Dhar Bhojshala ASI Survey
INDORE. भोजशाला के ASI सर्वे के 35वें दिन गुरुवार, 25 अप्रैल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम को ऐतिहासिक भोजशाला के भीतरी परिसर में दीवारनुमा संरचना मिली, जिसकी तीन दीवारें एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। अब खोदाई कर यह संरचना क्या है, इसका पता लगाया जाएगा। हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने बताया कि टीम ने भीतरी परिसर में आठ स्थानों का चयन किया है। मध्यप्रदेश के धार भोजशाला में चल रहे आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के सर्वे के 35वें दिन गुरुवार, 25 अप्रैल को ASI की टीम सर्वे का काम पूरा करके बाहर आई। एएसआई के 14 अधिकारियों सहित 28 मजदूर सुबह 8 बजे भोजशाला पहुंचे थे।
दीवार की आकृति दिख रही
हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया की भोजशाला के गर्भ ग्रह में दक्षिण में और पश्चिम में सर्वे का काम गति के साथ चला वही टीम ने कमाल मौला मज्जिद में भी केमिकल ट्रीटमेंट के साथ काम किया वहीं उन्होंने कहा कि बीते आठ दिनों से जो ईंट दिखाई दे रही थी। अब वह खुदाई में दीवार की आकृति के रूप में दिखने लगी हैं। जो दो हिस्सों में जुड़ी हुई है एक पूर्व से पश्चिम की ओर दूसरी उत्तर से दक्षिण की ओर जा रही है। ऐसा स्ट्रक्चर दिखाई दे रहा है आने वाले समय में देखते हैं। वह क्या निकलता है और खुदाई होगी तो उसका स्वरूप पता चलेगा कि वह कितनी नीचे तक है।
हिंदू पक्ष की जीपीआर मशीन से सर्वे की मांग
हिंदू पक्ष ने मांग की है कि ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सहित अन्य मशीनों के माध्यम से सर्वे किया जाए। जीपीआर मशीन से सर्वे के लिए कोर्ट ने भी आदेशित किया है। 35 दिन बाद भी इसका उपयोग नहीं हो पाया है। इसके माध्यम से जमीन के अंदर की धरोहर का पता लगाया जा सकता है।
35 दिनों में 40 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हुआ
आगामी दिनों में टीम में नए विशेषज्ञ जुड़ने वाले हैं। वे उर्दू, अरबी व फारसी के जानकार होंगे। बता दें कि 22 मार्च से भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा सर्वे किया जा रहा है। 35 दिनों में 40 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हो पाया है। एएसआई ने सर्वे के लिए आठ सप्ताह के अतिरिक्त समय देने को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में आवेदन दिया है, इस पर सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।