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नीमच के 16 साल पुराने फर्जी एनकाउंटर मामले में दिल्ली सीबीआई ने इंदौर से दो अहम गिरफ्तारी की है। इसमें पन्ना में पदस्थ डीएसपी ग्लैडविन एडवर्ड और प्रधान आरक्षक नीरज प्रधान हैं। यह गिरफ्तारी नीमच के चर्चित बंशीलाल गुर्जर एनकाउंटर केस में हुई है।
पूछताछ में बुलाया और फिर गिरफ्तारी
जानकारी के अनुसार ग्लैडविन और प्रधान दोनों को मंगलवार को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था। करीब तीन घंटे की पूछताछ के बाद दोनों की गिरफ्तारी ली गई और फोन जब्त किए गए। ग्लैडविन अभी पन्ना में एसडीओपी हैं और नीरज अभी भी नीमच में ही पदस्थ हैं। दोनों ही एनकाउंटर टीम में शामिल थे। टीम में एएसपी और कुछ अन्य पुलिसकर्मी भी थे, लेकिन एएसपी ने अवकाश ले लिया और वह पूछताछ के लिए नहीं आए।
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यह है फर्जी एनकाउंटर कांड
साल 2009 में सात फरवरी को नीमच में कुख्यात तस्कर बंशी गुर्जर का एनकाउंटर का दावा हुआ, लेकिन साल 2012 में वह उज्जैन में जिंदा मिला। दरअसल गुर्जर की हिम्मत इतनी हो गई थी कि उसने चार फरवरी 2009 को पुलिस पर हमला कर अपने साथी को छुड़ा लिया था। बाद में सात फरवरी को पुलिस ने दावा किया कि गुर्जर मारा गया। लेकिन साल 2012 में गुर्जर का एक साथी उज्जैन पुलिस द्वारा पकड़ा गया और उसने बताया कि गुर्जर जिंदा है, और फिर दिसंबर 2012 में गुर्जर को जिंदा पकड़ा गया। इस मामले में याचिकाकर्ता गोवर्धन पंडया ने अपील करते हुए हाईकोर्ट से जांच की मांग की। इसके बाद मामला सीबीआई को गया और इसी जांच में यह डीएसपी गिरफ्तार हुए।
अभी यह अधिकारी जांच के घेरे में
इस मामले में कई अधिकारी जांच के रडार में हैं। इसमें तत्कालीन एसपी वेदप्रकाश शर्मा, जो रिटायर हो गए हैं और अभी बाबा रामदेव की कंपनी का काम देखते हैं। उनके साथ ही अनिल पाटीदार, जो अभी बड़वानी के एडिशनल एसपी हैं, विवेक गुप्ता, जो पीथमपुर सीएसपी हैं और उस समय एसआई थे, मुख्तयार कुरैशी, एसीपी भोपाल, जो उस समय एसआई थे, यह सभी भी जांच के घेरे में हैं।
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