भोजशाला में एएसआई सर्वेः 45वें दिन पुरातन सिक्के मिलने की जगह खुदाई की

मध्यप्रदेश के धार में भोजशाला के एएसआई सर्वे के 45वें दिन नई जगह खुदाई का काम चला। खुदाई वाले स्थानों पर नीचे टीम के सदस्यों को उतारा गया और ड्राइंग बनवाई गई। इसके अलावा यज्ञ कुंड की ड्राइंग बनाई गई...

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Jitendra Shrivastava
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BHOPAL. धार भोजशाला में सर्वे के 45वें दिन ( 45th day of survey in Bhojshala ) रविवार, 5 मई को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम ने यज्ञ कुंड की ड्राइंग बनाई। इसके अलावा खुदाई वाले जगह पर नीचे गहराई में टीम के सदस्यों को उतारा और वहां की भी ड्राइंग तैयार की गई है। इस ड्राइंग के तहत जमीन के नीचे से निकली दीवार के बारे में विवरण दर्ज किया जाएगा। वहीं उत्तर की दिशा में नए स्थान पर खोदाई कार्य शुरू किया गया है। अब मिट्टी को छानने का कार्य भी किया जा रहा है। 

सिक्के मिलने के बाद करवा रहे मिट्टी की छनाई

भोजशाला में एएसआई सर्वे ( Dhar Bhojshala ASI Survey ) में जब से पुरातन काल के सिक्के मिले हैं, तब से यह कदम उठाया गया है। उत्तर दिशा में जहां पहले से पाषाण अवशेषों का ढेर हैं, उसी के पास खुदाई शुरू की गई है। सभी स्थानों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की जा रही है। विशेषज्ञों द्वारा तैयार की जा रही ड्राइंग में दीवार और उससे संबंधित विवरण को दर्ज किया जा रहा है। भोजशाला में दक्षिण-पश्चिम की ओर भी एक ट्रेंच बनी है, जो अंग्रेजी के एल आकार की है। यहां भी मिट्टी हटाई गई है। 

भाषा विशेषज्ञों ने दरगाह पर लगे शिलालेखों को पढ़ा

इधर भाषा विशेषज्ञ का काम भी जारी रहा। उन्होंने भोजशाला और कमाल मौलाना की दरगाह पर लगे शिलालेखों को पढ़ा है। उनके बारे में जानकारी लिखी जा रही है। रविवार को डेढ़ माह का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। एएसआई को छह सप्ताह के बाद अतिरिक्त समय मिला है, उसके भी तीन दिन बीत चुके हैं। अब 53 दिन शेष रह गए हैं। 

दरगाह में लगे मार्बल के अंदर से दो शिलालेख और मिले हैं

याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने कहा कि 45 दिनों के सर्वे में भोजशाला के अंदर और बाहर सर्वे का काम हुआ है। वहीं आज एक ट्रेंच में उतरकर उसकी ड्राइंग बनाई गई है। मुख्य काम दक्षिण दिशा में हुआ, जहां पिलर के पास एक पाल बनाई गई है। इससे स्मारक की सुरक्षा पूरी हो और वर्षा में दिक्कत नहीं हो। भोजशाला के उत्तर की ओर बाहर का कोना है। वहां भी खोदाई शुरू की गई है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार ही पूरा काम हो रहा है। न्यायालय के निर्देश का अक्षरशः पालन किया जा रहा है। मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद का कहना है कि दरगाह में लगे मार्बल के अंदर से दो शिलालेख और मिले हैं। दावा किया है कि ये शिलालेख लगभग 900 से 1000 साल पुराने हैं।

Dhar Bhojshala ASI Survey भोजशाला में एएसआई सर्वे 45th day of survey in Bhojshala