देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी इंदौर कुलपति, कुलसचिव पीएम मोदी से नहीं ले सके सौ करोड़ की ग्रांट

पीएम मोदी सरकार ने मप्र से विविध यूनिवर्सिटी के मिले प्लान में से बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी भोपाल, उज्जैन की विक्रम यूनिवर्सिटी और ग्वालियर की जीवाजीराव यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव मंजूर किए। इन तीनों को ही 100-100 करोड़ रुपए की ग्रांट मिली है।

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Pratibha Rana
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देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी

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संजय गुप्ता, INDORE. मप्र की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी देवी अहिल्या (Devi Ahilya University) की साख कठघरे में आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्रांट योजना (Prime Minister Narendra Modi Grant Scheme) के तहत जहां मप्र की तीन यूनिवर्सिटी सौ-सौ करोड़ की ग्रांट पाने में कामयाब हुई, वहीं इंदौर की यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव खारिज हो गया और उसे सौ करोड़ की ग्रांट से बाहर कर दिया गया है। शैक्षणिक जगत में इसे कुलपति डॉ. रेणु जैन और कुलसचिव अजय वर्मा की मुख्य तौर की बड़ी विफलता के तौर पर देखा जा रहा है (Devi Ahilya University Indore Vice Chancellor)। 

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इन 3 यूनिवर्सिटी को मिली ग्रांट

पीएम मोदी सरकार ने मप्र से विविध यूनिवर्सिटी के मिले प्लान में से बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी भोपाल, उज्जैन की विक्रम यूनिवर्सिटी और ग्वालियर की जीवाजीराव यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव मंजूर किए। इन तीनों को ही 100-100 करोड़ रुपए की ग्रांट मिली है। इस राशि से इन तीनों यूनिवर्सिटी में बड़े स्तर पर विकास काम हो सकेंगे। 

इंदौर को केवल 20 करोड़ मिले

वहीं इंदौर यूनिवर्सिटी को केवल 20 करोड़ का ही ग्रांट मिला। इसके साथ ही जबलपुर, शहड़ोल, छतरपुर और रीवा को भी 20-20 करोड़ रुपए की ग्रांट मिली है। इस तरह इन पांच यूनिवर्सिटी को कुल 100 करोड़ रुपए मिले हैं। इस तरह मप्र की कुल आठ यूनिवर्सिटी को 400 करोड़ का ग्रांट मिला है। 

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कुलपति के तौर पर पांच साल पूरे करने जा रही जैन

कुलपति डॉ. रेणु जैन को इंदौर में लंबा समय हो गया है, डॉ. भरत छापरवाल के बाद वह इतना लंबा समय गुजारने वाली पहली कुलपति है। इस साल उन्हें पांच साल का कार्यकाल हो जाएगा। लेकिन इतने लंबे कार्यकाल के बाद भी इस ग्रांट का हाथ से निकल जाना उनकी बड़ी विफलता के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं कुलसचिव अजय वर्मा प्रशासनिक मुखिया होने के नाते उनकी भी इसमें विफलता है। यूनिवर्सिटी का ना परीक्षा शेड्यूल समय पर हो रहा है और ना ही रिजल्ट में कोई भारी सुधार दिख रहा है। उल्लेखनीय है कि डॉ. जैन, केंद्र में नियुक्त मप्र के आईएएस अनुराग जैन जो एक समय मुख्य सचिव के लिए चर्चा में आए थे, उनकी बहन है।

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