लव जिहाद पर DGP कैलाश मकवाना सख्त, स्कूल-कॉलेजों तैनात होंगे नोडल अधिकारी

डीजीपी ने लव जिहाद रोकने के लिए स्कूलों और कॉलेजों से पुलिस का समन्वय बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नोडल अफसरों की तैनाती और सोशल मीडिया पर निगरानी के आदेश दिए।

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Amresh Kushwaha
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मध्य प्रदेश पुलिस को लव जिहाद की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी कैलाश मकवाना ने भोपाल पुलिस कमिश्नरेट और आसपास के जिलों की कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक की। इसमें डीजीपी ने यह स्पष्ट किया कि लव जिहाद की घटनाओं को रोकना अब पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए। इस दिशा में पुलिस का स्कूलों और कॉलेजों के प्रबंधन से सीधा समन्वय होना जरूरी है। इससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या घटना की सूचना तुरंत मिलगी और प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी।

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कॉलेजों में होगी नोडल अफसरों की तैनाती

डीजीपी ने कहा कि हर कॉलेज में एक नोडल अफसर तैनात किया जाए। यह पुलिस और कॉलेज प्रबंधन के बीच सेतु का काम करे। यह अफसर कॉलेज में होने वाली किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट पुलिस तक पहुंचाएगा। विशेष रूप से छात्राओं से जुड़ी किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जाए।

हाल ही में, युवतियों को पहचान छुपाकर प्रेमजाल में फंसाने की कई शिकायतें सामने आई हैं। इसके बाद डीजीपी ने यह निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने गुमशुदा नाबालिग बालिकाओं के मामले में भी विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इससे इन लड़कियों की जल्दी से खोज की जा सकेगी और उन्हें सुरक्षित किया जा सकेगा।

लगातार सोशल मीडिया पर रखें निगरानी

डीजीपी ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर लव जिहाद या सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाली पोस्ट्स पर तत्काल एक्शन लिया जाए। सोशल मीडिया के जरिए भड़काऊ संदेशों और गलत गतिविधियों को फैलाने से रोकने के लिए पुलिस को लगातार निगरानी रखनी चाहिए।

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थाने में पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति जरूरी

बैठक में डीजीपी ने थाना इंचार्जो और पुलिस कर्मचारियों की उपस्थिति पर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि लॉ-एंड-ऑर्डर ड्यूटी के बाद टीआई और स्टाफ अक्सर थाने से गायब हो जाते हैं, जो चिंताजनक है। डीजीपी ने कहा कि थाना इंचार्ज को जिम्मेदारी निभानी होगी। दोनों समय (सुबह और शाम) उनकी उपस्थिति दर्ज की जानी चाहिए। इससे पुलिस की विजिबिलिटी बढ़ेगी। साथ ही, आम जनता को सुरक्षा का अहसास होगा।

पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग पर रखे ध्यान

डीजीपी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जो पुलिसकर्मी विभागीय जांच में शामिल हैं, उन्हें थानों में पोस्ट न किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी पुलिसकर्मी अपने कर्तव्यों का पालन करें। साथ ही, कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह से सक्षम हों।

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इन जिलों के पुलिस अफसर रहे मौजूद

यह बैठक भोपाल, विदिशा, सीहोर, राजगढ़ और भोपाल देहात के पुलिस अफसरों के साथ हुई। इसमें क्राइम की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की गई। अधिकारियों ने अपने-अपने जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में प्रेजेंटेशन दिया। साथ ही, डीजीपी से मार्गदर्शन प्राप्त किया।

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