और उनका बेटा, भतीजा केस को प्रभावित कर रहे हैं और न्यायिक प्रक्रिया को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि दतिया के डीपीओ और एडीपीओ भी मिश्रा के पक्ष में काम कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, 3 जनवरी को होगी सुनवाई
भारती ने इस मामले में ट्रायल को दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका पर 3 जनवरी को सुनवाई होगी। कोर्ट ने भारती के आवेदन को रिकॉर्ड पर लिया और अब इस मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी।
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एफडी मामले में धोखाधड़ी का आरोप
राजेंद्र भारती ने जिला सहकारी ग्रामीण बैंक में अपनी मां के नाम पर 10.50 लाख रुपए तीन साल के लिए जमा किए थे। इस राशि पर बैंक द्वारा 13.50% ब्याज की दर निर्धारित की गई थी। बाद में इस एफडी की अवधि बढ़ाकर 15 साल कर दी गई थी। इस बीच, बैंक के अधिकारी नरेंद्र सिंह ने अदालत में परिवाद दायर किया, जिसके बाद कोर्ट ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। इस केस का विचारण अब दतिया से एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित हो चुका है।
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राजेंद्र भारती के आरोप
राजेंद्र भारती ने कोर्ट में कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- राजनीतिक दबाव के तहत उन पर झूठा केस दर्ज कराया गया।
- नरेंद्र सिंह ने तथ्यों को छिपाया और गलत जानकारी दी।
- सर्कुलर के अनुसार एफडी की अवधि को बढ़ाया जा सकता था, लेकिन इसे जानबूझकर विवादित बनाया गया।
- पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के दबाव में झूठा मामला दर्ज हुआ।
- परिवादी नरेंद्र सिंह और उनके सहयोगी मिश्रा के इशारों पर काम कर रहे हैं।
- केस का प्रभाव और भविष्य की सुनवाई
- राजेंद्र भारती का मानना है कि यदि इस मामले का निर्णय ग्वालियर या मध्य प्रदेश में हुआ, तो नरोत्तम मिश्रा इस पर प्रभाव डाल सकते हैं। भारती का
- कहना है कि उन्हें न्याय की सही उम्मीद तभी होगी, जब ट्रायल दूसरे राज्य में स्थानांतरित किया जाएगा।
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